हेपेटाइटिस बी का आयुर्वेदिक इलाज - Hepatitis B Ka Ayurvedic Ilaj!
हेपेटाइटिस बी एक वायरस है जो लिवर को संक्रमित करता है. ज्यादातर लोग इससे ग्रसित होने पर कुछ सामय बाद ही बेहतर महसूस करने लगते जिसे एक्यूट हेपेटाइटिस बी कहा जाता है. लेकिन कभी-कभी इन्फेक्शन लंबे समय तक भी रह सकता है जिसे क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कहा जाता है. यह आपको लम्बे समय में लीवर को नुकसान पहुंचाता है. वायरस से संक्रमित शिशुओं और छोटे बच्चों को क्रोनिक हेपेटाइटिस होने का ज्यादा खतरा रहता है. कभी-कभार ऐसा भी होता है की आप हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हो और आपको इस बीमारी का अनुभव तक नहीं होता. ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा संभव है कि इसके लक्षण दिखाई ना दें. यदि इसके लक्षण नज़र आते भी हैं तो वह फ्लू के लक्षण जैसे प्रतीत होते हैं. लेकिन इस स्थिति में भी आप इससे अपने आस-पास के लोगों को संक्रमित कर सकते हैं.
क्या है हेपेटाइटिस बी की बिमारी?
पीलिया या हेपेटाइटिस एक सामान्य लीवर डिसऑर्डर हैं, जो कई असामान्य चिकित्सा कारणों की वजह से से हो सकते हैं. पीलिया होने पर किसी व्यक्ति को सिर दर्द, लो-ग्रेड फीवर, मतली और उल्टी, भूख कम लगना, त्वचा में खुजली और थकान आदि लक्षण होते हैं. त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है. इसमें मल पीला और मूत्र गाढ़ा हो जाता है. हालांकि ऐसे में कुछ घरेलू उपचार आपकी काफी मदद कर सकते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपचारों के बारे में जानें.
1. मूली का रस व पत्ते
मूली के हरे पत्ते पीलिया में फायदेमंद होते है. मूली के रस में बहुत प्रभावी गुण होते है कि यह खून और लीवर से अत्यधिक बिलिरूबीन को निकाल देने में सक्षम होते है. पीलिया या हेपेटाइटिस में रोगी को दिन में 2 से 3 गिलास मूली का रस जरुर पीना चाहिये. इसके साथ ही पत्ते पीसकर उनका रस निकालकर और छानकर पीएं.
2. टमाटर का रस
टमाटर का रस पीलिया में बहुत फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन सी पाया जाता है, जिस वजह से यह लाइकोपीन में समृद्ध होता होता है. इसके रस में थोड़ा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीएं.
3. आंवला
आवंले विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है. आप आमले को कच्चा या फिर सुखा कर भी खा सकते हैं. इसके अलावा जूस के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे आपको संक्रमण से बहुत राहत मिल सकती है.
4. नींबू या पाइनएप्पल का जूस
नींबू का रस पीने से पेट साफ होता है. इसे रोज खाली पेट सुबह पीना पीलिया में लाभदायक होता है. इसके अवाला पाइनएप्पल भी लाभदायक होता है. पाइनएप्पल अंदर से पेट के सिस्टम को साफ रखता है.
5. नीम
नीम में कई प्रकार के वायरल विरोधी घटक पाए जाते हैं, जिस वजह से यह हेपेटाइटिस के इलाज में उपयोगी होता है. यह लिवर में उत्पन्न टॉक्सिक पदार्थों को नष्ट करने में भी सक्षम होता है. इसकी पत्तियों के साथ में शहद मिलाकर सुबह-सुबह पियें.
6. अर्जुन की छाल
अर्जुन के पेड़ की छाल, हार्ट और यूरिन सिस्टम को अच्छा बनाने के लिए माने जाती है. हालांकि, इसमें मौजूद एल्कलॉइड लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को विनियमित करने की क्षमता भी रखता है. और यह गुण इसे हैपेटाइटिस के खिलाफ एक मूल्यवान दवा बनाता है.
7. हल्दी
देश के कुछ भागों में, लोगों को यह ग़लतफ़हमी है कि, क्योंकि हल्दी का रंग पीला होता है, पीलिया के रोगी को इसाक सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि यह एक कमाल का एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव वाली तथा बढ़े हुए यकृत नलिकाओं को हटाने वाली होती है. हल्दी हैपेटाइटिस के खिलाफ सबसे प्रभावी उपायों में से एक है.