खमीरा के फायदे - Khamira Ke Fayde in Hindi
खमीरा यूनानी चिकित्सा पद्धति का वरदान है. प्राचीन काल के चिकित्सा पद्धतियों में आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा पद्धति का नाम भी सम्मान के साथ लिया जाता है. इस यूनानी चिकित्सा पद्धति के द्वारा कई महत्वपूर्ण समस्याएं जैसे कि शारीरिक कमजोरी, ह्वदय की धड़कनों को नियमित करने, दिल और दिमाग की कमजोरी का उपचार किया जाता है. जाहिर है कई समस्याओं के लिए ये पद्धति भी कई कारगर उपचार उपलब्ध कराती है. इसके कई तरीके तो कुछ रोगों को जड़ से उखाड़ फेंकते हैं. इसके कई उत्पाद लोगों में बेहद लोकप्रिय हैं. खमीरा भी उन्हीं में से एक है.
क्या हैं खमीरा के फायदे? - Khamira Marwareed Khas Ke Fayde in Hindi
इस चिकित्सा पद्धति में खमीरा के रूप में आपको एक ऐसी दवा मिलती है जिससे रक्तचाप, बुजुर्ग व्यक्तियों में कई बीमारियों के बाद होने वाली कमजोरी, ह्रदय की धड़कनों को नियमित करने एवं दिल-दिमाग की कमजोरी को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस दवा को कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित किया जाता है. इसे सभी आवश्यक जड़ी-बूटियों को मिलाकर चटनी की तरह बना दिया जाता है. जहां तक इसके इस्तेमाल की बात है तो मरीजों को कहा जाता है कि इस दवा को नाश्ते के बाद 3-6 ग्राम की मात्रा में नाश्ते के रूप में लेना है. इसमें गौर करने की बात ये है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है इसलिए इसे आप चाहें तो लम्बे समय तक भी ले सकते हैं. इसे खाना आपको मीठी चटनी खाने जैसा ही लगेगा क्योंकि इसका स्वाद भी बेहद मीठा होता है.
खमीरा के सेवन करने के तरीके - Khamira Marwareed Ko Khane Ke Tarike
खमीरा का सेवन आप जिस परेशानी को दूर करने के लिए कर रहे हैं उस समस्या में सुधार आने में लगभग दो हफ्ते लग सकते हैं. इसलिए आपको लगभग दो हफ़्तों तक इंतज़ार करना होगा. हलांकि उचित यही रहेगा कि इस विषय में आप अपने चिकित्सक से बात करें. क्योंकि कुछ लोगों को इससे कम याज्यादा समय भी लग सकता है. चिकित्सक आपको सही मात्रा व् समय बता देंगे जिससे इसे प्रभावी रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे. हलांकि मोटे तौर पर आपको इसे भोजन के पश्चात् ही लेना चाहिए.
ज़्यादातर दवाइयाँ ऐसी होती हैं जिनकी आदत या लत नहीं लगती है. लेकिन कुछ दवाएं ऐसी हैं जिनके सेवन से उसकी लत लग सकती है. भारत सरकार ने ऐसी दवाओं के लिए एक सूची बनाई है जिससे इसका दुष्प्रभाव रोका जा सके. इसे आप नियंत्रित पदार्थों की अनुसूची H या X के रूप में पहचानकर अलग कर सकते हैं. इसलिए ऐसे मामले में चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक होता है. चिकित्सक के निर्देश पर आप कोई भी दवा खा सकते हैं. वो आपको खमीरा के सेवन से जुड़े तमाम मुद्दों पर जानकारी दे देंगे. जैसे कि आपको दवा कब तक लेनी है, कितनी मात्रा में लेनी है किस प्रकार लेनी है आदि. ऐसा इसलिए क्योंकि अलग-अलग मामलों में और रोगी के आयु, समस्या की गंभीरता आदि के आधार पर उन्हें अलग तरीके से ट्रीट करना होता है. अलग-अलग कारकों के आधार पर इसकी खुराक में भी भिन्नता होती है.
इस बात का रखें ध्यान
दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से करें. तासीर होती है गर्म आमतौर पर यह दवा मरीज को 2-3 माह तक लेनी होती है लेकिन सुधार न होने पर इलाज लंबा भी चल सकता है. यह बच्चों को नहीं दी जाती क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. इसकी जगह पर उन्हें खमीरा अबरेशम सादा दी जाती है क्योंकि यह पचने में आसान होती है.