महासुदर्शन चूर्ण के फायदे - Mahasudarshan Churan Ke Fayde in Hindi
आयुर्वेद की विभिन्न औषधियों में से एक है महासुदर्शन चूर्ण. इस औषधि में चिरायता (स्वर्टिया चिराटा) मुख्य जड़ी बूटी के रूप में शामिल होता है. महासुदर्शन चूर्ण खतरनाक बुखार से जुड़े लक्षणों जैसे कि अपच, भूख, स्वेदजनक, आहार में अरुचि और मतली (जी मिचलाना) आदि को ठीक करने की क्षमता होती है. महासुदर्शन चूर्ण एक विकल्प है, जो विषम ज्वार (रुक-रुक कर बुखार) और सभी प्रकार के बुखार में एक ज्वरनाशक का कार्य करता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम महासुदर्शन चूर्ण के फ़ायदों को जानें ताकि इसके इस्तेमाल से होने वाले लाभों को जरूरत के वक्त उपयोग में ला सकें
महासुदर्शन चूर्ण के फायदे और इस्तेमाल का तरीका- Mahasudarshan Churn Ke Fayde Aur Istemaal Ka Tarika
महासुदर्शन चूर्ण कई बिमारियों के इलाज में अपने गुणों के कारण काम आती है. महासुदर्शन चूर्ण एक उत्कृष्ट प्रतिरोधक क्षमता समर्थक है. कुछ मामलों में बुखार के गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं. ये लक्षण महासुदर्शन चूर्ण के उपयोग के साथ काफी हद तक राहत दिलाते है. महासुदर्शन चूर्ण सामान्य जिगर कार्यों के समर्थन को बढ़ावा देती है. जिन लोगो में विभिन्न जिगर विकारों से ग्रस्त होने का खतरा है उन्हें इस हर्बल को लेने की सलाह दी जाती है और शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग के साथ जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती है.
महासुदर्शन चूर्ण खतरनाक बुखार से जुड़े लक्षणों जैसे कि अपच, भूख, स्वेदजनक, आहार में अरुचि और मतली (जी मिचलाना) आदि को ठीक करने की क्षमता होती है. महासुदर्शन चूर्ण एक विकल्प है, जो विषम ज्वार (रुक-रुक कर बुखार) और सभी प्रकार के बुखार में एक ज्वरनाशक का कार्य करता है.
महासुदर्शन चूर्ण की खुराक और इस्तेमाल की महत्वपूर्ण बातें - Mahasudarshan Churn Ko Kaise Khana Chahiye
महासुदर्शन चूर्ण का इस्तेमाल आपको किसी विशेषज्ञ के सलाह से ही करना चाहिए. आमतौर पर इसकी 1-2 गोलियाँ दिन में 3 बार गर्म पानी/दूध के साथ या चिकित्सक द्वारा निर्देशित रूप में भोजन के बाद ले सकते हैं. कई बार इसे लेकर भ्रांति होती है कि कहीं इसकी लत तो नहीं लग जाएगी? तो इसके जवाब में कहा जा सकता है कि अधिकांश दवाएं आदत या लत नहीं बनती हैं. जिन दवाइयों की लत पड़ने का ख़तरा होता है, उन्हें भारत सरकार ने नियंत्रित पदार्थों की अनुसूची H या X में शामिल कर दिया है. चिकित्सक से परामर्श करे बिना कोई डॉवा ना लें. कुछ दवाइयों को एकदम से नहीं रोका जा सकता वरना उल्टा प्रभाव पड़ने का ख़तरा होता है. महासुदर्शन चूर्ण शुरू या बंद करने से पहले चिकित्सक से सलाह ज़रूर करें. अपने चिकित्सक से इसके बारे में सलाह करें. महासुदर्शन चूर्ण का उपयोग स्तनपान की अवधि के दौरान करने के लिए अपने चिकित्सक से इसके बारे में सलाह करें.
विभिन्न बीमारियों में इसके सेवन से दो हफ्ते में सुधार आम तौर से आ जाता है. किंतु हर किसी की स्थिति में फरक होता है इसलिए महासुदर्शन चूर्ण के इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें. हमारे उपयोगकर्ता बताते हैं कि महासुदर्शन चूर्ण एक दिन में दो बार लेनी चाहिए. क्योंकि आपकी चिकित्सकिय स्थिति अलग हो सकती है, इसलिए महासुदर्शन चूर्ण का कितना इस्तेमाल आपके लिए उचित है यह चिकित्सक से सलाह करें. हमारे उपयोगकर्ताओं के अनुसार महासुदर्शन चूर्ण सबसे अधिक भोजन के बाद लेने की सूचना है. हर व्यक्ति की ज़रूरत फरक होती है, तो अपने चिकित्सक से पनी स्थिति के बारे में परमर्शक करें महासुदर्शन चूर्ण लेने से पहले.