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Last Updated: Aug 07, 2020
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Home Remedies For Acidity in Hindi - एसिडिटी के लिए घरेलू उपचार

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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हमारे पूरे शरीर में पेट सबसे अहम हिस्सों में से एक है। अगर यह दुरुस्त ना हो तो शरीर का संतुलन में रह पाना असंभव है। क्योंकि पेट के ही एक्टिविटीस की बदौलत पूरे शरीर को मिलती है ऊर्जा और अन्य पोषक तत्व। पर आज का माहौल ऐसा है कि हर दूसरा व्यक्ति पेट की किसी ना किसी तकलीफ से बेहाल है और इनमें सबसे ज्यादा पेट संबन्धी समस्या में मिलते हैं एसिडिटी के मरीज। पहले तो एक उम्र गुजारने के बाद पेट की अन्य बीमारी या एसिडिटी की शिकायत होती थी पर अब समय ऐसा बिगड़ा है कि बड़े- बूढ़े, महिला-पुरूष किसीको भी एसिडिटी की समस्या सताने लगती है। इसलिए जरूरी है की हम सभी एसिडिटी होने के कारणों, लक्षण से वाकिफ हों ताकि इसका उचित इलाज कर सकें।

दरसल हमारे पेट में बनने वाला एसिड या अम्ल उस भोजन को पचाने का काम करता है, जो हम खाते हैं, लेकिन कई बार पचाने के लिए पेट में पर्याप्त भोजन ही नहीं होता या फिर एसिड ही आवश्यक मात्रा से ज्यादा बन जाता है। ऐसे में एसिडिटी या अम्लता की समस्या हो जाती है। इसे आमतौर पर दिल की चुभन या हार्टबर्न भी कहा जाता है। वसायुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन आमतौर पर एसिडिटी की प्रमुख वजह है। इस तरह का भोजन पचाने में मुश्किल होता है और एसिड पैदा करने वाली कोशिकाओं को जरूरत से ज्यादा एसिड बनाने के लिए उत्तेजित करता है।

एसिडिटी के कारण - Causes of Acidity in Hindi

  1. लगातार बाहर का भोजन करना।
  2. खाना न खाना
  3. ईररेगुलर खाना खाना
  4. ज्यादा मसालेदार भोजन करना
  5. ज्यादा स्ट्रेस लेना
  6. ज्यादा समय तक वर्क लोड रहना
  7. आदि एसिडिटी के कारण हो सकते हैं।

एसिडिटी के लक्षण - Symptoms of Acidity in Hindi

  1. पेट में जलन होना
  2. गले में जलन
  3. खट्टी डकार आना
  4. कब्ज होना
  5. बेचैनी महसूस होना
  6. पेट में गैस होना

Home Remedies For Acidity in Hindi - एसिडिटी के लिए घरेलू उपचार

ऐसी तकलीफें अगर होने लगे तो समझ जाइए की आप एसिडिटी के शिकार हो गए हैं। और जब एसिडिटी हो ही गया हो तो बिना देर के फौरन बताए गए आसान घरेलू नुस्खे आजमाएं और एसिडिटी से राहत पाएं।

