Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Jan 23, 2024
BookMark
Report

जल्दी गर्भवती होने के तरीके

Profile Image
Dr. Punit MiddhaSexologist • 27 Years Exp.BHMS
Topic Image

मां बनना बेहद सुखद अहसास होता है। आमतौर पर सभी महिलाएं इस अनुभव से गुजरना चाहती हैं। जल्दी गर्भवती होने का कोई अचूक फार्मूला तो नहीं है। लेकिन कुछ ऐसी परिवर्तन है जिनसे शीघ्र गर्भधारण प्राप्त किया जा सकता है। आइए ऐसी ही टिप्स पर नज़र ड़ालें जिनसे शीघ्र गर्भधारण में मदद मिल सकती है।

पीरियड्स साइकिल का रिकार्ड बनाएं

जल्दी गर्भवती होने के लिए महिलाओं को अपने मासिक चक्र यानी पीरियड्स का रिकार्ड बनाना चाहिए। इस बात की निगरानी करनी चाहिए कि क्या उसके मासिक धर्म का पहला दिन नियमित है यानी पहला दिन 28 वें दिन ही हो रहा है। इस रिकार्ड से महिला को एक सटीक अंदाजा लग सकता है कि कब ओवुलेट होने वाली है। यह वह समय है जब हर महीने महिला अंडोत्सर्ग करती है। कुछ ऐसे ऐप भी हैं जो ट्रैकिंग में मदद कर सकते हैं। अंडोत्सर्ग यानी ओव्यूलेशन के बाद ओव्यूल केवल 12 से 24 घंटों के लिए फर्टाइल होता है, जबकि एक पुरुष का शुक्राणु एक महिला के शरीर में पांच दिनों तक जीवित रह सकता है। ऐसे में सही समय का अंदाजा लगाकर गर्भधारण को आसान बनाया जा सकता है।

ओव्यूलेशन का सटीक अंदाजा लगाएं

जल्दी गर्भवती होने के तरीके में ओव्यूलेशन में सेक्स करना शामिल है। आमतौर पर पीरियड्स के आने से लगभग दो सप्ताह पहले महिलाएं ओव्यूलेट करती हैं। अनियमित चक्र वाली महिलाओं में ओव्यूलेशन की भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन यह आमतौर पर उसके अगले माहवारी की शुरुआत से 12 से 16 दिन पहले होता है।

ऐसे कई तरीके हैं जो महिलाओं को हर महीने अपने सबसे फर्टाइल दिनों को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शरीर के तापमान से लेकर वैजाइनल डिस्चार्ज तक की विधि होती है। इसके लिए कई प्रकार के ऐप भी उपलब्ध हैं जैसे ग्लो ओवल्यूशन पीरियड ट्रैकर, फर्टिलिटी फ्रेंड- एफएफ ऐप, क्लू हेल्थ एंड पीरियड ट्रैकर। इन दिनों में सेक्स करने से शीघ्र प्रेगनेंट हुआ जा सकता है।

सबसे फर्टाइल दिनों में ज्यादा से ज्यादा सेक्स करें

एक शोध के मुताबिक किसी भी महिला के प्रेगनेंट होने की सबसे अधिक संभावना 'फर्टाइल विंडो' के छह दिनों तक होती है। यानी ओव्यूलेशन से पांच दिन पहले और उसके दिन बाद तक। ऐसे में जब एक महिला ने उस फर्टिलिटी विंडो की पहचान कर ली हो तो उसे हर दिन या फिर हर दूसरे दिन सेक्स करने से शीघ्र गर्भधारण करने में आसानी होती है।

पहली प्रेग्नेंसी को खत्म न करें

भूलकर भी अपनी पहली प्रेग्नेंसी को खत्म न करें। यह गलतियां अक्सर नवविवाहित करते हैं और फिर उन्हें गर्भधारण के लिए काफी प्रयास करने पड़ते हैं। दरअसल पहली प्रेग्नेंसी ही आपके फर्टिलाइजेशन को पूर्ण बनाती है। पहली प्रेग्नेंसी को अबॉर्शन के जरिए खत्म करने से समस्या बढ़ जाती है।

गर्भधारण सही उम्र में करें

महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ उनकी प्रजनन क्षमता कम होती जाती है। उम्र से संबंधित परिवर्तनों के कारण अंडाशय में बदलाव होता है। महिलाओं के अंडों की मात्रा और गुणवत्ता में गिरावट भी आ जाती है। बढ़ती उम्र के साथ गर्भाशय फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस और फैलोपियन ट्यूब की रुकावट, जैसी समस्या आती है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। एक शोध  के मुताबिक  30 साल की महिलाओं में प्रजनन क्षमता अधिक होती है जो धीरे-धीरे कम होती है। 37 साल की उम्र के बाद इस क्षमता में तेजी से गिरावट आती है और 40 साल की उम्र के बाद प्रजनन क्षमता में भारी गिरावट आती है। इसका मतलब है कि बढ़ती उम्र  गर्भवती होने में बाधक हैं।

