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Last Updated: Jan 27, 2024
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पोर्न देखने के नुकसान | Porn Dekhne ke Nuksan
पोर्न का चलन पश्चिमी देशों से आया है। इन देशों में पोर्न इंडस्ट्रीज अरबों डॉलर का व्यापार करती हैं। कुछ दशकों से भारत में भी पोर्नोग्राफी को खूब पसंद किया जा रहा है। भारत में पोर्न वीडियो देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अधिक पोर्न देखने (Porn dekhne ke nuksan) से हमारे स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन पर गहरा असर पड़ता है। बच्चों और युवाओं में पोर्न की लत कई अपराधों को जन्म देती है। महिला विरोधी यौन और हिंसक अपराधों में भी पोर्नोग्राफी का उपयोग बढ़ा है। यही कारण है कि पोर्न देखकर रेप जैसे संगीन अपराध के मामले सामने आए हैं। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार (India me porn par ban) ने इंडिया में करीब एक हजार पोर्न वेबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पोर्न देखने के नुकसान
- दिमाग का सिकुड़ना: एक रिसर्च के अनुसार अधिक पोर्न वीडियो देखने से दिमाग सिकुड़ने लगता है। जो लोग रोजाना दिन में कई बार पोर्नोग्राफी देखते हैं उनकी सेक्सुअल फीलिंग्स कम होने लगती है। रिसर्च के अनुसार, रोज पोर्न देखना स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है। इससे हमें शारीरिक नुकसान भी होता है। जिन लोगों के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा होता है उन्हें पोर्न देखने से अधिक नुकसान होता है।
- सेटिसफैक्शन: पोर्नोग्राफी में दिखने वाली मॉडल की सुंदरता और इंटीमेट पार्ट की सफाई काफी हद तक मेकअप, कॉस्मेटिक सर्जरी और फोटोशॉप एडिटिंग पर निर्भर करती है। यही वजह है कि पोर्न देखने वालों में एक अलग तरह की उत्तेजना पैदा होती है। इसके कारण वह अपनी रियल लाइफ में भी यही माहौल चाहते हैं जो उन्हें नहीं मिल पाता। इसके कारण उन्हें सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से सेटिस्फेक्शन नहीं मिलता। उनके दिल और दिमाग में यही बात आती है कि उनका पार्टनर उतना सुंदर और आकर्षक नहीं है। इससे रिश्ते खराब होने लगते हैं।
- ऑर्गेज्म में कमी: पोर्न देखकर सेक्स करने से सही ऑर्गज्म नहीं मिलता। अगर दोनों पार्टनर एक साथ बैठकर पोर्न देखते हैं और बाद में सेक्स करते हैं तो इसका फायदा मिलता है। लेकिन दोनों में से किसी एक के अकेले पोर्न देखने से ट्राएंगल बनता है। जिसके कारण सेक्स करने में दोनों पार्टनर को खास मजा नहीं आता है। कई महिलाओं का मानना है कि ऑर्गेज्म के लिए पोर्न वीडियो का सहारा लेने से ऑर्गेज्म पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
- ऑक्सीटोसिन लव हार्मोन में कमी: ऑक्सीटोसिन एक लव हार्मोन है जो पुरुष और महिलाओं दोनों को एक दूसरे को आकर्षित करने में मदद करता है। पोर्न फिल्मों में जिस तरह से सेक्स करना दिखाया जाता है उससे ऑक्सीटोसिन हार्मेन रिलीज नहीं होता। इससे प्यार की फीलिंग नहीं आती।
- फोरप्ले में परेशानी: किस करना सेक्स का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इसमें कपल काफी आनंद लेते हैं। (porn dekhen se foreplay par kya asar hota hai) बॉडी को या बॉडी के सेंसटिव पार्ट को किस करना दोनों पार्टनर के बीच बेहद करीब आकर प्यार करने वाला एहसास होता है। इसे फोरप्ले कहते हैं। ज्यादा पोर्न देखने वाले लोग फोरप्ले को एंजॉय नहीं कर पाते। वे सीधे सेक्स की तरफ आकर्षित होते हैं।
- सेक्स की जल्दबाजी: पोर्न देखने वाले व्यक्ति सीधे सेक्स के लिए उत्तेजित रहते हैं। वह कम समय में सेक्स की कई पोजिशन को करने में ध्यान लगाते हैं। इसके कारण अपका पार्टनर आपसे अलग होने की कोशिश करता है और सेक्स में सेटिसफेक्शन नहीं मिलता।
- दिमाग पर असर: न्यूरोसाइंटिस्ट की मानें तो बहुत ज्यादा पोर्न देखने से दिमाग के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे मनोविकार की स्थिति पैदा हो सकती है।
- मास्टरबेशन की लत: ज्यादा पोर्न देखने से मास्टरबेशन की आदत लग जाती है। पोर्न देखने के बाद उत्तेजना पैदा होती है। इससे आप मास्टरबेट करने लगते हैं। लगातार मास्टरबेट करने से आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
- अकेलेपन की आदत: अधिक पोर्न देखने की लत आपको अकेला कर देती है। समाज और परिवार से दीर निकलकर आप हमेशा अकेलापन खोजते हैं। ऐसे लोग पोर्न देखने के मजे में इतने डूब जाते हैं कि उन्हें परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ रहना खास अच्छा नहीं लगता।
- एंग्जाइटी की समस्या: पोर्न की लत आपके सेक्सुअल (Porn dekhne se dimag par kya asar padta hai) पॉवर को कम करती है। इससे एडिक्ट लोगों में सेक्सुअल परफॉरमेंस के दौरान एंग्जायटी महसूस होने लगती है। पुरुषों में सेक्स के दौरान परफॉरमेंस की चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- रिश्तों पर नकारात्मक असर: ज्यादा पोर्न देखने से दोनों पार्टनर के आपसी रिश्ते खराब होने लगते हैं। कई बार पुरुष अपनी फीमेल पार्टनर से बिल्कुल पॉर्न वीडियोज में दिखाए आने वाले एक्ट करने की डिमांड करते हैं, जो सबके लिए करना आसान नहीं होता है।