पेट दर्द का होम्योपैथिक उपचार
पेट दर्द एक लक्षण है जो विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकता है। कुछ कारण गंभीर नहीं होते हैं जैसे गैस से दर्द, अपच, मांसपेशियों में खिंचाव। ये घरेलू उपचार या हल्की दवाओं से जल्दी ठीक हो जाते हैं। हालांकि एपेंडिसाइटिस जैसे कुछ कारणों में तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।
पेट दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाएं सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी हैं और हल्के से मध्यम तीव्रता के पेट दर्द में इस्तेमाल की जा सकती हैं। पेट में दर्द किसी भी प्रकार की सूजन, संक्रमण या पेट में स्थित विभिन्न अंगों में से किसी की बीमारी से उत्पन्न हो सकता है।
पेट दर्द पेट के किसी एक हिस्से में हो सकता है या यह व्यापक हो सकता है। दर्द का स्थान इस बात पर निर्भर करता है कि पेट दर्द किस अंग के कारण हो रहा है। दर्द की प्रकृति भी भिन्न होती है, इसमें ऐंठन, जलन, चुभन, खिंचाव, जैसा महसूस हो सकता है।
सारांश – पेट दर्द कोई बीमारी नहीं बल्कि बीमारी का लक्षण है। इसके कई कारण हो सकते हैं। होम्योपैथिक में आमतौर पर इसकी प्रभावी दवा होती है पर कुछ स्थितियों मे इसमें तत्काल चिकित्सा की जरुरत होती है।
पेट दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाएं
होम्योपैथी विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाले पेट दर्द का प्रबंधन करने में बहुत कारगर होती है। होम्योपैथिक दवाएं विभिन्न प्रकार के पेट दर्द और गैस जैसी समस्याओं के लिए प्रभावी हैं।
इसके अलावा होम्योपैथिक दवाएं कब्ज, गैस्ट्र्रिटिस, गैस्ट्रिक अल्सर, खाने से असहिष्णुता, फूड एलर्जी, पेट में संक्रमण, मासिक धर्म ऐंठन जैसे कारणों में मदद कर सकती हैं।
हालांकि पेट दर्द के पीछे के कारण का पता लगाना महत्वपूर्ण है। यह कारण ही तय करने में मदद करेगा कि क्या कोई होम्योपैथिक दवाएं ले सकता है या उसे दवाओं की पारंपरिक प्रणालियों से मदद की आवश्यकता है।
कोलोसिंथ - पेट में ऐंठन दर्द के लिए
यह दवा सिट्रुलस कोलोसिंथिस जिसे कुकुमिस कोलोसिंथिस भी कहा जाता है। इसे पेट में मरोड़ के दर्द को दूर करने के लिए बहुत ही असरदार माना जाता है। ज्यादातर मामलों में इसकी जरूरत उन लोगों के होती है जिन्हें कुछ भी खाने या पीने से पेट दर्द बढ़ जाता है।
पेट पर दबाव डालने से या पेट के बल लेटने से राहत महसूस होती है। इसका प्रयोग पेट के ऊपरी हिस्से में, नाभि के आसपास या पेट के निचले हिस्से में दर्द होने पर किया जा सकता है।
मैग्नीशिया फॉस - जब गर्म सेंक से दर्द बेहतर होता है
मैग्नेशिया फॉस उन मामलों के लिए एक प्रमुख दवा है जहां पेट पर गर्म सिंकाई से पेट दर्द बेहतर होता है। आमतौर पर पेट में ऐंठन होने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है।
यह ग्रिपिंग, कोलिकी, कटिंग या शूटिंग जैसे दर्द में भी दी जा सकती है। यह गैस से परेशान बच्चों और नवजात शिशुओं में काफी असरदार होती है। पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन वाली महिलाओं को भी इस दवा से बहुत फायदा हो सकता है।
नक्स वोमिका - खाने के बाद पेट दर्द के लिए
जिन लोगों को खाना खाने के बाद पेट में दर्द होता है उनके लिए यह दवा बहुत फायदेमंद होती है। धड़कते हुए दर्द, मरोड़, जलन, जकड़ने वाले दर्द, या पिंचिंग जैसे दर्द में इसे दिया जाता है।
