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Last Updated: Feb 16, 2022
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How To Quit Drinking Alcohol in Hindi - कैसे छोड़ें शराब की लत

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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शराब की लत एक ऐसी लत है जिसे छोड़ने की पहल वैश्विक स्तर पर किया जाता है. शराब पिने वाले लोगों की संख्या भी विश्व स्तर पर बहुत ज्यादा है. लेकिन जो लोग इसके आदि हो जाते हैं यानी वो बिना पिए रह ही नहीं सकते उन्हें शराब न मिलने पर बेचैनी होने लगती है. ऐसे लोग समाज में कई बार खतरा बन जाते हैं. इसलिए शराब की लत लगने को छुड़ाना आवश्यक है. ऐसे लोग नशे के सेवन से पहले असामान्य रहते हैं और उसे पाने के बाद खुद को सामान्य स्थिति में पाते हैं. यह स्थिति ऐसे लोगों को पूरी तरह बीमार बना देती है. दरअसल शराब की लत लगना एक लाइलाज बीमारी है. यह कई बहाने से शरीर में प्रवेश करती है और धीरे-धीरे जिंदगी को अपनी गिरफ्त में ले लेती है. शराब पीने की लत एक चतुर, शक्तिशाली और मायावी बीमारी है. शराबी को जब इसकी तलब होती है तो वह झूठ बोलने, कसमें खाने से भी परहेज नहीं करता. आइए शराब की लत छुड़ाने के कुछ तरीकों पर नजर डालते हैं.

1. आयुर्वेद
आयुर्वेद में कई रोगों का प्रभावी इलाज उपलब्ध है. शराब छोड़ने के लिए इसमें कोई विशेष प्रवाधान तो नहीं है लेकिन शराब से होने वाली बीमारियों को दूर करने के उपचार किया जाता है. लिवर में सूजन, पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां के उपचार के लिए दी जाने वाली वाली दवाएं ही अन्य लाभ के रूप में शराब छुड़ा सकती हैं. जैसे  ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है. सार्थक चूर्ण, ब्राह्मी घृतम आदि शरीर से शराब के जहर को कम करते हैं. इसके अलावा शंखपुष्पी, कुटकी, आरोग्य वर्धनी आदि भी दिए जाते हैं. शराब के विकल्प के रूप में सुरा का सेवन कराया जाता है. शराब के बदले मृतसंजीवनी सुरा 30-40 एमएल दी जाती है. लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल किसी चिकित्सक के परामर्श के बाद ही करना चाहिए.

2. होम्योपैथी
होम्योपैथी में भी कई ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से शराब और इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है. ये दवाएं बीमारियों को ठीक करने के साथ ही मनोवैज्ञानिक नजरिये से भी फायदा पहुंचाती हैं. लेकिन इन दवाओं के इस्तेमाल के लिए किसी डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें. इसके लिए क्यूरकस क्यू, सिनकोना ऑफिसिनैलिस, कैलिडोनियम आदि दवाएं चिकित्सक के निर्देशानुसार इस्तेमाल की जा सकती हैं.

3. ध्यान और योगाभ्यास
योगाभ्यास के जरिए भी इसको दूर किया जा सकता है. मुद्रा, ध्यान तथा योग क्रियाओं के माध्यम से उनके शरीर से विकार को दूर किया जाता है. इसके लिए कुछ
ज्ञान मुद्रा : ज्ञान मुद्रा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और इससे मन का शुद्धिकरण होता है. ज्ञान मुद्रा करने के लिए दाहिने हाथ के अंगूठे को तर्जनी के टिप पर लगाएं और बाईं हथेली को छाती के ऊपर रखें. इस क्रिया को लगातार 45 मिनट तक करने से काफी फायदा मिलता है.
ध्यान : ध्यान करने से शरीर के अंदर से खराब तत्व बाहर हो जाते हैं. एकाग्रता लाने के लिए त्राटक किया जाता है. इसमें बिना पलक झपकाए प्रकाश की रोशनी को लगातार देखने का अभ्यास किया जाता है. इसके अलावा कई तरह की योगक्रियायें भी आप कर सकते हैं जैसे कि कुंजल क्रिया, वस्ति, शंख प्रक्षालन, शंख प्रक्षालन में सावधानी आदि.

4. घरेलू नुस्खे
1. संतरा और नीबू के रस तथा सेव, केला आदि के सेवन से ऐल्कॉहॉल की वजह से शरीर में जमा जहर कम हो जाता है.
2. खजूर काफी फायदेमंद रहता है. 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है.
3. धूम्रपान करना बिल्कुल बंद कर दें. धूम्रपान से ऐल्कॉहॉल लेने की इच्छा प्रबल होने लगती है.
4. आधा गिलास पानी और समान मात्रा में अजवाइन से बने रस को मिलाकर रोजाना एक महीने तक पीने से काफी फायदा मिलता है.

5. समाज और कानून की जिम्मेदारी
किसी शराबी को सही रास्ते पर लाने का काम उसके घर से शुरू होता है. जिस दिन पता चले कि महिला या पुरुष ने शराब पी है, उसी दिन से उसका विरोध शुरू हो जाना चाहिए. बाद में यही शराबी घरेलू हिंसा को अंजाम देने लगते हैं. ऐसे में पुलिस को भी इसकी सूचना दी जा सकती है या परामर्श केंद्र में भी लेकर जाया जा सकता है.

6. ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस
ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस. संस्था न कहकर इसे ऐल्कॉहॉलिजम के शिकार महिला, पुरुषों का परिवार कहें तो बेहतर होगा. यहां किसी तरह की फीस नहीं ली जाती. इस परिवार से जुड़ने वाले हर नए सदस्य का पूरे सम्मान के साथ यहां स्वागत किया जाता है. यहां होने वाली मीटिंग में सभी सदस्य अपने अनुभव और उन गलतियों को शेयर करते हैं, जो उन्होंने शराब की वजह से कीं. नए सदस्य को एक ट्रेनर को सौंप दिया जाता है जिसे स्पॉन्सर कहते हैं. स्पॉन्सर उनके साथ हमेशा कॉन्टैक्ट बनाए रखता है. इसके लिए लगातार 90 मीटिंग अटेंड करने की सलाह दी जाती है. अगर किसी ने शराब भी पी रखी है तो भी वह मीटिंग अटेंड कर सकता है. मीटिंग जॉइन करने वाले नए सदस्य से उनके बीते दिनों के अनुभवों को लिखवाया जाता है. अगर कोई अनपढ़ है तो उसकी बातों को टेप किया जाता है या कोई साथी सदस्य उसके कहे अनुसार लिखने में मदद करता है. व्यक्तित्व में बदलाव के लिए पूरे 12 सूत्र बनाए गए हैं.

लेकिन एए के सदस्य बताते हैं कि तीन मुख्य सूत्र पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है.

1. ईश्वर पर आस्था: इसमें पूजा, प्रार्थना, ध्यान या दूसरी धार्मिक गतिविधियां हो सकती हैं.
2. बुरी आदतों को दूर करना: शराबी को अपनी बुरी आदतों को नोट कर उन्हें छोड़ने पड़ता है.
3. सेवा: किसी शराबी को शराब से मुक्ति दिलाने के लिए बातें करना, घर जाकर समझाना आदि.
 

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