  1. जीरा
    एक गिलास पानी में कुछ जीरे के दाने डालकर उबाल ले और ठंडा होने के बाद बाद इसे पिए। पेट में जलन एसिडिटी के इलाज में जीरा एक अच्छा घरेलु नुस्खा है।जीरा से एक प्रकार का सलाइवा बनता है जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है जिससे पेट के गैस बाहर निकलने और तेज़ाब खत्म करने में मदद मिलती है।
  2. इलायची
    2 इलायची के पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर उबालें और ठंडा करके पी जाएं।
  3. इलायची में कई ऐसे गुण होते है जो ज्यादा एसिड बनने से रोकने के साथ खाना हजम करने की प्रक्रिया को अच्छा करता है। पेट में होने वाला स्पाज्म को भी काम करने में मददगार है।
  4. पानी
    सुबह उठने के तुरंत बाद पानी पिएं। इस तरह रात भर में पेट में बने आवश्यकता से अधिक एसिड और दूसरी गैर जरूरी और हानिकारक चीजों को इस पानी के जरिए शरीर से बाहर निकाल जाता है। इसलिए सुबह सबसे पहले चाय नही बल्कि खाली पेट पानी पिएं।
  5. फ्रूट्स
    फलों की खूबियों से तो हम सभी वाकिफ हैं इसलिए हम सभी को रोजाना फल खाने की आदत डालनी चाहिए। और अगर आप एसिडिटी शिक़ार हों तो केला, तरबूज, पपीता और खीरा को रोजाना के भोजन में शामिल करें। तरबूज का रस भी एसिडिटी के इलाज में बड़ा कारगर है।
  6. नारियल पानी
    अगर किसी को एसिडिटी की शिकायत है, तो नारियल पानी पीने से काफी आराम मिलता है।
  7. अदरक
    खाने में अदरक को शामिल करें। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और जलन से भी राहत मिलेगा।
  8. ठंडा दूध
    बिना शक्कर के ठंडा दूध दिन में 2-3 बार पिएं। डर्सलक दूध में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है जो एसिड बनने से रोकता है और जो पहले से मौजूद एसिड है दूध उसको अपने में ऑब्जर्व कर लेता है। जो पेट में तेज़ाब से छुटकारा दिलाता है। और जो जलन होती है उससे भी राहत मिलती है। बेहतर रिजल्टके लिए दूध में एक चमच्च देसी घी मिला लें।
  9. सब्जियां
    बींस, सेम, कद्दू, बंदगोभी और गाजर जैसी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। इससे एसिडिटी से लम्बी राहत मिलेगी।
  10. लौंग
    एक लौंग अगर कुछ देर के लिए मुंह में रख ली जाए तो इससे एसिडिटी में राहत मिलती है। लौंग का रस मुंह की लार के साथ मिलकर जब पेट में पहुंचता है, तो इससे काफी आराम मिलता है।
  11. तुलसी की पत्ती
    जब भी कभी आपको ये महसूस की एसिडिटी का प्रकोप बढ़ रहा है तो तुलसी की कुछ पत्तियां चबाएं। कुछ देर में महसूस होगा कि पेट में जलन, बेचैनी कम होने लगी है।
  12. कार्बोहाइडे्रट
    कार्बोहाइडे्रट से भरपूर भोजन जैसे चावल एसिडिटी रोकने में मददगार है, क्योंकि ऐसे भोजन की वजह से पेट में एसिड की कम मात्रा बनती है। शेंग, डॉयफ्रूइट्स, फ्रूट्स, फ्रूट्स सलाद जैसी चीजें खाएं।
  13. व्यायाम
    नियमित व्यायाम और ध्यान की क्रियाएं पेट, पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र का संतुलन बनाए रखती हैं।

एसिडिटी से बचने के लिए कुछ विशेष परहेज

  1. तला भुना, वसायुक्त भोजन, ज्यादा चॉकलेट और जंक फ़ूड न खाएं।
  2. शरीर का वजन बढ़ने न दें।
  3. ज्यादा धूम्रपान और किसी भी तरह की मदिरा का सेवन एसिडिटी बढ़ाता है, इसलिए इनसे परहेज करें।
  4. सोडा युक्त कोल्डड्रिंक व कैफीन आदि का सेवन न करें। इसकी बजाय हर्बल टी का प्रयोग करना बेहतर है।
  5. घर का बना खाना ही खाएं।
  6. जितना हो सके, बाहर के खाने से बचें।
  7. दो बार के खाने में ज्यादा अंतराल रखने से भी एसिडिटी हो सकती है।
  8. कम मात्रा में थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर खाना खाते रहें।
  9. अचार, मसालेदार चटनी और सिरके का प्रयोग भी न करें।

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