कान का पर्दा फटना- कान में छेद का इलाज - Kaan Ka Parda Fatna - Kaan Mein Chhed Ka Ilaj in Hindi
कान का पर्दा ज्ञानी ईयर ड्रम हमारे कान का एक ऐसा महावपूर्ण हिस्सा है, जिसकी सहायता से बाहर की किसी भी प्रकार की ध्वनि, हमारे कानों तक पहुँचती है. यानि हम कह सकते हैं कि कान हमारे शरीर का एक ऐसा सक्रिय अंग है जो हमें सुनने में सक्षम बनाने का काम करता है. कान के परदे की नली में मौजूद वैक्स, मूल रूप से मृत कैरोटीन ओ साइट्स से निर्मित होता है. कान का पर्दा बीच में तथा दोनों कान की नालियाँ इसके दाएं और बाएं और होती हैं. कान के पर्दे को मेडिकल भाषा में किन पैनिक झिल्ली कहते हैं. अतः जब भी कान के पर्दे में कोई बाधा या छेद हो जाए तब इसे कान के पर्दे का फटना कहते हैं. या का में छेद होना कहते हैं.
कान के पर्दे के फटने का क्या अर्थ है? - Kan Ka Parda Fatne Ka Matlab in Hindi
इसका एक मात्र उत्तर जानने के लिए हमें कान तथा, कान के परदे में कार्य के बारे में जानने की आवश्यकता होगी. इस क्रम में आपको बताते चलें कि हमारे आसपास उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की ध्वनि, कंपन के रूप में कानों के पर्दों में जाकरटकराती है. तत्पश्चात कान के पर्दे से उन कंपनों को विशिष्ट सिग्नल में परिवर्तित करके इसे हमारे मस्तिष्क में पहुंचाया जाता है. अर्थात कानों के पर्दों का कार्य ध्वनि के सिग्नल को दिमाग तक पहुंचाना है. लेकिन जब भी किसी वजह से कान के पर्दे में कोई छेद होता है तब यह सिग्नल को दिमाग तक पहुंचने में असक्षम होते हैं. जिससे व्यक्ति की सुनने की क्षमता में असर पड़ता है. तब कहते हैं कि कान का पर्दा फट गया या कान में छेद हो गया.
कान के परदे में छेद होने के कारण - Kan Ke Parde Mein Ched Hone Ke Karan
- किसी वस्तु कान में डालने से हुआ छेद
- चोट लग जाने से खेलकूद के दौरान
- कान के बल गिरना
- हाथापाई में लगने वाली चोट
- स्कूबा डाइविंग
- अधिक ऊंचाई पर जाने से
- एयरक्राफ्ट में सफर
कान के पर्दे फटने के लक्षण - Kan Ke Parde Fatne Ke Lakshan
- अगर कान में दर्द है चाहे कम या अधिक तो यह एक लक्षण हो सकता है.
- कान में घंटियां बजना या सुनने की क्षमता कम होना.
- चक्कर आना, कान में हवा चलने का एहसास आदि कुछ और लक्षण हो सकते हैं.
इसके अलावा कlन से तरल का बहना या खून आना भी एक लक्षण हो सकता है. तरल का स्त्राव संक्रमण होने का इशारा करता है. ऐसा ज्यादातर छोटे बच्चों और उन लोगों में अधिक होता है, जिन्हें सर्दी और जुकाम की शिकायत होती है.
कैसे करें कान में छेद होने की पहचान - Kam Mein Ched Ki Kaise Kare Pehchan
कान के डॉक्टर के लिए ENT डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है. यहाँ ENT का मतलब Ear, Nose or Throat के डॉक्टरों से है.
ENT डॉक्टर आपकी कान से रिसने वाले तरल का सैंपल लेकर उसकी जांच करता है. इसके अलावा कुछ विशेष जांच जैसे : ऑटो स्कोप, ऑडियोलॉजी, पता लगता है और जरूरी दवा और इलाज लिखता है.
कान में छेद होने का इलाज - Kam Me Ched Hone Ka Ilaj in Hindi
- चिकित्सकीय इलाज
- कान के पर्दे में छेद का इलाज दर्द को दूर करने के लिए और भविष्य में संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है. डॉक्टर पर्दे फटने में निम्न प्रकार से आपका इलाज करता है.
पैचिंग: - इस विधि में का इस्तेमाल तब करते हैं जबकि आपके कान का पर्दा स्वत ठीक नहीं होता. ऐसी स्तिथि में आपका चिकित्सक छेद पर एक प्रकार की पैच या चेपी लगाकर इस पैच के सहारे पर्दे की झिल्ली को बढ़कर आपस में मिला देता है.
जीवाणुरोधी दवाइयों के द्वारा: - जीवाणुरोधी दवाइयों ईयर ड्रॉप्स और दवाई आपको डॉक्टर तब लिखता है जब आपके पर्दे में छेद की वजह संक्रमण हो साथ ही ये जीवाणुरोधी दवाइयाँ आपको छेद के कारण होने वाली संक्रमण के खतरे से भी बचाती हैं.
सर्जरी: - इस विधि में आपका इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जाता है. इसके लिए सर्जरी के द्वारा आपके पर्दे को फिर से जोड़ दिया जाता है.
कान के पर्दे का घरेलु उपचार - Kan Ke Parde Ka Gharelu Upchar
- घरेलु उपचार में रोगी को ठंडा और गर्म सेक करने की सलाह दी जाती है.
- कान का पर्दा बिना इलाज के कुछ हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाता है. यदि आपकी सर्जरी यानि ऑपरेशन हुआ है तो आपको पूरी तरह ठीक होने में कुछ हफ़्तों का समय लग सकता है.