Jasmine Oil Benefits and Side Effects in Hindi - चमेली के तेल के फायदे और नुकसान
चमेली का वैज्ञानिक नाम जैस्मिन ग्रैंडफ्लोरा है. लेकिन तेल जैस्मिनुम आफिसनाल से निकाला जाता है. वैज्ञानिक नाम वाले चमेली के फूलों की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है. इसके फूलों का इस्तेमाल हम पूजा-पाठ में करते आए हैं. लेकिन इसका औषधिय इस्तेमाल भी बहुत ज्यादा है. रोमांटिक सुगंध से परिपूर्ण चमेली के फुलों से निकलने वाला तेल कई स्वास्थ्यवर्धक तत्वों से युक्त होता है. चमेली के तेल में मुख्य रूप से बेंजाल्डीहाइड, इन्डोल, गेरानीयनोल, बेनोजिक एसिड, युजिनोल, बेन्जिल अल्कोहल, बेन्जिल बेंजोएट आदि होते हैं. चमेली के फायदे और नुकसान के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं के देखें.
1. अनिद्रा में
अनिद्रा में चमेली का तेल सकारत्मक भूमिका निभाता है. ये एक एंटीस्पास्मोडिक के रूप में काम करते हुए नींद की समस्या को ख़त्म करता है. इससे आप एक अच्छी और सुकूनभरी नींद ले पाते हैं जिससे कि अनावश्यक थकान भी मिटती है.
2. शीघ्रपतन में
इसमें कामोत्तेजक गुण भी पाए जाते हैं. इसलिए इसका सुगंध रोमांटिक एहसास देता है. इसके तेल के प्रयोग से शीघ्रपतन, नपुंसकता एवं अन्य कई यौन विकारों को दूर किया जा सकता है. शरीर के भीतर हार्मोन और रासायनिक प्रतिक्रियाओं पर भी इसका प्रभाव पड़ता है.
3. शामक के रूप में
चमेली के तेल की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि ये मन और आत्मा को शान्ति प्रदान करता है. जिससे कि आप तनाव, झुंझलाहट और क्रोध आदि से बच सकते हैं और आपका मूड सही रहता है. इसमें सूजन और गठिया को भी दूर करने का लक्षण होता है.
4. प्रसव में
प्रसव के दौरान महिलाएं भयंकर पीड़ा से गुजरती हैं. चमेली के तेल में मौजूद गुणों की वजह से आप प्रसव के दौरान होने वाले इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं. दरअसल इसमें हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता होती है. ये इस दौरान संकुचन को भी मजबूती प्रदान करता है.
5. घाव भरने के लिए
इसमें एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक गुण भी मौजूद होते हैं. जिससे कि इसे बाह्य घावों में लगाने से घावों में सेप्टिक के विकास को रोकता है. इसके साथ ही ये टेटनस के संभावना को भी ख़त्म करता है. इसमें एंटीवायरल, फंगल, किटाणुनाशी और जीवाणुनाशी गुण भी पाए जाते हैं. इससे सर्दी-खांसी में भी राहत मिलता है.
6. त्वचा के लिए
चमेली का तेल एक तरह से सीक्रेटेंट का काम करता है और त्वचा को कई तरह के परेशानियों से दूर करता है. चमेली का तेल मुंहासे, घाव और फोड़े आदि को दूर करने के लिए भी चमेली का तेल काफी मददगार होता है.
7. गर्भाशय के लिए
गर्भाशय के सेहत के लिए भी चमेली का तेल काफी उपयोगी साबित होता है. क्योंकि इस दौरान ये कुछ ऐसे हार्मोनों को स्त्रावित कर देता है जो कि गर्भाशय के कार्यों को सुनिश्चित करता है. रजनोवृत्ति के बाद ये एस्ट्रोजेन के प्रवाह को भी सिमित करता है.
8. खांसी के उपचार में
चमेली के तेल की सहायता से आप सर्दी खांसी जैसी समस्याओं से भी निपट सकते हैं. ये खांसी के दौरान होने वाली कफ की समस्या को दूर करता है. इसके आलावा ये खांसी, सांस लेने की समस्या और ऐंठन आदि को भी ख़त्म कर सकता है.
9. अवसाद दूर करने में
चमेली के तेल का सुगंध बेहतरीन होता है. इसकी खुशबु हमारे अंदर रोमांटिक और काव्यात्मक भावनाएं जगाने वाली होती है. दरअसल इसके सुगंध में सेरोटोनिन सहित कई तरह के हार्मोन को उत्तेजित करने की क्षमता होती है. यदि आप इसके सुगंध को महसूस करेंगे तो आप मूड भी अच्छा हो जाएगा और आप सुकून का अनुभव करेंगे.
10. पीरियड्स के दौरान
चमेली के तेल में मौजूद आर्तावजनक गुण पीरियड्स को नियंत्रित करते हैं. इसके अलावा ये पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्याओं जैसे कि मतली, थकान, झुंझलाहट और ख़राब मूड जैसी समस्याओं को भी दूर करने का काम करता है.
चमेली के तेल के नुकसान
- इससे एलर्जी वाले लोगों को इससे बचना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को इसके उपयोग से बचना चाहिए.
- इसमें उत्तेजक गुण होता है इसलिए इसके ज्यादा खुराक से बचना चाहिए.