गर्भधारण के लिए डाक्टर सही उम्र 18 से  28 साल के बीच बताते हैं। इस उम्र के बीच की महिलाओं में गर्भधारण की संभावना काफी अधिक रहती है। दरअसल यह उम्र फर्टिलाइजेशन के लिए सही मानी गई है। 25 साल की महिला की तुलना में 35 साल की महिला को प्रेग्नेंट होने के चांस 50 फीसदी कम होते हैं।

कंसेप्शनमून

पति पत्नी हनीमून के साथ-साथ कंसेप्शनमून पर भी जा सकते हैं। यह प्रेगनेंसी प्लान के लिए ही होता है। विदेशों में लोग गर्भधारण करने के लिए कंसेप्शनमून पर जाते हैं। इस दौरान खुशनुमा माहौल में गर्भधारण के प्रयास करते हैं। कंसेप्शनमून का पति पत्नी को काफी फायदा मिलता है क्योंकि यहां बिना किसी तनाव और परेशानी के अच्छे और रिलेक्स माहौल के बीच गर्भधारण के प्रयास किए जाते हैं जिनका रिजल्ट भी अच्छा ही निकलता है। यदि आप जल्दी प्रेगनेंट होना चाहती हैं तो कंसेप्शनमून पर जा सकती हैं।

गर्भनिरोधक का प्रयोग न करें

जब आप प्रेग्नेंसी कंसीव करना चाह रही हैं तो उससे साल भर पहले गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल न करें। दरअसल कंस्ट्रासेप्टिव का लगातार इस्तेमाल करने से ऑवुलेशन की प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ता है। इससे लंबे समय तक कंसीव नहीं हो पाता। आप जब भी मां बनना चाहें तो सबसे पहले गर्भनिरोधकों को ना कहें और हफ्ते में दो से तीन बार सेक्स जरूर करें।

लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल न करें

अगर जल्द बच्चा चाहिए तो सेक्स के दौरान लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। दरअसल सेक्स के दौरान महिलाओं के शरीर में पर्याप्त लिक्विड बनता है जो स्पर्म को ओवरी तक ले जाने में सहायक है। इससे गर्भधारण की संभावना भी प्रबल होती है। जबकि लुब्रिकेंट्स स्पर्म को ओवरी तक नहीं जाने देते जिससे कंसीव करना व गर्भधारण की संभावना खत्म हो जाती है। 

पुरुष जननांग क्षेत्र का तापमान न बढ़ने न

महिलाओं के साथ पुरुषों को भी जल्द पिता बनने के लिए कुछ बातों का ध्होयान रखना होता है। पुरुषों को ध्यान रखनी होगी कि वे अपने जननांगो का तापमान बढ़ने न दें। दरअस वृषणों (टेस्टिस) का तापमान ज्यादा बढ़ने पर शुक्राणुओं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। लंबे समय तक बैठे रहना, लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करना और गर्मी भरे माहौल में काम करना जैसे कारणों की वजह से शुक्राणुओं के उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा तंग अंडरवियर पहनने से भी पुरुषों में प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

वजन पर ध्यान दें

ऐसी महिलाएं जिनका वजन स्वस्थ और सामान्य होता उसकी गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है। अधिक वजन या कम वजन होने से इसमें बाधा आती है। एक शोध के मुताबिक ज्यादा वजन वाली महिलाओं को गर्भवती होने में पतली महिलाओं की तुलना में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शरीर में बहुत अधिक वसा होने से अतिरिक्त एस्ट्रोजन पैदा होता है, जो ओव्यूलेशन में हस्तक्षेप कर सकता है। वहीं कम वजन वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में चार गुना अधिक समय लग सकता है। एक स्टडी में ये बात निकलकर सामने आई है कि कम वजन वाली महिलाएं, जिनका बीएमआई 18 से कम है, उन्हें नियमित पीरियड्स नहीं हो रहे हैं या वो ठीक से ओवुलेट नहीं कर पातीं है जिससे उनके गर्भवती होने की क्षमता घट जाती है।

विटामिन लेना शुरु करें

ऐसी महिलाएं जो जल्दी प्रगेनेंट होना चाहती हैं उन्हें प्रेगनेंट होने से पहले ही विटामिन लेना शुरू कर देना चाहिए। मल्टीविटामिन लेने से एक लाभ ये है कि प्रसव के दौरान विटामिन बी भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी व नर्वस सिस्टम में दोषों को रोक देता है।

