जीवन को खुशहाल कैसे बनाएं: अपनी दिनचर्या में शामिल करें 27 आदतें
जीवन में खुश रहना बहुत आवश्यक है। हर व्यक्ति के लिए खुशियों की वजह अलग हो सकती हैं। किसी को बाहर घूमकर खुशी मिलती है, तो किसी को अच्छा भोजन खाकर खुशी का अहसास होता है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सच्ची खुशी को कैसे परिभाषित करते हैं, एक सुखी जीवन जिससे आप संतुष्ट हैं वही काफी है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आप कैसे खुश रह सकते हैं। यह सच है कि कोई भी हर समय खुश नहीं रह सकता है, लेकिन खुशी रहने की कोशिश करना संभव है। आप अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर खुद को और अपने आसपास के लोगों को भी खुश रख सकते हैं।
निम्नलिखित कुछ वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीके हैं जिनसे कोई भी व्यक्ति जीवन में खुश रह सकता है। आपको सिर्फ यह समझना है कि कौन सी विधि आपके लिए काम करती है। तो आइए जानते हैं कि किन छोटी छोटी आदतों के साथ आप खुशी हासिल कर सकते हैं
दिल खोलकर मुस्कुराइए
मुस्कुराने के लिए मौके का इंतज़ार मत कीजिए। जीवन की छोटी छोटी बातों पर मुस्कुराने की आदत डालिए। जब हम मुस्कुराते हैं तो हमारा मस्तिष्क डोपामाइन रिलीज करता है, जिससे हम खुश होते हैं। इसलिए मुस्कुरानें में कंजूसी मत कीजिए।
व्यायाम कीजिए
खुश रहने के लिए व्यायाम कीजिए। नियमित व्यायाम करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और तनाव, चिंता की भावनाओं और अवसाद के लक्षणों में कमी आती है। प्रतिदिन वॉक करें, योगाभ्यास करें, स्विमिंग या डांसिंग कर के भी आप खुशी को बढ़ा सकते हैं।
भरपूर नींद लें
किसी भी व्यक्ति का अच्छा स्वास्थ्य उसकी खुशी की कुंजी होता है। एक अच्छे स्वास्थ के लिए व्यक्ति को कम से कम 7 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।
पर्याप्त नींद लेने से हृदय रोग, अवसाद और मधुमेह जैसी कुछ पुरानी बीमारियों के विकसित होने का जोखिम भी कम हो जाता है। इसलिए अपनी नींद के महत्व को समझें और भरपूर नींद लेने की कोशिश करें।
संतुलित भोजन लें
हम क्या खाते हैं इसका असर हमारे मूड पर पड़ता है। खुश रहने के लिए ऐसा आहार लें जो आपके मन को खुश कर सके। हरी सब्ज़ियां, रंग बिरंगे फल, साबुत अनाज का विकल्प चुनें।
संतुलित भोजन आपके शरीर में फील गुड हार्मोन रिलीज़ करते हैं जो आपको अच्छा महसूस करा सकते हैं।आभार व्यक्त करें
अपने जीवन में किसी भी अच्छी चीज़ के लिए आभार व्यक्त करना सीखें। सुबह सोकर उठने से लेकर रात को बिस्तर पर जाने तक अपने आसपास की हर चीज़, हर सुविधा, हर उपलब्धि के लिए आभार व्यक्ति कीजिए।
आभार चाहे भगवान का हो, आपके परिवार वालों का या आपके सहयोगियों का। आभार व्यक्त करके आपको सच्ची खुशी का अनुभव होगा।
दूसरों की तारीफ करें
अपने आसपास के लोगों की तारीफ करने से ना चूकें। ये तारीफ उनकी शारीरिक सुंदरता से लेकर उनके काम में पारंगत होने तक को लेकर हो सकती है। इससे ना सिर्फ उन्हें खुशी मिलेगी बल्कि आपको भी अच्छा लगेगा।
गहरी सांस लें
यदि आपको तनाव महसूस होता है या अधिक थकान लगती है तो गहरी सांसे लेने का अभ्यास करें। धीमी और गहरी साँस लेने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
सुख ही नहीं दुख को भी स्वीकार करें
सुख और दुख दोनों के संतुलन का नाम ही जीवन है। इसलिए सुखों के साथ दुखों को सहने की भी आदत डाल लें। सुख में सुखी हो तो दुख का भी इज़हार करें। अप्रसन्नता की भावना को स्वीकार करें।
एक जर्नल में लिखने की आदत डालें
अपने विचारों और भावनाओं को एक डायरी में लिखने की आदत डालें। इससे आपके मन और मस्तिष्क पर पड़ने वाला बोझ कम होगा और विचारों में स्पष्टता आएगी।
तनाव का सामना करें
हमें हर दिन किसी ना किसी तनाव से दो चार होना पड़ता है। ऐसे में जीवन को सरल बनाए रखने के लिए तनाव का सामना करने की आदत डालनी चाहिए। तनाव के आगे हथियार मत डालें बल्कि उसे सीधे संबोधित करने का प्रयास करें।
दूसरों से अपनी तुलना करने से बचें
अपनी तुलना दूसरों से कर के आप असंतोष, कम आत्मसम्मान और अवसाद का अनुभव कर सकते हैं। यह आपकी आंतरिक शांति और खुशी के लिए आवश्यक है।
घर से अव्यवस्था दूर करें
