स्तनपान: मां के लिए पोषण बढ़ाने की कारगर टिप्स
नौ महीने की गर्भावस्था में महिलाएं खाने पीने का खास ख्याल रखती है। पर एक बार प्रसव बो जाए तो उस नियमित पोषण में लापरवाही आ सकती है।ऐसा करना उचित नहीं है क्योंकि पहले तो प्रसूता को शारीरिक कमज़ोरी से उबरने के लिए पूरे पोषण की आवश्यकता है।फिर नवजात को स्तनपान कराने के लिए भी मां को अपने शरीर में भरपूर पोषण चाहिए। हालांकि माँ के खाने के लिए कोई भी भोजन पूरी तरह से वर्जित नहीं होता फिर भी पौष्टिक, संतुलित आहार की अनुशंसा की जाती है। मां अगर पौष्टिक आहार लेगी तो शिशु को विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिल सकेंगे। माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए यह महत्वपूर्ण है कि माँ विटामिन और खनिजों के विभिन्न स्रोतों का सेवन करें।ऐसे कई आहार होते हैं जो ना सिर्फ बच्चे को स्तनपान कराने के लिए दूध की आपूर्ति को बढ़ाते हैं बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बढ़ाते हैं। आपका शिशु कम से कम 6 महीने तक ब्रेस्ट मिल्क पर निर्भर रहता है ऐसे में उसके पोषण को सुनिश्चित करने के लिए आइए जानते हैं कि किन चीज़ों का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद है।
1. कैल्शियम है सबसे महत्वपूर्ण
गर्भावस्था के दौरान मां को कैल्शियम खाने के सलाह दी जाती है। ऐसा करने से शिशु की हड्डियां मज़बूत होती है।साथ ही मां का शरीर भी सेहतमंद रहता है। पर ऐसा नहीं है कि प्रसव के बाद इसे बंद कर दिया जाना चाहिए । कैल्शियम उन आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है जिन्हें आहार में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि माताओं में प्रसव के बाद कैल्शियम की गंभीर हानि होती है।साथ ही कैल्शियम लेने से वे स्तनपान कराने के दौरान अपने शिशु को और पोषण दे सकती हैं।कैल्शियम के लिए दूध, पनीर और अन्य डेयरी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। शाकाहारी लोगों के लिए टोफू, सोया बीन्स और सोया आधारित पेय पदार्थों को ध्यान में रखा जाना चाहिए, साथ ही ब्रोकली, पत्ता गोभी, अलसी , तिल और भिंडी भी काफी पौष्टिक होती है। इसके अलावा मछली भी कैल्शियम की उत्कृष्ट स्रोत है और इसे मां के आहार में शामिल करना चाहिए।
2. ओमेगा 3 है महत्वपूर्ण
ओमेगा 3 भी नई मां के लिए बहुत आवश्यक पोषण है।स्तनपान कराने वाली मां को इससे भरपूर आहार लेना चाहिए। डीएचए के मां और बच्चे दोनों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसमें बच्चे की आंखों और मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देना, पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करना, एडीएचडी के लक्षणों को कम करना शामिल है। साल्मन और ट्राउट ओमेगा 3 फैटी एसिड के सबसे समृद्ध स्रोत हैं। इसके अलावा अलसी, सोया, अखरोट और कद्दू के बीज शाकाहारी माताओं के लिए काफी अच्छे विकल्प हैं। इसके सेवन से ना सिर्फ मां की सेहत में सुधार होगा बल्कति आपका शिशु भी सेहतमंद बनेगा।याद रखें कि नवजात के लिए ये समय स्वास्थ्य की नींव रखने जैसा है। जितनी मज़बूत नींव आप बनाएंगे भविष्य में आपका बच्चा उतना ही स्वस्थ होगा।
3. आयरन का सेवन सुनिश्चित करें
गर्भावस्था के दौरान अकसर महिलाओं में खून की कमी देखने को मिलती है।ऐसे में चिकित्सक आयरन युक्त आहार और सप्लिमेंट लेने की सलाह देते हैं। प्रसव के बाद भी इसे नियमित रूप से जारी रखना एक उचित कदम होता है। प्रसव के बाद मां औऱ शिशु दोनों में एनीमिया की संभावना हो सकती है। इस आशंका से बचने के लिए नई माताओं को अपने आहार में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। दरअसल अगर बच्चे को स्तनपान के दौरान आयरन जैसा आवश्यक पोषक तत्व ना मिले तो उसके संज्ञानात्मक और व्यवहारिक क्षमताओं का अपर्याप्त विकास हो सकता है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों की बात करें तो अपने आहार में हरी सब्ज़ियां, साग ,चुकंदर, खजूर, काले चने , मटन, चिकन जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें क्योंकि ये सभी आयरन से भरपूर होते हैं।
