Kapikacchu (Mucuna Pruriens) Benefits and Side Effects in Hindi - कपिकच्छु के फायदे और नुकसान
कपिकच्छु का कई फायदे और नुकसान को प्राचीन काल से ही पहचान लिया गया था. कपिकच्छु दस-बारह फीट लम्बी और लत्तर के रूप में जमीन पर फैल कर विकसित होने वाली एक औषधीय महत्व से परिपूर्ण पौधा है. हमारे आयुर्वेद के ग्रन्थों में इसके ताकतवर काम संबन्धित स्वभाव और शारीरिक स्थिरता के लिए इसकी प्रशंसा की गई है. आपको जानकार हैरानी होगी कि इससे 350 से भी ज्यादा प्रकार की दवाइयों का निर्माण किया जाता है. इसमें कई तरह के औषधीय गुणों वाले रसायन भी पाए जाते हैं जनके आधार पर विभिन्न रोगों की दवाएं निर्मित की जाती हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम कपिकच्छु के विभिन्न फायदों और नुकसान को विस्तार से जानें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके.
1. साइटिका के उपचार में कपिकच्छु के फायदे
कपिकच्छु का इस्तेमाल साइटिका के उपचार के लिए किए जाने पर इसका सकारात्मक प्रभाव नजर आता है. इसके लिए आपको कपिकच्छु के जड़ को सुखाकर बारीक पीसकर इसका पाउडर बनाना होगा. इसमें मौजूद नेटविन नामक टॉनिक इसमें अपनी भूमिका निभाता है. आप चाहें तो इसका काढ़ा भी पी सकते हैं.
2. थकान मिटाता है
आप थकान मिटाने के लिए भी कपिकच्छु का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें मौजूद कई तरह के दर्द निवारक एजेंट आपको शरीर के दर्द में राहत पहुँचाकर आपकी थकान मिटाते हैं. इसके सेवन से आप नसों में होने वाले दर्द से भी राहत महसूस कर सकते हैं.
3. चित्त की एकाग्रता को बढ़ाता है
दिमाग की एकाग्रता एक नितांत आवश्यक चीज है. जाहीर है हमारे चंचल मन की वजह से हम एकाग्र नहीं हो पाते हैं. यदि आप अपने चित्त की एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें आप कपिकच्छु की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आपको बस इसके बीज से निर्मित काढ़ा प्रत्येक दिन पीना होगा. लेकिन ज्यादा मात्रा में न लें वरना हानिकारक भी हो सकता है.
4. शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है
शुक्राणुओं की कम संख्या से अक्सर कई लोग चिंतित रहते हैं. आपक्कों बता दें कि इसका सबसे सरल उपाय ये है कि आप कपिकच्छु का बारीक पीसे हुए पाउडर का सेवन करना होगा. इससे न सिर्फ पुरुषों शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है बल्कि इसके साथ ही महिलाओं के अंडाणुओं को भी प्रोत्साहित करता है.
5. पीठ दर्द में
कई लोग अक्सर पीठ के दर्द से परेशान रहते हैं. ऐसे लोगों को भी कपिकच्छु का सेवन काई लाभ पहुँचाता है. पीठ दर्द से पीड़ित व्यक्ति को पाँच ग्राम कपिकच्छु का मोटा पाउडर गाय के दूध में पाकाकर रख लें. फिर इसमें एक चम्मच घी एवं आधा चम्मच चीनी मिलाएँ. अब नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपके पीठ दर्द के साथ ही कई अन्य समस्याएँ भी दूर होती हैं.
6. पार्किंसंस के उपचार में
हमारे शरीर के संचालन में तंत्रिका तंत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. आपको बता दें कि पार्किंसंस जैसे बीमारियों में जिसमें तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएँ होती हैं उसमें कपिकच्छु बेहद उपयोगी साबित होता है.
7. वजन बढ़ाने में
दुबले पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाना एक गंभीर समस्या बन जाता है. ऐसे लोगों को नियमित रूप से कपिकच्छु का सेवन करना चाइए. इसके सेवन के तरीके जानने के लिए आपको किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. इससे आपके सेहत को भी दुरुस्त करने में भी काफी मदद मिल जाता है.
क्या हैं कपिकच्छु के नुकसान
- गर्भावती महिलाएं और स्तनपान कराने के वाली महिलाओं को इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए.
- कपिकच्छु के इस्तेमाल में हमेशा इसके मात्रा का ध्यान रखें. इसकी अत्यधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है.
- हमेशा इसका सेवन किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें. वरना इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं.