जानिये फोड़े के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली फेमस होम्योपैथिक दवाएं
किसी भी तरह की शारीरिक बीमारी पीड़ादायक होती है। फिर चाहे वह बड़ी हो या छोटी। ऐसे ही शरीर में निकलने वाले फोड़े भी हमें काफी दर्द दे सकते हैं। इसी वजह से लोग इससे बचाव और उपचार के लिए तरह-तरह की क्रीम और दवाएं इस्तेमाल करते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको कुछ ऐसी होम्योपैथिक दवाइयों के बारे में बताते हैं तो फोड़ों के इलाज के लिए काफी कारगर साबित हो सकती हैं। हालांकि, इसके पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर फोड़े होते क्या हैं और हमारे शरीर में इसके निकलने के पीछे के कारण क्या है।
फोड़ा क्या होता हैं
दरअसल, हमारे शरीर पर मवाद के जमाव को फोड़ा कहा जाता है, जो पीड़ादायक भी हो सकता है। फोड़ा शरीर में कहीं भी हो सकता है। यह शरीर में एक गांठ के रूप में दिखाई देता है।
फोड़ा होने का कारण
शरीर में फोड़ा होने की मुख्य वजह जीवाणु संक्रमण है। जब आपके शरीर में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण को रोकने वाली सफ़ेद कोशिकाओं को उस स्थान पर भेजती है, जहां ये जीवाणु उपस्थित रहते हैं। ऐसे में यह सफ़ेद कोशिकाएं इन जीवाणुओं पर हमला करते हैं। इस हमले से आसपास के मांस-तंतु मर जाते हैं, जिससे शरीर पपर एक छेद हो जाता है। इसी छेद में मवाद भर जाता है और यह फोड़ा का रूप ले लेता है। यह मवाद सफ़ेद कोशिकाओं, मांस-तंतुओं और जीवाणुओं के मिश्रण से बनते हैं।
फोड़े का उपचार
अगर आपके शरीर में कोई छोटा सा फोड़ा है तो वह स्वतः ही फूटकर या सूखकर सही हो सकता है, लेकिन अगर फोड़े ने बड़ा रूप ले लिया है तो ऐसे फोड़े से निजात पाने के लिए उपचार की आवश्यकता हो सकती है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बताते हैं, जो फोड़ों को सही करने में लाभकारी साबित हो सकते हैं।
फोड़ा के लिए होम्योपैथिक दवाइयां
फोड़ा को सही करने वाली यह होम्योपैथिक दवाइयां निम्नलिखित हैं-
हेपर सल्फ्यूरिस कैलकेरियम: यह होम्योपैथिक दवा फोड़ा के इलाज के लिए काफी लाभकारी है। इसमें मवाद को जल्द एकत्र करने के गुण होते हैं, जिससे मवाद निकालकर फोड़ा सही किया जा सकता है।
बेल्लाडोन्ना- इस दवा का इस्तेमाल फोड़े में मवाद एकत्र होने से पहले किया जाता है। फोड़ा बनने के शुरूआती चरण में अक्सर सूजन जैसी स्थिति देखने को मिलती है। उस समय शरीर का वह हिस्सा जहां फोड़ा निकल रहा होता है, वह क्षेत्र लाल होता है। हालांकि वहां अभी मवाद एकत्रित नहीं हुआ होता है।
आर्सेनिकम एल्बम: शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली अहम योगदान निभाती है। चूंकि फोड़ा भी संक्रमण की वजह से होता है। ऐसे में यह दवा संक्रमित फोड़ा, और दर्द से निजात दिलाने में काफी उपयोगी है। यह हमारे शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूती प्रदान करता है।
कैलकेरिया सल्फ्यूरिका: यह होम्योपैथी दवा चेहरे पर निकलने वाले नए मुंहासों से राहत दिलाने में काफी उपयोगी है। यही मुंहासे बाद में फोड़ा का रूप ले लेते हैं।
कैलेंडुला: यह दवा अक्सर फोड़े और संक्रमित घावों का तुरंत उपचार करने में में सहायक है। इसका उपयोग हर्बल रूप में या टिंचर, मरहम या सेक के रूप में कम मात्रा में किया जा सकता है। आंतरिक रूप से लिया गया कैलेंडुला शरीर को संक्रमण से उबरने में मदद कर सकता है।
इचिनेशिया एंजुस्टिफोलिया: यह होम्योपैथिक दवा अक्सर प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से उबरने में मदद करने के लिए प्रयोग की जाती है। जो लोग लगातार हो रहे फोड़ों से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह दवा काफी कारगर साबित हो सकती है। आमतौर पर बीमार, सुस्त, दर्द और ज्यादा सर्दी महसूस करने वाले लोगों को इस दवा की ज्यादा आवश्यकता होती हैं।
मर्क्यूरियस सोलुबिलिस: इस दवाई का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब फोड़ा बड़ा हो जाता है और उसमें मवाद भर जाता है। ऐसी सूरत में व्यक्ति की त्वचा नम या चिकनाई युक्त दिखने वाली हो सकती है। इसके अलावा अधिक गर्मी लगने और पसीना होने की समस्या से निपटने के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सिलिकिया: इस होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब फोड़े में मवाद न आ रहा हो या फोड़ा दोबारा तैयार हो रहा हो।
टारेंटयुला क्यूबेंसिस: इस दवा को तब दिया जा सकता है जब फोड़ा चुभता है। इसके अलावा उसमें जलन और दर्द का भी एहसास होता हो। इसके अलावा त्वचा आसपास के ऊतकों के बैंगनी या नीले रंग के मलिनकिरण के साथ सूज जाती हो। बेचैनी और सोने में कठिनाई होने पर भी इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है।