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Last Updated: Sep 11, 2023
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कहीं आपको हाइपोथायरायडिज्म तो नहीं, 8 टिप्स से रखिए अपने दिल का ख्याल

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Dr. Khalid J FarooquiEndocrinologist • 20 Years Exp.DM (Endocrinology), MBBS, MD (Internal Medicine)
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थायरायड की बीमारी आजकल इतनी आम हो चुकी है कि हर दूसरा व्यक्ति इस रोग से ग्रसित है। किसी को हायपो थायरॉयड है या हाइपर थायरायड से जूझ रहा है।दरअसल थायरायड की ग्रंथि शरीर के बेहद मह्तवपूर्ण समन्वय को बनाए रखने के लिए काम करती है। कई ऐसे कारण होते हैं जो इस समन्वय को बिगाड़ सकते हैं। जब थायरॉयड ग्रंथि कम मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। थायराइड हार्मोन कम होने से व्यक्ति  सुस्त महसूस करता है, इसका वजन बढञने लगता है,शरीर का तापमान कम हो जाता है और त्वचा और बाल रूखे होते हैं। हाइपोथायरायडिज्म और हृदय का बहुत अहम संबंध है।

थायरॉयड ग्रंथि शरीर के मेटाबालिज़्म को संभालती है। थायराइड हार्मोन का निम्न स्तर कई अन्य अंगों के समुचित कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकता है। आपके हृदय पर हाइपोथायरायडिज्म का काफी खराब प्रभाव पड़ता है। हाइपोथायरायडिज्म एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि करता है। इससे उच्च रक्तचाप और अंत में दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म से हृदय का आकार बड़ा हो सकता है और हृदय की गति कम हो सकती है। ऐसे में आप हृदय को सव्स्थ्य रखने के लिए कुछ विशेष कदम उठा सकते हैं।जानें क्या हैं वो युक्तियां-

1. अपने हाइपोथायरायडिज्म की जांच कराते रहें

थायरायड से लड़ने का सबसे असरदार तरीका है कि आप अपने थायरायड लेवल की जांच नियमित रूप से कराते रहें। डाक्टर थायरायड के रोगियों को हर तीन महीने में जांच कराने की सलाह देते हैं। इससे आपके शरीर में थायरायड के स्तर का पता चलता रहता है। कई बार हम लम्बे समय तक लापरवाही में जांच कराने को टालते रहते हैं। पर ये आपके लिए घातक हो सकता है। नियमित जांच कराने से आपको पता चलता रहेगा कि आपका थायरायड नियंत्रण में है या नहीं। समय समय पर ज़रूरत के हिसाब से अपनी दवा की डोज़ को बढ़ाने घटाने की ज़रूरत भी पड़ सकती है।इसलिए अपने स्वास्थ्य की जांच और अपनी दवाओं के साथ नियमित रहें। हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को अनदेखा ना करें नहीं तो आप दिल बीमारी का शिकार बन सकते हैं।

2. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल पर रखें नज़र

हाइपोथायरायड से आपका रक्तचाप भी प्रभावित होता है।अकसर हम थायरायड की दवा करते रहते हैं पर ब्लज प्रेशर की जांच कराने की तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता। पर ऐसा करना खतरें से खाली नहीं होता। कोशिश करें की हर 15 दिन में अपने बीपी की जांच कराएं। ध्यान दें कि आपको लगातार सिर दर्द ,घबराहट या अधिक पसीना आने की शिकायत तो नहीं रहती ।ये हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल की बारीकी से निगरानी करना भी सुनिश्चित करें।अगर आप इन दोनों चीज़ों पर नज़र नहीं रखेंगे तो ये कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ निकलता है तो अपने चिकित्सक से परामर्श कर फौरन ही दवाएं लेना शुरु कर दें।

3. वज़न पर नियंण है ज़रूरी

अगर आप एक स्वस्थ्य जीवन जीना चाहतें हैं तो अपने शरीर को वज़न को नियंत्रण में ऱखें। बढा हुआ वज़न कई बीमारियों को दावत देता है। खासकर जब बात थायरायड की हो तो वजन पर नियंक्षण रखना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि ऐसा करने से खराब कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रह सकेगा। साथ ही थायरायड के कारण आपके शरीर में घर बना चुका आलस भी दूर होगा औऱ बार बार होने वाले क्रैम्प्स भी कम होंगे। कितना वज़न होना चाहिए इसकी एक आरामदायक सीमा होती है जो अधिकांश आयु समूहों में होती है।यानी आपकी लम्बाई औऱ आपकी आयु के हिसाब से आपका जितना वज़न होना चाहिए आपको उस स्तर तक खुद को मेनटेन रखना है। जो लोग हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं, उन्हें इस सीमा के भीतर अपना वजन बनाए रखने पर ध्यान रखना चाहिए। व्यायाम करके या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करके एक विशेष हाइपोथायरायडिज्म आहार का पालन कर सकते हैं।

