लिपोसक्शन क्या होता है - Liposuction Meaning In Hindi!
लिपोसक्शन एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके जरिए शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को बाहर निकाला जाता है। मरीज के पूरी तरह स्वस्थ्य होने पर डॉक्टर लिपोसक्शन (Liposuction) सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। यह सर्जरी शरीर के ऐसे हिस्से में जमा फैट को निकालने में मदद करती है जहां से फैट को व्यायाम या अन्य उपायों के जरिए कम नहीं किया जा सकता है। इनमें जांघ, पेट, गर्दन, चेरहा और कूल्हे शामिल हैं।
आमतौर पर इस सर्जरी को मोटापा कम करने के लिए जाना जाता है। जिनकी त्वचा बहुत टाइट और वजन सामान्य होता है, उन लोगों के लिए यह सर्जरी बेहतर होती है। मोटापा कम करने के लिए यह सर्जरी आजकल लोकप्रिय बनी हुई है। इसे सेलिब्रिटी के साथ आम लोग भी अपना रहे हैं। हालांकि इसे मोटापा कम करने वाली सर्जरी से जोड़कर देखना गलत है। ध्यान रखें की इस सर्जरी के बाद वजन में कोई खास परिवर्तन नहीं आता है।
लिपोसक्शन को लाइपोप्लास्टी भी कहते हैं। यह सर्जरी यूएसए में फेमस सिलेब्रेटी द्वारा चलन में आयी थी पर अब सारी दुनियां में की जाने लगी है। इस सर्जरी के कुछ अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं। हालांकि, इसके कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। इसलिए सर्जरी कराने से पहले इसका साइड इफेक्ट या बुरे प्रभाव के बारे में जान लेना चाहिए।
लिपोसक्शन सर्जरी के प्रकार
लिपोसक्शन सर्जरी के निम्न प्रकार नीचे दिए जा रहे है:
सक्शन-असिस्टेड लिपोसक्शन: यह सर्जरी की बेहद सामान्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में सर्जन सॉल्ट वाटर के मिश्रण को शरीर में इंजेक्ट करता है। साथ ही सर्जरी वाली जगह पर दो मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद सर्जन सर्जरी वाली जगह पर एक चीरा लगाकर पतली ट्यूब को स्किन के अंदर इंसर्ट करता है। यह ट्यूब एक वैक्यून से जुड़ी होती है। जो शरीर से अतिरिक्त फैट और फ्लूइड को सोख लेती है।
अल्ट्रासाउंड लिपोसक्शन यूएएल: इस प्रक्रिया का उपयोग पारंपरिक लिपोसक्शन के संयोजन में किया जाता है। यूएएल के दौरान, सर्जन एक मेटल रॉड को सर्जरी वाली जगह के अंदर डालता है जो त्वचा के नीचे एक खास तरह की ऊर्जा का काम करती है। यह ऊर्जा वसा-कोशिका की दीवारों को ओपन करती है और वसा को छोटे भागों में तोड़ने का काम करती। इससे अतिरिक्त वसा को आसानी से हटाने में मदद मिलती है।
लेजर-असिस्टेड लिपोसक्शन (एलएएल): एलएएल के दौरान, सर्जन त्वचा में एक छोटे से कट के माध्यम से एक लेजर फाइबर डालता है और वसा के जमाव को तोड़ता है। इसके बाद वसा को एक पतली ट्यूब के जरिए हटा दिया जाता है।
पावर-असिस्टेड लिपोसक्शन (पीएएल): इस प्रक्रिया में एक पतली ट्यूब का उपयोग किया जाता है। यह ट्यूब काफी तेज गति से आगे और पीछे की ओर चलती है। इससे कंपन पैदा होता है। यह कंपन फैट को अधिक आसानी और तेजी से बाहर निकालने में मदद करता है। इस सर्जरी के दौरान दर्द कम होता है और सूजन की संभावना भी कम हो जाती है।
लिपोसक्शन सर्जरी क्यों कराई जाती है?