सप्ताह में एक बार घर या कमरे का एक हिस्सा साफ सुथरा करें। उदाहरण के तौर पर अपनी अल्मारी, मेज़ की दराज़ इत्यादि को साफ करें। ऐसा कर के आप मन में शांति का अनुभव करेंगे।
दोस्तों से मिलें
हम सभी एक सामाजिक प्राणी हैं। समाज में मिलने जुलने से आप खुद को हल्का महसूस कर सकते हैं। जानकार मानते हैं कि सामाजिक संबंध हमें खुश कर सकते हैं। ऐसे में अपने दोस्तों से मिलने का समय निकालें।
आने वाले सप्ताह की योजना बनाएं
सप्ताह में एक दिन समय निकालकर आगामी हफ्ते के लिए योजना बनाएं। ऐसा करने से आप बिना किसी परेशानी के अपने सारे काम समय से निपटा सकेंगे। इससे आपका जीवन आसान होगा और आप प्रसन्न रह सकेंगे।
फोन को छुट्टी दें
जीवन को सरल बनाना है तो सप्ताह में एक या दो दिन अपने फोन को खुद से दूर रखें। यही नहीं आप अपने सुकून के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर के देख सकते हैं। अपने दिमाग को कुछ घंटों के लिए आराम दें। अकेलेपन का आनंद लें। मन शांत रहेगा।
प्रकृति को सराहें
जानकार मानते हैं कि प्रकृति के बीच कुछ समय बिताने से स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित होता है और अवसाद विकसित होने की संभावना कम हो सकती है।
मेडिटेशन करें
मेडिटेशन करने से मन को शांति मिलती है। इससे फोकस करने में मदद मिलती है और सेहत भी सुधरती है। इसके लिए सिर्फ 5 मिनट के लिए अपने विचारों को शांत करें और आंखें बंद कर चुपचाप बैठने का प्रयास करें। मेडिटेशन के दौरान गहरी साँस लेने से भी फायदा हो सकता है।
थेरेपी का विकल्प चुनें
जीवन की मुश्किलों से परेशान होने के बजाय उनका हल तलाशें। हो सके तो थेरेपी का सहारा लेने से ना हिचकें। जब हम बाधाओं का सामना करना सीखते हैं तो निश्चय ही हम अधिक प्रसन्न होते हैं। कई बार एक मनोचिकित्सक से बात कर के हम अपनी उलझन का हल प्राप्त कर सकते हैं।
अपनी देखभाल का तरीका खोजें
अपने बिज़ी शेड्यूल में खुद की देखभाल करने का समय निकालें। खुद को पैम्पर करें। फिर चाहे वो अपना पसंदीदा किताब पढ़ कर करें या फिर स्पा में समय बिताकर। आप एक लम्बा गर्म स्नान लेकर या फिर त्वचा की देखभाल कर के भी खुद को समय दे सकती हैं।
समाज सेवा से जुड़ें
महीने में एक दिन दूसरों के लिए कुछ करें। फिर चाहे वह महीने में एक बार किसी वृद्धाश्रम में जाकर समय बिताना हो या किसी एनजीओ के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना।
घर से बाहर समय बिताएं
इस बात का इंतज़ार ना करें कि कोई साथी मिले तो कहीं बाहर जाने का प्लान बनाएं। अकेले भी आप एंजॉय कर सकते हैं। अपने पसंदीदा रेस्तरां में जाकर खाना खाएं, कोई अच्छी मूवी देखने जाएं, या फिर सोलो ट्रिप पर भी जा सकते हैं।
अपने विचारों की लिस्ट बनाएं
आपके मन में जो भी विचार आते हैं उनकी एक लिस्ट तैयार करें। इस लिस्ट में आप उन बातों को नोट करें जो आप करना चाहते हैं या जिनसे आपको खुशी मिलती है।
चिंतन के लिए समय निकालें
साल के पहले दिन या अपने जन्मदिन पर बीते एक साल में आपने क्या किया और आगे आप क्या करना चाहते हैं इस पर विचार करें। क्या आपका बीता साल आपके मन मुताबिक रहा या फिर आने वाले साल में आप अपने प्रयासों में सुधार चाहते हैं । इन सभी बातों पर विचार करें।
अपने लक्ष्यों का पुनर्मूल्यांकन करें
हमारी उम्र के साथ हमारे लक्ष्य भी बदल सकते हैं। इसलिए आप इस बात को समझें कि पहले आपके जो लक्ष्य क्या वहीं अब भी आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। किसी भी ऐसे लक्ष्य को छोड़ दें जो अब आपके काम के नहीं रहे।
अपने शरीर का ख्याल रखें
आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। आप स्वस्थ रहते हैं तो आप खुशी भी महसूस करते हैं। ऐसे में अपने स्वास्थ्य की पूरी देखभाल करना सुनिश्चित करें।
कुंठा से बचें
अकसर हम ऐसी बातों से कुंठा ग्रस्त हो जाते हैं जिनका अधिक महत्व है ही नहीं। ऐसे में खुश रहने के लिए अगर कुंठा से मुक्त होने की बात कही जाए तो ये कीमत बहुत अधिक नहीं है। कभी-कभी, दूसरों को क्षमा करना खुद को शांति देता है।
यात्रा की योजना बनाएं
अपने व्यस्त जीवन में ब्रेक लें और कहीं यात्रा पर निकल जाएं। छुट्टी पर जाने से आपको मानसिक और शारीरिक दोनों में लाभ मिलेगा। छुट्टियों में यात्रा करने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि आप खुद को तरोताज़ा भी महसूस करते हैं।