4. आप धुआं नहीं जिंदगी के दिन उड़ा रहे हैं, धूम्रपान है खतरनाक

थायरायड और हृदय की जब बात आती है तो धूम्रपान से दूर ही रहने की हिदायत दी जाती है।धूम्रपान आपके पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं में अवरोध पैदा कर सकता है।  इससे हृदय के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि यह हृदय को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है। धूम्रपान सभी अंगों के लिए भयानक है और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए इसे छोड़ना ही एकमात्र तरीका है।

5. व्यायाम करना सुनिश्चित करें

थायरायड को नियंत्रित रखने के लिए व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आपके बढ़ते वज़न,हाई ब्लड प्रेशर को कोलेस्ट्राल पर काबू पाया जा सकता है।चिकित्सक सलाह देते हैं कि सप्ताह में पांच दिन कम से कम 30 मिनट के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। इससे आपका हृदय भी सक्रिय रहेगा और आपके शरीर में रक्त संचार ठीक से होगा।थायरायड के कारण शरीर में रहने वाली सुस्ती पर भी इससे काबू पाया जा सकता है। साथ ही थायरायड के कारण जकड़ी हुई मांसपेशियों में भी आराम मिलता है औऱ आप क्रैम्प्स से बच सकते हैं। व्यायाम के लिए आप अपनी पसंद की गतिविधि चुन सकते हैं।आप जिम जा सकते हैं, ङर पर ही एरोबिक्स कर सकते हैं ,रोज़ाना वॉक पर जा सकते हैं या फिर अगर आपको तैरना पसंद हो तो वो भी कर सकते हैं। ये सभी व्यायाम आपको थायरायड औऱ दिल दोनों के लिए अच्छे हैं।

6. स्वस्थ आहार लें

किसी भी रोग को नियंत्रित रखने के लिए अच्छा और पौष्टिक आहार लेना बहुत ज़रूरी है। एक पौष्टिक आहार में साबुत अनाज, मौसमी फल,हरी सब्जियां, मछली और नट्स शामिल हैं।इन्हें लेने से आपकी बीमारी का आधा इलाज संभव है। हाइपोथायरायडिज्म में जो आहार अनुसंशित किया गया है उसको ध्यान में रखकर अपना खानपान सुधारें।कुछ खाद्य पद्राथ ऐसे भी हैं जिन्हें थायरायड में ना खाने की सलाह दी जाती है। उदाहरण स्वरूप पत्तागोभी, पालक और सोया से बनी खाद्य सामग्री थायरायड की समस्या को बढञा सकती है।इसलिए ऐसी चीज़ों के सेवन से बचें।साथ ही मैदे से बनी खाद्य सामग्री से दूरी बनाना भी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।

7. अल्कोहल से दूरी बनाएं

ज्यादा शराब के सेवन से दिल की गंभीर समस्या हो सकती है। यदि कोई हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है, तो शराब का सेवन कम करने से हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम हो सकता है। जानकारों का मानना है कि हायपोथायराइड से पीड़ित पुरुषों को एक दिन में दो ड्रिंक से ज्यादा नहीं लेने चाहिए वहीं महिलाओं को एक से ज्यादा ड्रिंक ना लेने की सलाह दी जाती है।इसलिए अपने हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए शराब को छोड़ दें या बताई गई लिमिट का पालन करते हुए ही इसका सेवन करें।

8. पानी भरपूर पिएं

थायरायड की समस्या में आपके शरीर में सूजन आ सकती है। ऐसा शरीर में पानी की कमी के कारण होता है।शरीर में पानी की कमी को देखते हुए आपका शरीर पानी जमा करने लगता है जिससे हाथ पैरों और चेहरे पर सूजन आना आम बात है। अधिक पानी का सेवन करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।भरपूर पानी पीने से आपका हृदय भी सेहतमंद रहता है।इसके अलावा खाने में नमक का सेवन कम करें।बहुत अधिक नमक का सेवन भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है जिससे आपके हृदय पर दबाव बढ़ता है। इसलिए कोशिश करें कि खाने में नमक थोड़ा कम लें। कोशिश करें कि सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।सेंधा नमक में औषधीय गुण होते हैं औऱ इसके सेवन से आपका रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। 

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