क्या कोविड-19 वैक्सीन भविष्य की गर्भावस्था को करती है प्रभावित?
वर्ष 2019 से अबतक पूरे विश्व में हाहाकार मचा चुकी कोरोना महामारी का डर लोगों के दिलों में घर कर गया है। भले ही इस महामारी को रोकने के लिए भारत देश में कोविड वैक्सीन का इजात किया जा चुका है और ज्यादातर लोग इस वैक्सीन को लगवा भी चुके हैं, लेकिन आज भी कई लोग इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने से पहले पूरी तरह से संतुष्ट होना चाहते हैं कि क्या यह वैक्सीन हमारे लिए पूरी तरह से सुरक्षित है?
इसी वजह से लोग कई तरह के प्रश्न भी पूछते हैं। ऐसा ही एक प्रश्न है कि क्या कोविड वैक्सीन भविष्य की गर्भावस्था को प्रभावित करती है ? आज अपने इस लेख के माध्यम से हम आपके इस प्रश्न को जड़ से ख़त्म करने की कोशिश करेंगे।
कोविड-19 क्या है
इसके पहले हम आपको बताते हैं कि यह कोविड है क्या। दरअसल कोविड-19 वायरस की शुरुआत वर्ष 2019 के दिसंबर माह में एक नए किस्म के संक्रमण के रूप में हुई थी, जो चीन के मध्य स्थित वुहान शहर में तेजी से फैलता नजर आ रहा था। वहां अचानक कई लोग निमोनिया जैसी बिमारी के पीड़ित हो गए थे और इन पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही थी। फिर इस वायरस के मामले विश्व के कई अन्य देशों में भी सुनने को मिलने लगे।
भारत में 30 जनवरी 2020 को इस वायरस की फैलने की पुष्टि हुई थी। अभी तक कोरोना वायरस से भारत में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पिछले कुछ समय में यहां संक्रमित लोगों की संख्या में कमी आई है।
क्या है कोविड वैक्सीन
इसी कोविड -19 वायरस की रोकथाम के लिए वर्ष 2021 में भारत में कोविड-19 वैक्सीन बनाई गई। इस वैक्सीन को mRNA वैक्सीन भी कहा जाता है जो फाइज़र-बायोएनटेक की वैक्सीन (और मॉडर्ना) इम्यून रिस्पॉन्स के लिए कुछ आनुवंशिक कोड का इस्तेमाल करती है। इससे शरीर की कोशिशाओं में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होता है बल्कि यह कोविड के ख़िलाफ़ इम्यूनिटी बनाने के लिए शरीर को निर्देश देता है।
कोविड वैक्सीन का नहीं होता कोई साइड इफेक्ट
वैसे तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की तरह कोविड वैक्सीन को लेकर लोगों में जमकर जागरूकता फैलाई गई है, लेकिन सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन माध्यमों पर कई तरह की अफवाहें फ़ैली हुई है। उन अफवाहों पर ध्यान बिल्कुल भी न दीजिये।
चूंकि कोविड-19 वैक्सीन को कोरोना महामारी के खिलाफ हथियार के रूप में बनाया गया है जो आपके शरीर में इस महामारी के लड़ने के लिए इम्युनिटी को मजबूत करता है। इसलिए यह न तो गर्भावस्था के पहले और न ही गर्भावस्था के बाद महिलाओं को किसी तरह से प्रभावित करती है। यहां तक कि वैक्सीन गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं की कोविड-19 से रक्षा करने में ज्यादा प्रभावी हैं।
गर्भावस्था में वैक्सीन का महत्त्व
अब सवाल उठता है कि क्या वैक्सीन भविष्य की गर्भावस्था को प्रभावित करती है? तो इसका जवाब है बिल्कुल भी नहीं। वैक्सीन सिर्फ शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ रक्षा कवच तैयार करता है। इसका अन्य किसी भी क्रिया पर कोई असर नहीं पड़ता। बल्कि डॉक्टर्स का कहना है कि वैक्सीन प्राप्त महिला यदि गर्भधारण करती है तो वह अपने शिशु को एंटीबॉडी दे सकती हैं, जिससे वैक्सीन नवजात को भी संक्रमण से मुक्त रखेगी।
यहां तक कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित रहती है। जिस तरह से गर्भवती महिलाओं द्वारा अन्य किसी प्रकार के वैक्सीन लगवाने पर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। उसी तरह यदि गर्भवती महिला कोविड वैक्सीन के लगवाती है तो उसके भी कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इन दुष्प्रभावों में हल्का बुखार, इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द या 1-3 दिन तक अस्वस्थ महसूस होना शामिल है।
अगर गर्भावस्था से पहले महिला कोविड वैक्सीन लगवा चुकी है तो गर्भनाल पार करने वाले एंटीबॉडीज गर्भावस्था के दौरान बच्चे की सुरक्षा करते हैं। यहां तक कि स्तनपान करने वाले बच्चों के शरीर में भी ये एंटीबॉडीज पहुंच जाते हैं जो जन्म के बाद उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा देते हैं।
प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करती कोविड-19 वैक्सीन
कई लोगों में यह भ्रांतियां भी हैं कि कोविड वैक्सीन प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है। जबकि ऐसा नहीं है। दरअसल, महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोरेन को गर्भधारण के लिए आवश्यक है, जबकि पुरूषों में यह काम हार्मोन टेस्टोरेन करता है। वैक्सीन का शरीर के किसी भी हार्मोन्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वैसे भी वैक्सीन की गुणवत्ता की जांच के लिए पहले जानवरों पर परीक्षण किया जा चुका है।
इसलिए यह कहना बिल्कुल भी गलत होगा कि कोविड-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए तो सुरक्षित नहीं है, बल्कि यह गर्भवती होने की इच्छा रखने वाली महिलाओं और उनके जीवन साथीके लिए बांझपन की वजह बनता है।