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Last Updated: Mar 27, 2024
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कान बहने का उपचार - Kan Bahne Ka Upchar!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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कान का बहना अक्सर कई लोगों को परेशान करता है. इसका मतलब होता है कान से एक प्रकार के तरल पदार्थ का रिसाव होना. इसे चिकित्सीय भाषा में ओटोरिया कहा जाता है. अधिकांश मामलों में इसकी वजह आपके कान में मौजूद वैक्स होती है. आपको बता दें कि वैक्स का काम यह सुनिश्चित करना है कि धूल, बैक्टीरिया या अन्य पदार्थ आपके कान में न जा पाएं. हालांकि, कुछ अन्य स्थितियों, जैसे कि कान के परदे के फटने से आपके कान से रक्त या अन्य तरल पदार्थों का रिसाव भी हो सकता है. इससे यह पता लगता है की आपके कान में इंजरी है या इन्फेक्शन है और आपको शीघ्र ही मेडिकल हेल्प लेने की जरुरत पड़ सकती है. कान से लीकेज सामान्य, खूनी और सफेद हो सकता है, जैसे मवाद. रिसाव के कारणों पर निर्भर करते हुए, लोगों को कान में दर्द, बुखार, खुजली, वर्टिगो, कान बजना और सुनाई देना बंद होना हो सकता है.

आइए इस लेख के माध्यम से हम कान के बहने से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर एक नजर डालें.

कान बहने का उपचार - Kan Bahne Ka Ilaj in Hindi

कान के बहने का उपचार कारण पर निर्भर होता है. जिन लोगों के कान के परदे में बड़े छेद होते हैं, उन्हें कान से पानी को दूर रखने की सलाह दी जाती है. पानी को कान से बाहर रखने के लिए, रुई पर पेट्रोलियम जेली लगाएं और कान में रख लें. डॉक्टर भी आपके लिए सिलिकॉन के डाट बना सकते हैं और कान में लगा सकते हैं. ऐसे डाट को सही आकार और आकृति का बनाया जाता है ताकि वह कान में फंसे नहीं और आसानी से हटाया न जा सके.

कान बहने का घरेलू उपचार - Kan Bahne Ka Gharelu Upchar

  1. माजूफल को कूटकर सिरके में उबाल कर फ़िल्टर कर लें, इसे कान में डालने से कान बहना बंद हो जाता है.
  2. तिल का तेल 1 भाग और हुलहुल का रस 4 भाग मिलाकर आग पर तब तक पकाएं, जब तक कि तेल आधा ना रह जाए. फिर इसे छानकर कान में डाल लें. इस उपाय से कान का बहना बंद हो जाता है.
  3. किसी बर्तन में 60 ग्राम सरसों का तेल गर्म करें, इसमें 4 ग्राम वैक्स डाल दें. जब वैक्स पिघल जाय, तब आग से उतार लें, फिर इसमें 8 ग्राम पिसी हुई फिटकरी डाल दें. अगर किसी भी अन्य दवा से कान का बहना बंद न हुआ तो इस उपाय को आजमाएं.
  4. 1 ग्राम हरताल बर्कीय को पिसकर 50 ग्राम सरसों के तेल में इतना पकाएं कि धुआँ निकलने लगे, फिर इसे छानकर कान में डालने से कान का बहना 2-3 दिन में रुक जाएगा.
  5. मेथीदाना को दूध में भिगाकर पीस लें, इसके बाद इसे हल्का गरम करके कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है.
  6. सूरजमुखी के पत्तों का रस तेल में मिलाकर कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है.
  7. नीम के तेल में रुई भिगोकर कान में रखने से कान का बहना बंद हो सकता है.
  8. चुने के पानी में उतना ही दूध मिलाकर पिचकारी देने से कान का बहना रुक जाता है.

कान बहने के प्रकार - Kan Bahne Ke Prakar

  1. पस या धुंधला द्रव: - यह सबसे सामान्य कान से रिसाव के प्रकार में से एक है. इसका मुख्य कारण कान का संक्रमण होता है. 10% बैक्टीरियल कान के संक्रमण में कान का पर्दा फट जाता है.
  2. कान की ट्यूब से द्रव का रिसाव: - कान के संक्रमण से अक्सर ग्रस्त रहने वाले बच्चों को कान में वेंटिलेशन ट्यूब डाली जा सकती है. ये ट्यूब मध्य कान को तरल पदार्थ निकालकर शुष्क रहने में मदद करता है. कभी-कभी, यह ट्यूब बंद हो जाती है. सामान्य तरल पदार्थ मध्य कान में बनते रहते हैं, जब तक कान की ट्यूब फिर से खुल नहीं जाती. इससे एक दिन के लिए कान से कुछ स्पष्ट द्रव का रिसाव हो सकता है.
  3. वैक्स: - वैक्स हल्के भूरे, गहरे भूरे या नारंगी भूरे रंग का होता है. यदि यह गीला हो जाता है, तो यह एक रिसाव की तरह दिखता है.
  4. ब्लड: - यह लीकेज कान की इंजरी के बाद होता है. आमतौर पर, यह कान की लाइनिंग पर एक छोटी सी स्क्रैच होती है.
  5. पानी: - कभी-कभी नहाने का पानी भी कान में जा सकते हैं. कभी-कभी होने वाला पानी का लीकेज इन कारणों से होता है.
  6. स्विमर्स ईयर्स लीकेज: - स्विमर्स ईयर्स के शुरूआती लक्षण में कान में खुजली होती है. बाद के लक्षणों में सफेद और पानी वाला लीकेज होता है. यह मुख्य रूप से तैराकों को और गर्मी के मौसम में होता है.
  7. कान में किसी वस्तु का जाना: - छोटे बच्चे अपने कान में छोटी वस्तुएं डाल सकते हैं. इससे छोटे इन्फेक्शन हो सकते हैं और पस के रंग का लीकेज हो सकता है. यदि वस्तु नुकीली थी, तो रिसाव में खून भी आ सकता है.

कैसे बचें कान के बहने से - Kan Bahne Se Kaise Roke in Hindi

कान में इन्फेक्शन से बचाव के लिए, बीमार लोगों से दूर रहने की कोशिश करें. ब्रैस्टफीडिंग से बच्चों को कान के इन्फेक्शन से सुरक्षा मिलती है, क्योंकि उन्हें दूध में अपनी मां की एंटीबॉडी प्राप्त होती हैं. बाहरी वस्तुओं को अपने कानों से दूर रखें, ताकि आपका कान का पर्दा न फटे. यदि आप जानते हैं कि आप अत्यधिक शोर-शराबे वाले जगह में जाने वाले हैं, तो कान को कवर करने के लिए कुछ इस्तेमाल करें. 'स्विमर् ईयर' से बचने के लिए, पानी से बाहर आने के बाद अपने कानों को अच्छे से सुखा लें. इसके अलावा, अपने सिर को एक तरफ झुकाकर पानी को निकालने की कोशिश करें. तैराकी करने के बाद, स्विमर्स ईयर्स को बढ़ने से रोकने के लिए आप केमिस्ट से मिलने वाली दवाओं का उपयोग भी कर सकते हैं.

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