लिपोसक्शन सर्जरी मुख्य रूप से शरीर में जमा हुए अतिरिक्त फैट को हटाने के लिए की जाती है। हालांकि यह सर्जरी मोटापा को कम करने में मदद नहीं करती है। ऐसे में इसे मोटोपा कम करने वाली या वजन घटाने वाली सर्जिकल प्रक्रिया से नहीं देखना चाहिए। यह सर्जरी शरीर के उन हिस्सों से अतिरिक्त फैट को हटाती है जहां से व्यायाम, योगा या अन्य उपायों के जरिए भी फैट कम नहीं किया जा सकता है। लिपोसक्शन सर्जरी के जरिए पेट, गर्दन, हिप, फेट और जांघ में जमा अतिरिक्त चर्बी को हटाया जा सकता है।
लिपोसक्शन सर्जरी कैसे की जाती है?
लिपोसक्शन (Liposuction) सर्जरी के दौरान डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की स्वास्थ्य स्थितियों की जांच करता है। यदि पेशेंट का वजन सर्जरी कराने के अनुकूल है तो डॉक्टर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। धूम्रपान करने वाले और पूर्व में अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को लिपोसक्शन सर्जरी कराने की सलाह नहीं द जाती है। इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर सर्जरी वाली जगह पर एक चीरा लगाता है और इक पाइप के माध्यम से एक विशेष वैक्यूम मशीन से जुड़ी एक सक्शन ट्यूब को अंदर डाला जाता है। इसके जरिए अतिरिक्त चर्बी को बाहर खींचा जाता है। यदि बड़े क्षेत्र का इलाज किया जा रहा है, तो कई कट लगाए जा सकते हैं।
लिपोसक्शन सर्जरी के दौरान पेशेंट को आमतौर पर सामान्य एनेस्थेटिक (general anaesthetic) दिया जाता है। हालांकि कुछ मामलों में स्थानीय एनेस्थेटिक (local anaesthetic) या एपिड्यूरल एनेस्थेटिक (epidural anaesthetic) का प्रयोग भी किया जा सकता है।
लिपोसक्शन सर्जरी के साइड इफेक्ट्स क्या है?
लिपोसक्शन सर्जरी के साइड इफेक्ट्स नीचे दिए जा रहे है:
सर्जरी वाले स्थान पर निशान: इस सर्जरी के कारण सर्जरी वाली जगह पर गहरे निशान रह जाते हैं।
त्वचा का रंग बदलना: सर्जरी के बाद सर्जरी के टांका वाले स्थान पर सूजन व चोट का निशान आ जाता है। इससे त्वचा का रंग भी बदल जाता है। हालांकि यह समस्या कुछ ही दिनों तक रहती है।
डिंपल या गड्ढे पड़ना: यदि सावधानी पूर्वक सर्जरी नहीं की गयी तो शरीर पर डिंपल या गड्ढे पड़ जाते हैं। जिन्हे गैर-सर्जिकल लिपोसक्शन विधि से ठीक किया जाता है।
जलन: सर्जरी वाले स्थान में स्थायी या अस्थायी सूनापन महसूस हो सकता है। अस्थायी तंत्रिका जलन भी संभव है। इसके अलावा वसा हटाने के लिए उपयोग की जाने वाले ट्यूब से त्वचा के नीचे स्थायी रूप से क्षति हो सकती है।
फैट एम्बोलिज्म: ढीले वसा के टुकड़े टूट कर रक्त वाहिकाओं में फंसकर फेफड़ो में इकट्ठे हो सकते हैं या मस्तिष्क में जा सकते हैं। इस स्थिति को फैट एम्बोलिज्म कहते हैं।
किडनी व दिल की समस्या: लिपोसक्शन के सर्जरी के बाद त्वचा संक्रमण हो सकता है। यह जीवन को खतरे में भी डाल सकता है। इसके अलावा इस सर्जरी के बाद किडनी व दिल की समस्या भी हो सकती है।
अन्य प्रतिकूल प्रभाव: लिपोसक्शन सर्जरी के गंभीर साइड इफेक्ट्स में कार्डियेक अरेस्ट, खून का जमना, अधिक ब्लीडिंग, एनर्जिक रिएक्शन व एनिस्थीसिया से ब्रेन डैमेज होना शामिल है।
लिपोसक्शन सर्जरी के फायदे
लिपोसक्शन सर्जरी करवाने के निम्न फायदे हैं:
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लिपोसक्शन द्वारा लिम्फेडेमा की कंडीशन में काफी सुधार होता है।
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लिपोसक्शन द्वारा गाइनेकोमैस्टिया की स्थिति को ठीक किया जा सकता है।
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लिपोसक्शन की सर्जरी का सबसे अधिक फायदा मोटापा से ग्रस्त लोगों को होता है।
