माहवारी क्या है - Mahawaari Kya Hai?
महिलाओं में माहवारी एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है. महिलायों के शरीर में साइक्लिक हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण गर्भाशय से नियमित तौर पर होने वाली ब्लीडिंग माहवारी कहलाता है. इस लेख में माहवारी क्या होता है और इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करंगे.
जब लड़की 10 से 15 वर्ष की आयु में पहुंच जाती है तो इसे लड़की के अंडाशय में एक विकसित डिम्ब(अंडा) उत्पन्न होना शुरू हो जाता है. यह अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम निचे जाता है और अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ती है. जब अंडा गर्भाशय में पहुंचता है तो उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है की बच्चे जन्म के लिए अंडे अस्तर विकसित हो सके. यदि वह अंडा या डिम्ब पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलाप नहीं होता है तो वह स्राव बन जाता है और योनि के माध्यम से डिस्चार्ज होता है. इसी डिस्चार्ज को माहवारी या मासिक धर्म या पीरियड कहते हैं.
मासिक धर्म माह में एक बार होता है और आमतौर पर 28 से 35 दिनों में एक बार होता है. हालांकि, मासिक धर्म की अधिकतम अविधि 2 से 7 दिन तक रहता है. जब मासिक धर्म नियमित रूप से आने लगता है तो यह मासिक शर्म चक्र कहा जाता है. यह महिलाओं में स्वस्थ्य रखने के लिए संकेतक के रूप में कार्य करता है. जब मासिक धर्म नियमित रूप से होते है तो इसका मतलब है की आपके शरीर के सभी आवश्यक अंग उचित ढंग से काम कर रहे हैं.
माहवारी से संबंधित समस्या
माहवारी के दौरान दर्द- पीरियड दर्द पेट के निचले हिस्से में होती है. यह दर्द ऐंठन के सामान होती है. महिला को तेज दर्द का अनुभव होता है जो आता और जाता रहता है. इस ऐंठन से पीठ में दर्द भी शुरू हो जाती है. यह दर्द पीरियड के साथ या कुछ दिन पहले आ भी सकती है. पीरियड का ब्लीडिंग खत्म होते ही दर्द ठीक हो जाता है. इस दर्द से निजापत पाने के भी कई घरेलु तरीकें हैं. इसके लिए आप नाभि के निचे गर्म सेंक कर सकते है. इसके अलावा गरम पानी से स्नान करना चाहिए और गर्म पानी हिन् पीना चाहिए. अपने उंगलियों से पेट के निचे
हल्की-हल्की मालिश करें.
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पी.एम.एस- पी.एम.एस का कारण ज्ञात नहीं हैं. यह ज्यादातर 20 से 40 वर्ष की महिलाओं के बिच होता है. इसके लक्षण माहवारी के एक हफ्ते पहलें शुरू होने लग जाते हैं. यह महिलाओं के ऊपर किसी तरह का दबाब के कारण होता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, पैर में सूजन, स्तन का ढीलापन, पेट में मरोड़ आदि शामिल हैं. इसके लक्षणों से निजात पाने के लिए प्रतिदिन आधे घंटे तक नियमित एक्सरसाइज करें. इसके अलावा पौष्टिक आहार और नमक, चीनी और कॉफी के सेवन से दूर रहना चाहिए.
यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव होता हैं तो तुरंत ही को डॉक्टर दिखाएं.
1. यदि अचानक से अनियमित पीरियड होना शुरू हो जाए.
2. यदि आपकी उम्र 16 वर्ष से ऊपर हो चुकी हो और पीरियड शुरू नहीं हुई है.
3. यौन सम्भोग के बार योनि से खून निकलना
4. 40 वर्ष के ऊपर की महिलयों को माहवारी के दौरान दर्द
5. यदि मासिक धर्म 21 दिन से कम की अविधि होती है.
6. अनियमित माहवारी आना
7. पीरियड के दौरान तेज पेट दर्द
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