जानिए अंडे शाकाहारी हैं या मांसाहारी
अगर हम शाकाहारी को परिभाषित करें तो जो लोग मांसाहार यानी कि किसी पशु के मांस का सेवन नहीं करते , वे प्रायः शाकाहारी हैं। हालांकि, अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी। इस बात को लेकर अभी भी लोगों के मन में भ्रम है। हमारे समाज में कई लोग ऐसे हैं जो खुद को शाकाहारी बताते हैं लेकिन अंडे का सेवन करते हैं। जबकि कई लोग ऐसे भी हैं जो अंडे की गिनती मांसाहारी भोजन में करते हैं, तो चलिए जानते हैं कि अंडा मुख्यतः मांसाहारी भोजन में गिना जाता है या शाकाहारी।
अंडा क्या है?
वैसे तो अंडा हर पक्षियों द्वारा दिया जाता है, जिसमें से उसके बच्चे का जन्म होता है। लेकिन हम यहां मुर्गी के अंडे की बात कर रहे हैं, जिसमें से चूजे का जन्म होता है। हालांकि यह अंडा लोगों के भोजन में शामिल है, जिसका लोग विभिन्न प्रकार से सेवन करते हैं। अंडे के तीन हिस्से होते हैं। पहला खोल होता है, दूसरा एल्ब्यूमेन और तीसरा जर्दी।
अंडे का पहला यानी कि खोल भाग नहीं खाया जाता और इसे फेंक दिया जाता है, जबकि दूसरे एल्ब्यूमेन और तीसरे जर्दी वाले भाग को लोग खाते हैं। एल्ब्यूमेन में प्रोटीन होता है और उसके अंदर पशु की कोई कोशिका नहीं होती। इसलिए सफ़ेद भाग को कई लोग शाकाहारी मानते हैं। लेकिन जो जर्दी होती है, वो होता है फैट, कोलेस्ट्रॉल और प्रोटीन। इसमें गैमीट होता है। लोग इस भाग की गिनती नॉन-वेज के रूप में करते हैं। हालांकि वर्तमान समय में मार्केट में शाकाहारी अंडे भी हैं, जिसकी जर्दी में गैमीट नहीं होता।
अंडे में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्त्व
अंडे में कई तरह के पौष्टिक तत्व होते हैं, जो हमारे सेहत के लिए काफी लाभकारी हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन, एसेंशियल अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (लिनोलिक, ओलिक एसिड), आयरन, विटामिन ए, बी 6, बी 12, फोलेट, एमिनो एसिड, फास्फोरस और सेलेनियम पाए जाते हैं। वहीं, इसमें मौजूद विटामिन ए, विटामिन बी 12 और सेलेनियम इम्युनिटी पॉवर सिस्टम को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके अलावा, अंडे में पाए जाने वाले जेक्सैंथिन और ल्यूटिन आंखों के लिए लाभकारी हो सकता है ।
अंडे को लेकर लोगों के विचारों में मतभेद
कुछ लोगों का मानना है कि अंडा मुर्गी देती है और इससे चूजे का जन्म होता है इसलिए यह मांसाहारी होता है। हालांकि कुछ लोगों का मत है कि जानवरों द्वारा दिए जाने वाले दूध की गिनती जब शाकाहारी में होती है तो अंडे की गिनती मांसाहारी में क्यों? हालांकि, अब इसका भी एक निष्कर्ष निकाल लिया गया है। लोगों का मानना है कि अंडे को प्राप्त करने के लिए मुर्गी की जान नहीं ली जाती और जानवरों से प्राप्त होने वाला प्रोडक्ट मांसाहारी नहीं होता। इसलिए इसकी गिनती शाकाहारी में की जाने लगी है।
वैज्ञानिकों के अनुसार- अंडे होते हैं शाकाहारी
दरअसल, मुर्गियां छह महीने होने के बाद अंडा देने शुरू कर देती हैं और एक या डेढ दिन में अंडे देती हैं। जो मुर्गियां बिना मुर्गें के संपर्क आए अंडे देती हैं उन्हें अनफर्टिलाइज्ड एग कहते हैं। इन अण्डों से कभी भी चूजे बाहर नहीं आते। इसलिए ऐसे अण्डों को शाकाहारी अंडे कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इन अंडों से चूजे नहीं निकल सकते हैं। इसलिए बाजार में जो अंडा मिलता है उसे शाकाहारी कैटिगरी में ही रखा जाएगा।
अब सवाल है कि कैसे पता चलेगा कि कौन से अंडे शाकाहारी हैं? अंडों को खांचे में भरकर उसके नीचे बल्ब जलाई जाती है। जिस अंडे से रोशनी आरपार हो जाती है वो शाकाहारी है। वहीं मांसाहारी अंडों से लाइट पार नहीं होती।
अंडे और डेयरी उत्पादों की वजह से शाकाहारी लोगों को विभिन्न भागों में वर्गीकृत किया गया है।
ओवो-शाकाहारी: ऐसे शाकाहारी लोग जो मांस, मछली और डेयरी से परहेज करते हैं लेकिन इसमें अंडे का सेवन करते हैं।
लैक्टो-ओवो शाकाहारी: मांस और मछली से परहेज करते हैं लेकिन अंडे और डेयरी से परहेज नहीं करते हैं।
लैक्टो-शाकाहारी: अंडे, मांस और मछली से परहेज करते हैं लेकिन डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं।
शाकाहारी: मांस, मछली, अंडे, डेयरी और अक्सर अन्य वस्तुओं जैसे शहद सहित सभी जानवरों और पशु-व्युत्पन्न उत्पादों से परहेज करते हैं।