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Last Updated: Aug 17, 2024
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लड़का पैदा करने के उपाय और तरीके से जुड़े मिथक

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Dr. Jolly AroraSexologist • 37 Years Exp.MBBS, MCCEE, Fellowship in Sexual Medicine
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कुछ लोगों में बेटे को लेकर अलग तरह की दीवानगी होती है। इस कदर दीवानगी कि बेटे होने के लिए वो कई तरह के टोटके और नुस्खे अपनाने लगते हैं। कुछ नुस्खे तो इस कदर प्रचलित है कि उन्हें उपाय मान लिया गया है। वैसे तो इस तरह के किसी नुस्खे का वैज्ञानिक आधार नहीं है। आइए ऐसे ही कछ उपायों, भ्रांति और नुस्खों के बारे में इस लेख के बारे में विमर्श करें

लड़का पैदा करने के कुछ प्रचलित नुस्खे

शटल पद्धति

शटल पद्धति 1960 के दशक से प्रचलित है। शटर पद्धति गर्भ के लिंग निर्धारण के अध्ययन से जुड़ी है । विवाहित जोड़ों का दावा है कि इसकी सफलता का प्रतिशत 75 % से ज्यादा का है। शटल पद्धति में  भ्रूण का लिंग तय करने में संभोग की अवस्था बहुत महत्पूर्ण है। सेक्स पोज़ीशन सेक्स तय करने में काफ़ी अहम भूमिका निभाती है।

इस पद्धति में होने वाले बच्चे का लिंग लड़का हो इसके लिए सेक्स करते समय स्त्री और पुरुष के शरीर की स्थिति ऐसी होनी चाहिए जिससे कि पुरुष के शुक्राणु महिला के अंडे में गहराई तक निषेचित हो सकें। जैसे कि महिला का पुरुष के ऊपर बैठकर संभोग करने से लड़का पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, शटल विधि के तहत भी लड़का पैदा करने के लिए ओव्यूलेशन के आसपास के दिनों में संभोग करने की सलाह दी जाती है।

संभोग का समय

बच्चे का लिंग वाई क्रोमोसोम के व्यवहार पर निर्भर करता है। ऐसा कहा जाता है कि वाई क्रोमोसोम वाले शुक्राणु छोटे होते हैं और ज़्यादा तेज़ होते हैं। अगर ओव्यूलेशन के आखिरी दिन या उसके अगले दिन संभोग किया जाए तो लड़का पैदा होने की संभावना अधिक होती है। ओव्यूलेशन के दिन योनि से होने वाला रिसाव चिकना और गाढ़ा होता है। रिसाव के इस लक्षण के आधार पर ओव्यूलेशन के दिन की पहचान की जा सकती है।

तापमान का असर

ऐसा विश्वास है कि पुरुष का बॉक्सर या शॉर्ट्स पहनना नर शुक्राणु को बढ़ाने के लिए अच्छा होता है। शॉर्ट्स या बॉक्सर पहनने से अंडकोष (स्क्रोटम) का तापमान नियंत्रित रहता है। इससे अंडकोष में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणुओं का उत्पादन होता है। ज़्यादा तंग अंडरवियर पहनने से अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है और इससे शुक्राणुओं के उत्पादन में कमी आ सकती है।

बच्चे के लिंग से जुड़े मिथक

खांसी की दवा का बच्चे के लिंग से कोई लेना देने नहीं

कई बार ये कहा जाता है कि लड़का होने के लिए प्रेगनेंसी और संभोग से पहले महिला को खांसी की दवा पीनी चाहिए। ऐसा भ्रम फैलाने वाले कहते हैं कि इससे वाई क्रोमोसोम रिसेप्शन की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन यह मिथक है, ये लड़का पैदा होने की गारंटी है।

लड़के की गारंटी की कोई दवा नहीं

इन दिनों लड़का होने की गारंटी को लेकर कई दवाएं ब्रांड और बेची जा रही हैं। आज तक ऐसी कोई दवा बनाने में कोई  भी वैज्ञानिक और लैब सफल नहीं हुआ है जिससे लड़का होने की गारंटी हो। कई लोग कुछ दवा, जड़ी बूटी, पाउडर, चूरन खिला देते हैं जिससे लड़का होने की गारंटी तो नहीं होती पर मां और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

सही समय का मिथक

कुछ लोग मानते हैं कि एक खास समय में सेक्स किया जाय तो लड़का होने की  गारंटी है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि अमुक समय पर लड़का ही होगा।

सेक्स पोजीशन का मिथक

कुछ लोगों का मानना है कि अगर सेक्स करते समय मिशनरी या डॉगी स्टाइल अपनाई जाय तो लड़का होने का गारंटी होती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। क्यों किसी पोजीशन से लड़का या लड़की का लिंग निर्धारण नहीं हो सकता है। किसी भी पोजीशन से लड़की या लड़का दोनों हो सकते हैं।

ऑर्गैज्म का लड़का होने से कोई संबंध नहीं है

यह स्थापित सत्य है कि पुरुषों के मुकाबले  महिलाओं ने ऑगैज्म देरी से आता है। ऐसे में एक टोटका माना जाता है कि अगर महिला को सेक्स के दौरान ऑगैज्म पहले आ जाए  तो लड़का होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन ऐसा कोई टोटका वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हो सका है कि इससे लड़का ही होगा।

नाश्ते का मिथक

एक और टोटका नाश्ते से जुड़ा हुआ है। कई बार कहा जाता है कि लड़का होने के लिए महिलाएं नाश्ता बिलकुल ना छोड़ें। ऐसा करने से लड़का होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इतना जरुर है कि गर्भ धारण के समय महिलाओं को हर टाइम का खाना जरुरी है। लेकिन इस बात का बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं हैं। नाश्ते का लड़का या लड़की के लिंग पर असर नहीं होता है।

बाईं तरफ करवट लेकर सोने की भ्रांति

देश के कई इलाकों में इस तरह की भ्रांति है कि जो प्रसूता बाईं तरफ करवट लेकर सोती हैं, उनके बेटा होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इतना जरुर है कि इस भ्रांति के तहत अगर कोई महिला एक ही करवट सोती है तो उसके शरीर में दर्द बहुत होगा। होने वाले बच्चे का लिंग क्या होगा इससे करवट का कोई संबंध नहीं है। 

संभोग की संख्या की भ्रांति

कई समुदायों में इस तरह की भ्रांति है कि अगर संभोग की तरीख इवेन यानी सम हो तो होने वाला बच्चा लड़का होगा। यानी अगर 2, 4,6, 8 आदि को दंपत्ति सेक्स किया जाय तो बच्चा लड़का ही होगा। वास्तविकता में ऐसा सत्य से परे और कोरा टोटका ही जो सच नहीं होता है।

कॉफी फॉर बेबी गलत है

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सेक्स करने से पहले अगर काफी पी जाय तो लड़का होने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। कॉफी के अपने फायदे हैं। एक निश्चित संख्या के बाद कॉफी नुकसान भी करती है। फायदा और नुकसान एक तरफ लेकिन कॉफी से बच्चे के लिंग पर कोई असर नहीं होता है।  

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