Health Benefits of Black Pepper in Hindi - काली मिर्च के फ़ायदे
हमारे यहाँ प्रयुक्त किए जाने वाले मसालों में काली मिर्च का प्रमुख स्थान है. ये व्यंजन को तीखा बनाने के साथ ही उसके स्वाद में भी वृद्धि करती है. गर्म मसाले की कल्पना बिना काली मिर्च के नहीं की जा सकती है. स्वाद में तीखा लगने वाला काली मिर्च, हरे मिर्च से अलग आकार में यानी गोलाकार में होता है. इसका रंग एकदम काला होता है. रोजमर्रा के भोजन में इसका नियमित इस्तेमाल करने पर इससे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ अर्जित किए जा सकते हैं. यदि उचित मात्रा में इसका इस्तेमाल किया जाए तो इसके कोई नुकसान भी नहीं हैं.आइए काली मिर्च के फायदों पर प्रकाश डालते हैं.
1. तनाव दूर करने में
तनाव दूर करने के लिए आप काली मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. काली मिर्च, पिपेरीन सेरोटोनिन के उत्पादन में वृद्धि करके एक तनाव दूर करने वाले औषधि के रूप में कार्य करता है. सेरोटोनिन, मूड ठीक करने के लिए एक महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर है वहीं सेरोटोनिन का निम्न स्तर तनाव का एक महत्वपूर्ण कारक है. पिपेरीन, मस्तिष्क में बीटा एंडोर्फिन को बढ़ाकर मानसिक स्पष्टता को प्रोतसाहित करता है. एंडोर्फिन प्राकृतिक दर्द निवारक और मूड लिफ्टर के रूप में काम करता है. वे तनाव को कम करते हैं.
2. भूख बढ़ाने में
काली मिर्च, एक भूख उत्तेजक के रूप में काम करती है. कम भूख लगने वाले लोगों के लिए काली मिर्च एक बहुत ही उत्कृष्ट और सरल उपाय है. इसके लिए आधा चम्मच काली मिर्च और गुड़ पाउडर के एक चम्मच की मदद से एक मिश्रण तैयार करके जब तक आपको अपने में सुधार न दिखे तब तक इस मिश्रण का सेवन नियमित आधार पर लगातार करते रहें.
3. सर्दी से राहत दिलाने में
काली मिर्च एक उच्चतम रोगाणुरोधी के रूप में कार्य करते हुए विभिन्न खांसी और सर्दी के उपचारों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए प्रतिदिन दो या तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर का आधा चम्मच मिलाकर पियें. इसके अलावा कुछ काली मिर्च और युकलिप्टुस तेल के साथ मिश्रित गर्म पानी का भाप लेने का प्रयास कर सकते हैं. आप चाहें तो काली मिर्च का मिश्रण और तिल के तेल के कुछ बूंदों को सूंघ भी सकते हैं.
4. पोषण को बढ़ावा
इसमें मौजूद पिपेरीने नामक यौगिक विटामिन ए, विटामिन सी, सेलेनियम, बीटा कैरोटीन जैसे अन्य पोषक तत्वों की जैव-उपलब्धता को बढ़ाकर आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है. पिपेरीने यौगिक कुकुर्मिन की जैव-उपलब्धता को भी बीस गुना तक बढ़ा सकती है. इसके अलावा, पिपेरीने आंत्र में अमीनो एसिड ट्रांसपोर्टर को उत्तेजित करके कोशिकाओं से पदार्थों को हटाने से रोकता है और आंत्र गतिविधि को कम करता है. इससे अधिक पदार्थ सक्रिय रूप में शरीर में उपयोग के लिए उपलब्ध रहते हैं.
5. गैस की समस्या का समाधान
एक कार्मिनेटिव के रूप में काली मिर्च गैस के गठन को रोकने में भी मदद करता है. इसके लिए आप अपने भोजन में मिर्च के बदले काली मिर्च का इस्तेमाल शुरू कर दें. इसके अलावा अपच और पेट में भारीपन दूर करने के लिए, काली मिर्च और जीरा पाउडर का एक तिहाई चम्मच एक गिलास छाछ में मिलाकर पियें.
6. दांत की समस्याओं के लिए
चूंकि काली मिर्च दर्द और सूजन को कम करने में सहायक है, आप काली मिर्च का उपयोग उसके साथी-नमक के साथ मसूड़ों में जलन व सूजन को ठीक करने में कर सकते हैं. यह खराब सांस और मसूड़ों से रक्तस्राव जैसी मौखिक परेशानियों का समाधान करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. दांत और मसूड़ों से सम्बन्धित समस्याओं को अलविदा कहने के लिए:- • पानी की कुछ बूंदों में नमक और काली मिर्च दोनों को बराबर मात्रा में मिलाएं और इससे अपने मसूढ़ों की मालिश करें. • दांत दर्द को कम करने के लिए, लौंग के तेल में काली मिर्च पाउडर की एक चुटकी मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
7. पाचन शक्ति बढ़ाने में
काली मिर्च स्वाद की कलिका को उत्तेजित करके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव को बढ़ाता है. इसके परिणामस्वरूप हमें बेहतर और स्वस्थ पाचन मिलता है. पाचन में सुधार करके काली मिर्च उदर-संबंधी सूजन, अपच, पेट फूलना, पेट में गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है.
8. गठिया दर्द को काबू
काली मिर्च अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-गठिया गुणों के कारण, गठिया के इलाज के लिए बेहद उपयोगी है. इसके अलावा, यह रक्त-संचलन में सुधार लाताकर खराब परिसंचरण के कारण संयुक्त दर्द को रोकाता या कम करता है.
9. वजन कम करने के लिए
काली मिर्च भूख को उत्तेजित करने के साथ ही आपको वजन कम करने में मदद कर सकती है. दरअसल इसकी बाहरी परत में वसा कोशिकाओं के भंजन को प्रोत्साहित करने वाले फैटोनुट्रिएंट्स होते हैं. इसके अलावा, काली मिर्च आपके चयापचय में सुधार करके कैलोरीज के कम कर सकती है. इसके साथ ही काली मिर्च एक वसा रहित आहार भी है और मूत्रवर्धक एवं डाइफोरेक्टिक जड़ी बूटी होने के कारण, यह पेशाब और पसीना को बढ़ावा देकर शरीर से विषाक्त पदार्थों और अधिक पानी को बाहर निकालता है.
10. कैंसर से बचाव
काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि कैंसर से लड़ते हैं, विशेषकर बृहदान्त्र और ब्रेस्ट कैंसर से. काली मिर्च अपने महत्वपूर्ण एंटी-प्रोलिफेरेटिव गतिविधि के द्वारा बृहदान्त्र कोशिका प्रसार को बाधित कर सकता है. इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल सामग्री उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग के खिलाफ भी रक्षा प्रदान करती है.