कभी-कभी पेट से कंधों तक फैलने वाले दर्द में इसे उपयोग किया जाता है। जिन्हें पुरानी कब्ज की शिकायत होती है और लगातार मल त्यागने की इच्छा होती है उनके लिए भी यह दवा लाभदायक है।
यह जठरशोथ के मामलों में दर्द और अपच के मामलों में विशेष रूप से शराब, कॉफी लेने से उत्पन्न होने वाले दर्द के लिए शीर्ष दवाओं में से एक है।
आर्सेनिक एल्बम - पेट में जलन के दर्द के लिए
पेट में जलन के दर्द के मामले में यह दवा बहुत मददगार है। जिन लोगों को इस दवा की आवश्यकता होती है उन्हें पेट में तेज जलन महसूस होती है। साथ ही उल्टी भी हो सकती है।
उपरोक्त लक्षणों के साथ ढीला मल भी लक्षणों में शामिल होता है। जठरशोथ, पेट के अल्सर, भोजन की विषाक्तता और हेपेटाइटिस के मामलों में पेट दर्द के लिए यह अच्छी दवा मानी जाती है।
चाइना - बाधित गैस के कारण दर्द के लिए
यह दवा सिनकोना ऑफिसिनैलिस नामक पौधे की सूखी छाल से तैयार की जाती है जिसे पेरू की छाल भी कहा जाता है। गैस बनने से होने वाले पेट दर्द के मामलों में चाइना बहुत अच्छा काम करती है।
जिन लोगों के पेट में खाने के बाद काफी देर गैस बनी रहती है, इसके साथ ही धीमी और कमजोर पाचन की शिकायत होती है उन्हें यह दवा लाभ पहुंचाती है। इसके अलावा यह लिवर क्षेत्र में तीव्र दर्द के लिए एक प्रमुख दवा है।
लाइकोपोडियम - कब्ज और गैस से होने वाले दर्द के लिए
लाइकोपोडियम को लाइकोपोडियम क्लावाटम नामक पौधे से तैयार किया जाता है जिसे आमतौर पर क्लब मॉस के नाम से जाना जाता है। यह कब्ज से होने वाले पेट दर्द के लिए उपयोगी औषधि है।
यह दर्द दबाने, कसने, खींचने, जलने या फाड़ने जैसा हो सकता है। दर्द कभी-कभी पीठ तक फैल जाता है। साथ ही पेट में अत्यधिक गैस बनती है। इसके साथ कभी-कभी उल्टी भी आ सकती है।
कई मामलों में उपरोक्त शिकायतों के साथ भूख कम लगती है। हल्का-फुल्का खाना खाने से होने वाले पेट दर्द के लिए भी यह उपयुक्त औषधि है। लाइकोपोडियम गुर्दे की पथरी, खाद्य एलर्जी और सूजे हुए लीवर के दर्द के लिए एक बहुत ही प्रमुख दवा है।
बेलाडोना - जब दर्द आता है और अचानक चला जाता है
बेलाडोना एक प्राकृतिक औषधि है जो घातक नाइटशेड पौधे से तैयार की जाती है। यह दवा तब दी जाती है जब पेट में ऐसा दर्द होता है जो अचानक आता है और अचानक चला जाता है।
यह दर्द शूटिंग, काटने, ऐंठन या दबाने जैसा हो सकता है। कुछ खाने से और दबाव से दर्द और बदतर हो जाता है। इसके अलावा चलने से भी दर्द बढ़ जाता है।
सीना - नाभि के आसपास दर्द के लिए
यह दवा सिना मैरिटिमा के पौधे से तैयार की जाती है जिसे आर्टेमिसिया मैरिटिमा के नाम से भी जाना जाता है। नाभि में दर्द महसूस होने पर यह दवा अच्छा काम करती है। यह दर्द पेट में घूमता हुआ महसूस होता है।
नाभि क्षेत्र स्पर्श करने पर संवेदनशील होता है। पेट सख्त और फूला हुआ लगता है। कीड़ों के कारण पेट में कटने, चुभने के दर्द के लिए यह सर्वोत्तम औषधियों में से एक है।
कार्बो वेजिटेबिलिस
इस दवा से पेट में सूजन,पेट फूलने और गैस से राहत मिलती है।
पल्सेटिला
यह बहुत अधिक वसायुक्त भोजन, केक और आइसक्रीम खाने के कारण पेट फूलने, और धीमे पाचन के कारण होने वाली गैस्ट्रिक परेशानी से राहत दिलाने में मदद करता है।
निष्कर्ष
पेट दर्द कोई बीमारी नहीं बल्कि बीमारी का लक्षण है। इसके कई कारण हो सकते हैं। होम्योपैथिक में आमतौर पर इसकी प्रभावी दवा होती है पर कुछ स्थितियों मे इसमें तत्काल चिकित्सा की जरुरत होती है। अलग अलग लक्षणों और लोगों की प्रकृति के हिसाब से अलग अलग दवा दी जाती है। दवाओं के साइड इफेक्ट नहीं होता है।