एचआईवी का आयुर्वेदिक इलाज - HIV Ka Ayurvedic Ilaj in Hindi
एचआईवी एक बहुत ही गंभीर और जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी में प्रभावित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होने लगती है. यानि इस दौरान यदि आपको कोई भी बीमारी हो जाए तो वो जल्दी ठीक नहीं होती है. आप उसे ठीक करने के लिए दवा तो लेंगे लेकिन उस दवा का असर कम होता जाएगा. एचआईवी आयुर्वेदिक औषधि से एचआईवी/एड्स की पूर्णरुपेण चिकित्सा की जा सकती है. ऐसी बात इस विषय पर हुये कई शोधों और आयुर्वेदिक औषधियों के पूर्ण विशलेषण के बाद ही कहा जाता है.
इसे लेकर अब आमजन में भी धीरे-धीरे जागुरकता हाइल रही है और लोगों द्वारा इसे भी स्वीकार किया जा रहा है. एचआईवी के मरीजों के लिए ये बेहद राहत देने वाली खबर है. आपको बता दें कि स्थिति में शतावर व सफेद मुसली के सम्यक प्रयोग से सहयोग मिल सकता है. एचआईवी से बचने के लिए सबसे अधिक संयम व सदाचार के पालन पर जोर दिया. प्रभावित मरीजों पर आयुर्वेदिक औषधि के परीक्षण, विश्लेषण व संरक्षण पर बल दिया. आइए इस लेख के माध्यम से हम एचआईवी के आयुर्वेदिक इलाजों के बारे में जानें.
एचआईवी का आयुर्वेदिक इलाज - Hiv Ka Ayurvedic Ilaj in Hindi
एचआईवी एड्स के मरीजों को इस बीमारी के शारीरिक लक्षणों से निपटने के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाना चाहिए. एवं इससे उबरने की योजनाओं को भी और ज्यादा उन्नत करना चाहिए. एड्स जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों ने आयुर्वेद में नई उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने विभिन्न शोधों के द्वारा जरेनियम, जिसे आयुर्वेद में कषायमूल वनस्पति भी कहते हैं, से एड्स के वायरस को खत्म करने का दावा किया है. इस आयुर्वेदिक पौधे के महत्व को म्यूनिख के जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर इन्वॉयरमेंटल हेल्थ के शोधकर्ताओं ने इस पौधे की मदद से एचआईवी-1 वायरस को रोकने का दावा किया है.
शोधकर्ताओं का ये मानना था कि जरेनियम की जड़ में कुछ ऐसे तत्व हैं जो मानव कोशिकाओं को एचआईवी-1 वायरस का प्रवेश रोकने के लिए मजबूत बनाता है. यही नहीं इसके साथ ही ये आपके प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करने का अकाम करता है. शोधकर्ताओं का इस विषय में ये भी कहना था कि 'इस पौधे के इस्तेमाल से एड़्स के उपचार की दिशा में बड़ी उपलब्धि मिली है. कई दवा कंपनियों ने इस पौधे के इस्तेमाल से एड्स की दवाएं तैयार करने के लाइसेंस की प्रयास भी शुरू कर दिया है. आशा है इससे संबंधित दवाएं उपयोग में आने के बाद लोगों की परेशानियाँ कुछ कम हो सकेंगी.
सेवन करने योग्य आहार - Hiv Mein Khane Wala Bhojan
- साबुत अनाज
- दालें
- लीन मीट
- फल और सब्जियाँ
- लो फैट वाले आहार
इनसे परहेज करें
- मिठाइयों के सेवन को प्रबंधित करें
- कोल्ड ड्रिंक
- शुगर फ्री डाइट
- शराब का सेवन न करें
योग और व्यायाम
1.आप सप्ताह में नियमित रूप से 10 से 15 मिनट के लिए रनिंग, स्विमिंग, एरोबिक डांस, साइकिलिंग आदि का अभ्यास करें.
2.आपको रोजाना शरीर में स्ट्रेच पैदा करने वाल एक्सरसाइज रोजाना करना चाहिए, इससे आपके शरीर लचीला और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगी.
3. बैलेंस करने वाले एक्सरसाइज भी बहुत कारगर होती है. इसके लिए आप कमरे में आँखें बंद करके एक पाँव पर खड़े होकर अपनी भुजाओं की स्थिति परिवर्तित कर सकते हैं.
संगीत और मेडिटेशन
मेडिटेशन करने से कई तरह के रोगों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. इसे आप प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कर सकते है. यह तनाव प्रबन्धन में भी मदद करता है. आप अपने मनपसंद संगीत भी सुन सकते है. संगीत सुनना भी बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकती है.
घरेलू उपाय - Hiv Ka Gharelu ilaj
- अपने हाथों को शौचालय के प्रयोग के बाद और भोजन करने से पहलें या कही बाहर से आने के बाद जरुर धोएं.
- अपने नाखून नियमित रूप से साफ़ करते रहें.
- त्वचा को ड्राई होने से बचाने के लिए क्रीम का उपयोग करें.
- त्वचा पर कटे/छिले अथवा घाव को ढककर रखें.
- डॉक्टर द्वारा बताये गए दिशा निर्देशों का पालण करें.
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- पौष्टिक और उचित आहार का सेवन करें.
- तनाव से होने वाले तकनीकों का अभ्यास करें.
- धूम्रपान, शराब अथवा ड्रग्स का सेवन ना करें.