कमजोर हड्डियों का इलाज - Kamzor Haddiyon Ka Ilaj!
हमारे बदलते रहन-सहन और खान-पान के कारण अब हड्डियों की समस्या एक आम समस्या है. हड्डियों से संबंधित कई तरह के परेशानियों से लोग पीड़ित हैं. हड्डियों के इन परेशानियों को आपको गंभीरता से लेना चाहिए. यदि आप भी ऐसा सोचते हैं कि दिन में एक गिलास दूध पी लेने से हड्डियों में एक दिन के कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है, तो आप गलत हैं. दरअसल कैल्शियम, हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूती के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग और मांसपेशियों के विकाश में भी मददगार होती है. यही कारण है कि शरीर को अधिक मात्रा में कैल्शियम चाहिए. लेकिन जो व्यक्ति दिल की बीमारी या पथरी से ग्रसित है उसे कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा नहीं लेनी चाहिए. ऐसे में आपको चिकित्सक के परार्मश से ही कैल्शियम लेनी चाहिए. हड्डियों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली समस्या है ऑस्टियोपोरोसिस. अब सवाल ये है कि आखिर ये ऑस्टियोपोरोसिस है क्या? तो आपको बता दें कि यह एक छुपा हुआ रोग है. इसके बारे में तब तक पता नहीं चलता है जब तक की खुशी चोट की वजह से आप किसी ने वजह से कोई अधिक टूट ना जाए. जाहिर है जब हड्डियां कमजोर और भुरभुरी हो जाती हैं, तभी उनके टूटने की शुरुआत होती है. आइए इसके बारे में जानें की हम ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम और इसका उपचार कैसे कर सकते हैं.
1. धूप जरूरी है-
धूप दरअसल ऑस्टियोपोरोसिस के दौरान कैल्शियम का अवशोषण करने के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है. इसलिए इस दौरान यदि आप धूप में 20 मिनट के लिए रोजाना जाएं तो इससे आवश्यक विटामिन डी की कमी की आपूर्ति हो जाती है. लेकिन लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपको धूप में जबरदस्ती नहीं बैठना है.
2. कैल्शियम और संतुलित आहार से-
जब हमें पता चलता है कि ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या किसी व्यक्ति में उत्पन्न हो गई है तो प्रारंभिक तौर पर इसके मरीज को कैल्शियम और विटामिन डी जैसे जरूरी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है इसके साथ ही उन्हें यह भी कहा जाता है कि शारीरिक सक्रियता को बनाए रखें ऑस्टियोपोरोसिस में खाने-पीने से संबंधित कोई विशेष परहेज नहीं किया जाता है. लेकिन संतुलित आहार दैनिक रूप से लिया जाना चाहिए.
3. अखरोट और बादाम-
ऑस्टियोपोरोसिस के दौरान आपकी हड्डियों को कैल्शियम विटामिन ई और ओमेगा 3 जैसे फैटी एसिड्स की आवश्यकता होती है. इसके अलावा बदाम में फास्फोरस भी मौजूद होता है जो की हड्डियों और दांतों के लिए बेहद आवश्यक होता है. इसके साथ ही अखरोट में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कि मांसपेशियों और हड्डियों की तकलीफ से निजात दिलाने का काम करते हैं. इसलिए नियमित रूप से सुबह खाली पेट 3-4 अखरोट की गिरी खाने से काफी लाभ मिलता है.
4. दूध की सहायता से-
दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है. क्योंकि इसमें कई पोषक तत्वों के अलावा कैल्शियम और अन्य खनिज पदार्थों की भी उपस्थिति होती है. जो की हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इसलिए इस दौरान दूध या दूध से बनी हुई चीजें जैसे कि दही, छाछ, पनीर आदि को अवश्य अपने आहार में शामिल करना चाहिए.
5. सूखे मेवे-
सूखे मेवे का सेवन इस ऑस्टियोपोरोसिस के दौरान काफी लाभदायक साबित होता है. इसके साथ-साथ आप ताजी हरी सब्जियां, अंडे, चने, राजमा, आदि को भी अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए.
6. जरूरी है व्यायाम-
व्यायाम के कई फायदे होते हैं. यह हमें कई रोगों से बचाने का काम करता है. इसलिए कोई बीमारी नहीं भी हो तो भी हमें व्यायाम अवश्य करना चाहिए. ऑस्टियोपोरोसिस के दौरान हड्डियों की मजबूती के लिए और मांसपेशियों में लचक के लिए दिन में 30 मिनट का व्यायाम अवश्य करना चाहिए. इस दौरान बेहतर होगा कि किसी चिकित्सक से परामर्श ले लें कि आपको कौन सा व्यायाम करना है.
ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में सिर्फ़ हड्डियाँ ही कमजोर नही होती बल्कि शरीर के कई अंग भी प्रभावित होते है जैसे दाँत, नाख़ून, मांसपेशियाँ आदि. आहार में पौष्टिकता और सतर्कता से हम इस विकार को बड़ी आसानी से दूर कर सकते है. यह कोई लाइलाज बीमारी नही है. वर्तमान समय में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या सिर्फ़ महिलाओं में ही नही बल्कि पुरुषों में भी देखने को मिलती है. इसलिए सतर्कता और सावधानी सभी के लिए ज़रूरी है. क्योंकि असंतुलित भोजन से ऑस्टियोपोरोसिस जैसा रोग किसी को भी हो सकता है. समस्या सामने आते ही अपने डॉक्टर से उपचार तुरंत लें, जिससे कुछ समय पश्चात आप फिर से एक स्वस्थ जीवन जी सकें.