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लिपोसक्शन सर्जरी से लिपोमास की कंडीशन में भी सुधार पाया गया है।
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इस सर्जरी के बाद अधिक फैट वाले अपने शरीर के हिस्से को अपनी मर्जी के अनुसार शेप दे सकते हैं।
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यह सर्जरी सुंदरता को बढ़ाने में मदद करती है।
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इस सर्जरी के बाद अधिकांश लोगों का आत्मविश्वास बढ़ने लगता है।
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सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा इसमें दर्द भी बेहद सामान्य स्तर का होता है।
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इस सर्जरी के बाद पेशेंट काफी जल्दी रिकवरी कर लेता है।
लिपोसक्शन सर्जरी की जटिलताएं
लिपोसक्शन से निम्न खतरे या जटिलताएं हो सकती हैं:
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सर्जरी के स्थान पर त्वचा का रंग बदल जाना
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फैट के नीचे के अंगों, रक्त वाहिकाओं और नसों की क्षति
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घाव का जल्दी ठीक न होना
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एनेस्थीसिया से जुड़े खतरे
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विषाक्तता या फेफड़ों में द्रव भर जाना
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अल्ट्रासाउंड मशीन से थर्मल बुरण
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संक्रमण
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त्वचा का सुन्न होना
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लगातार दर्द
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कार्डियक या फेफड़ों से जुड़ी जटिलाएं
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त्वचा का ढीला होना
लिपोसक्शन सर्जरी में कितना समय लगता है?
लिपोसक्शन सर्जरी में लगने वाला समय सर्जरी के एरिया पर निर्भर करता है। हालांकि अधिकांश मामलों में इसे 30 मिनट में पूरा कर लिया जाता है।
लिपोसक्शन सर्जरी में कितना खर्च आता है?
लिपोसक्शन सर्जरी में करीब एक लाख रुपए से ढाई लाख रुपए तक खर्च हो सकते हैं। हालांकि यह इसकी अनुमानित कीमत है। इसमें बदलाव हो सकता है।
लिपोसक्शन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
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लिपोसक्शन सर्जरी मोटापा के इलाज के लिए नहीं है बल्कि यह सिर्फ शरीर से उस स्थान की वसा निकालने की सर्जरी है जहां की वसा खान-पान में कंट्रोल करने व व्यायाम करने से भी कम नहीं होती है।
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लिपोसक्शन सर्जरी के बाद यदि आदतों को नहीं बदला गया तो व्यक्ति फिर से मोटापे का शिकार हो सकता है।
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लिपोसक्शन सर्जरी के बाद व्यक्ति हेल्दी लाइफस्टाइल नहीं जी पाता है। सर्जरी कराने के बाद बचे हुये फैट सेल्स के बढ़ने की आशंका बनी रहती है। इसलिए सर्जरी के बाद भी नियमित व्यायाम व खान-पान पर कंट्रोल रखना जरूरी रहता है।
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सर्जरी कराने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि यह सर्जरी आपके लिए उचित है या नहीं, इसके बाद ही सर्जरी करानी चाहिए।