जानिये हाइड्रोनफ्रोसिस से जुड़ी कई जानकारियां
हमारे शरीर में दिल, गुर्दा, दिमाग की तरह कई तरह के भीतरी अंग होते हैं, जिनका अलग-अलग काम होता है। जब इन्ही अंगों की संरचना में कोई बदलाव आता है या उनके काम करने की क्षमता में कोई कमी आती है तो शरीर में रोग की उत्पत्ति होती है, जो विभिन्न प्रकार से जनजीवन को प्रभावित करता है।
शरीर में ऐसा ही एक अंग है किडनी, जिसका मुख्य कार्य खून को साफ़ करना और पानी व क्षार का संतुलन करके पेशाब का निर्माण करना है। लेकिन किन्ही कारणों से जब पेशाब बाहर नहीं निकल पाता और किडनी में जमा हो जाता है, तो किडनी में सूजन आ जाती है। इस सूजन को हाइड्रोनफ्रोसिस कहा जाता है।
हाइड्रोनफ्रोसिस के प्रकार
चूंकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं, इसलिए हाइड्रोनफ्रोसिस भी दो तरह का होता है। पहला एकतरफा हाइड्रोनफ्रोसिस जिसका अर्थ है कि पेशाब के जमा होने की वजह से एक किडनी में सूजन आई है। वहीं, अगर पेशाब जमा होने की वजह से दोनों किडनी प्रभावित हुई हैं, तो यह द्विपक्षीय हाइड्रोनफ्रोसिस की श्रेणी में गिना जाएगा।
वैसे तो हाइड्रोनफ्रोसिस होने की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन अगर बच्चों को यह समस्या होती है तो उसका इलाज बचपन में ही किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चे के जन्म से पूर्व प्रसवपूर्व अल्ट्रासाउंड के दौरान भी किया जा सकता है।
हाइड्रोनफ्रोसिस के लक्षण
हाइड्रोनफ्रोसिस होने के लक्षण में निम्न कारक शामिल हैं:-
- बाजू और पीठ में दर्द जो पेट के निचले हिस्से या कमर तक जा सकता है
- मूत्र संबंधी समस्याएं, जैसे कि पेशाब के साथ दर्द या पेशाब करने की तत्काल या बार-बार आवश्यकता महसूस होना
- मतली और उल्टी
- बुखार
हाइड्रोनफ्रोसिस के कारण
दरअसल, किडनी जिस पेशाब का निर्माण करती है वह एक ट्यूब के माध्यम से मूत्राशय में जाती है। इस ट्यूब को मूत्रवाहिनी कहा जाता है। मूत्राशय से यह पेशाब शरीर से बाहर निकलती है। लेकिन कभी कभी हम किसी काम में व्यस्त रहने की वजह से या अन्य कारणों से पेशाब को बाहर नहीं निकालते, जिसकी वजह से यह मूत्रवाहिनी या किडनी में ही रह जाता है। इसी वजह से हाइड्रोनफ्रोसिस विकसित हो सकता है।
हाइड्रोनफ्रोसिस के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
- मूत्र पथ में आंशिक रुकावट: मूत्र पथ की रुकावटें अक्सर वहां बनती हैं जहां गुर्दा मूत्रवाहिनी से मिलता है। इसके अलावा रुकावटें वहां भी हो सकती हैं जहां मूत्रवाहिनी मूत्राशय से मिलती है।
- वेसिकुरेटेरल भाटा: वेसिकुरेटेरल भाटा तब होता है जब मूत्र मूत्राशय से मूत्रवाहिनी के माध्यम से किडनी में ऊपर की ओर बहता है। आमतौर पर, मूत्र मूत्रवाहिनी में केवल एक ही तरह से बहता है। गलत तरीके से पेशाब बहने से किडनी को ठीक से खाली होने में मुश्किल होती है और किडनी में सूजन आ जाती है।
- हाइड्रोनफ्रोसिस के अन्य कारण: हाइड्रोनफ्रोसिस के होने के अन्य कारणों में किडनी की पथरी, पेट या श्रोणि में ट्यूमर और मूत्राशय की ओर जाने वाली नसों की समस्याएं शामिल हैं।
हाइड्रोनफ्रोसिस का पता लगाने के लिए किए जाने वाले टेस्ट
अगर आपका शरीर हाइड्रोनफ्रोसिस के किसी भी लक्षण से प्रभावित होता है तो आपो तुरंत ऐसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जो आपकी समस्या के निदान के लिए सभी स्थितियों का पता लगाने में माहिर है। हाइड्रोनफ्रोसिस की जांच के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करवा सकते हैं:
- किडनी के काम का मूल्यांकन करने के लिए ब्लड टेस्ट
- संक्रमण या मूत्र पथरी के संकेतों की जांच के लिए मूत्र परीक्षण जो पेशाब के रुकावट का कारण बन सकता है
- एक अल्ट्रासाउंड इमेजिंग परीक्षा, जिसके दौरान आपका डॉक्टर संभावित समस्याओं की पहचान करने के लिए किडनी, मूत्राशय और अन्य मूत्र संरचनाओं को देख सकता है
- मूत्र पथ का एक विशेष एक्स-रे जो किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग को रेखांकित करने के लिए एक विशेष डाई का उपयोग करता है, पेशाब से पहले और पेशाब के दौरान छवियों को कैप्चर करता है
- यदि आवश्यक हो, तो आपका डॉक्टर सीटी स्कैन या एमआरआई जैसी अतिरिक्त इमेजिंग टेस्ट की सिफारिश कर सकता है। इस तरह के टेस्ट को MAG3 स्कैन कहा जाता है जो किडनी में कार्य और जल निकासी का मूल्यांकन करता है।
हाइड्रोनफ्रोसिस का इलाज
हाइड्रोनफ्रोसिस के लिए उपचार उसके होने के पीछे के कारण पर निर्भर करता है। वैसे तो हाइड्रोनफ्रोसिस अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि कभी-कभी सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ जाती है।
- हल्के से मध्यम हाइड्रोनफ्रोसिस: पहले डॉक्टर यह देखने के लिए प्रतीक्षा करता है कि क्या आपका हाइड्रोनफ्रोसिस अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि इस दौरान डॉक्टर मूत्र पथ के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए निवारक एंटीबायोटिक चिकित्सा की शुरुआत कर सकता है।
- गंभीर हाइड्रोनफ्रोसिस: जब हाइड्रोनफ्रोसिस की वजह से किडनी को सही से काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है या वेसिकुरेटेरल भाटा की स्थिति पैदा हो जाती है, तो ऐसे मामले में डॉक्टर सर्जरी का विकल्प चुन सकता है। हाइड्रोनफ्रोसिस के कारण को ठीक करने के लिए किडनी की पथरी को तोड़ने और साफ करने के लिए शॉक वेव लिथोट्रिप्सी की जा सकती है।
- हाइड्रोनफ्रोसिस को बिना उपचार के छोड़ देना: गंभीर हाइड्रोनफ्रोसिस स्थायी किडनी की क्षति या विफलता का कारण बन सकता है। लेकिन हाइड्रोनफ्रोसिस आमतौर पर केवल एक किडनी को प्रभावित करता है और दूसरा किडनी दोनों के लिए काम कर सकता है।