स्वास्थ्य आहार का सेवन

जल्दी गर्भधारण करने की इच्छा रखने की महिलाओं को जरूरी है की एक स्वस्थ्य आहार जरूर लें। जल्दी प्रेग्नेंट होने वाली मां सेहतमंद आहार खाएं और खान पान पर पूरा ध्यान दें। आयरन और केल्शियन की कमी के कारण कंसीव होने के चांस खत्म होते हैं। दरअसल फर्टिलाइजेशन प्रॉपर डाइट से जुड़ा मामला है। ऐसे में स्वस्थ खान-पान और खुश रहने से प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं।

स्वस्थ आहार लेने से शरीर को महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन मिलता है। शरीर गर्भावस्था के लिए तैयार होता है। इसके लिए कई तरह के फल और सब्जियां, लीन प्रोटीन, साबुत अनाज, डेयरी और वसा के स्वस्थ स्रोत का सेवन किया जा सकता है। फोलिक एसिड सप्लीमेंट के अलावा, गहरे हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, फोर्टिफाइड ब्रेड और अनाज, बीन्स, खट्टे फल व संतरे के रस जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती है। गर्भवती होने की कोशिश करते समय, उच्च-पारा मछली, जैसे स्वोर्डफ़िश, शार्क, किंग मैकेरल और टाइलफ़िश कम मात्रा में खाने चाहिए। ये बच्चे के विकास में बाधक हो सकते हैं।

संतुलित व्यायाम करें

हमेशा शारीरिक तौर पर एक्टिव रहने वाली महिलाओं के लिए एक्सर्साइज प्रेगनेंसी और लेबर पेन को सहने में मदद मिलती है। हालांकि बहुत ज्यादा व्यायाम करना प्रेगनेंसी के लिए बाधक भी हो सकता है। इसलिए इसे एक निश्चित समय के लिए ही करें बहुत ज्यादा एक्सर्साइज करने से ओव्यूलेशन में बाधा हो सकती है। इससे प्रेगनेंसी में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तनाव लेने से बचें

स्ट्रेस लेने से हॉर्मोनल संतुलन बिगड़ता है, जिससे महिलाओं के साथ पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसे में अगर जल्दी गर्भधारण के बारे में सोच रही हैं तो तनावपूर्ण स्थिति से ध्यान हटाने की कोशिश करें। स्ट्रेस से ऑव्युलेशन पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए, स्ट्रेस से बचने के लिए ध्यान लगाएं, एक्यूपंक्चर का सहारा लें और हो सके तो ज्यादा से ज्यादा खुश रहें। खुश रहने और तनावमुक्त रहने से हॉर्मोनल संतुलन बना रहेगा और प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ध्रूमपान और शराब का सेवन न करें

धूम्रपान और शराब महिलाओं और पुरुषों दोनों में प्रजनन क्षमता की समस्या पैदा कर सकता है। सिगरेट के धुएं में पाए जाने वाले रसायन, जैसे निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड महिला के अंडे की हानि दर को तेज करते हैं। महिलाओं के लिए पैसिव स्मोकिंग (धू्म्रपान वाली जगह पर खड़े होने) से भी दूर रहना चाहिए। पैसिव स्मोकिंग भी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकती है।

सेक्स पोजीशन की चिंता छोड़ दें

गर्भधारण के लिए सेक्स के पोजीशन के महत्व की बात सिर्फ एक अफवाह ही है। ये एक भ्रांति है कि अमुक पोजीशन में सेक्स करने से जल्दी गर्भधारण होता है। ये अवश्य है कि संभोग के दौरान खड़े होने या फिर बैठने से शुक्राणुओं को अंडकोश तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती है।

सेक्स के बाद बेड पर आराम करें

आमतौर पर कहा जाता है कि गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सेक्स करने के बाद पैरों को हवा में उठाकर बिस्तर पर लेटे रहना चाहिए। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। संभोग के बाद 10 से 15 मिनट तक बिस्तर पर लेटना अच्छी है पर पैरों को हवा में रखने की जरूरत नहीं होती है। ये जरुर है कि महिला को इस दौरान बाथरूम भी न जाएं। अगर महिला बेड पर लेटकर ही 10 से 15 मिनट तक प्रतीक्षा करती हैं, तो गर्भाशय में जाने वाला शुक्राणु वहां पहुंच जाता है।

सकारात्मक नजरिया रखें

गर्भवती होना एक सरल और त्वरित प्रक्रिया नहीं है। इसमें समय लगता है। हार्मोनल आईयूडी हटाने, गर्भ निरोधक तरीकों को रोकने के बाद आपके पीयिरड्स को नियमित होने में कुछ महीने भी लग सकते हैं। डॉक्टर से बात करें ताकि आपको वास्तविक और यथार्थ उम्मीदें हों। इसी हिसाब से आप गर्भवती होने की कोशिश शुरु करें और उसके परिणाम की उम्मीद रखें।