4. प्रोटीन है पोषण का पावर हाउस
शरीर को पोषण देने और मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में प्रोटीन का खास योगदान होता है। प्रोटीन आपके शरीर में ऊतकों के निर्माण खंड के रूप में कार्य करता है और शारीरिक विकास को बढ़ावा देता है।इसलिए नई मां को अपने बच्चे को पोषण देने के लिए प्रोटीन से भरपूर आहार लेने की सलाह दी जाती है। प्रोटीन के सेवन के लिए मां को अपने आहार में अंडे, लीन मीट, मछली,पनीर, पीनट बटर और बीन्स को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि नवजात शिशु को इन गुणों की जरूरत होती है। इन चीज़ों के सेवन से आपके शिशु का पूरा विकास होगा औऱ उसका शरीर स्वस्थ औऱ मज़बूत बनेगा।
5. पानी की है बड़ी भूमिका
अगर आप बच्चे को स्तनपान करा रही है तो पानी खूब पिएं। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के सलाह वैसे तो सभी को दी जाती है पर नई मां को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसका कारण ये है कि प्रसव के बाद माँ के शरीर से बहुत सारा तरल पदार्थ निकल जाता है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके उन्हें फिर से हासिल करना महत्वपूर्ण है। निर्जलीकरण के लक्षणों को रोकने के लिए स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पर्याप्त पानी का सेवन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि निर्जलीकरण से मां के शरीर में दूध का उत्पादन कम हो जाता है। ऐशा होने पर आपका शिशु भूखा रह सकता है और उसके स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
6. खाने का नियमित शेड्यूल बनाएं
स्तनपान करा रही मांओं को अपने आहार की गुणवत्ता के साथ उसके समय का भी ध्यान रखना चाहिए। मां अपना नाश्ता औऱ भोजन तय समय पर करें तो उसका शरीर पोषित होगा। कई बार नए शिशु के आने से मां पूरा समय उसकी देखभाल में ही बिताने लगती है।नई दिनचर्या कई बार खाने को साइडलाइन कर देती है।ऐसे में जब मौका मिला तो खाया ,नहीं मिला तो दिन भर कुछ नहीं खाया। ऐसा करने से आपका शरीर तो कमज़ोर होगा ही,साथ ही बच्चे को भी स्तनपान के दौरान पूरा पोषण नहीं मिल पाएगा। समय पर नाश्ता ज़रूर करें। कुछ त्वरित, स्वस्थ विकल्प को तौर पर अनाज या दलिया में फल मिला सकती हैं या फिर मेवे शामिल करें। लंच और डिनर समय से खाएं।
7. मां के दूध को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें
कई बार मां का शरीर शिशु की ज़रूरत के हिसाब से दूध नहीं बना पाता । या तो इसकी मात्रा कम होती है या फिर बिलकुल होती ही नहीं है। ऐसे में मां हर जतन करके दूध को बढ़ाने की कोशिश करती है। इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो आपके काम आ सकते हैं। इन खादय पदार्थों में ओट्स, सौंफ, ब्रेवर यीस्ट और मेथी शामिल हैं।इनसे आपका लैक्टेशन बढ़ेगा। वैकल्पिक रूप से, आप स्तनपान कराने वाली चाय खरीद सकते हैं, जो एक हर्बल पूरक है जिसे नर्सिंग माताओं के लिए बनाया गया है। इसके अलावा खजूर का सेवन भी आपके लिए अच्छा है।खजूर से शरीर में प्रोलैक्टिन नाम का हार्मोन बढ़ता है जो ब्रेस्ट मिल्क बनाने में मदद करता है।इसके अलावा बादाम भी ब्रेस्ट मिलक बढ़ाने का उत्तम उपाय है।रोज़ाना करीब 8 बादाम भिगोकर खाएं।चाहें तो इसे दूध में उबालकर भी ले सकती है। ऐसे ही गुण मखानों में भी होते हैं। स्तनपान कराने वाली मां को दूध में मखाने उबालकर दिए जाने की सलाह दी जाती है।इन सभी चीज़ों का सेवन करने से आप अपने शिशु पूरा पोषण दे पाएंगी।
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