मासिक धर्म का बंद हो जाना, कारण और उपचार - Masik Dharm Ka Band Ho Jana, Karan Aur Upchar!
महिलाओं में मासिक धर्म चक्र की एक निश्चित प्रक्रिया है जो सभी महिलाओं में लगभग एक जैसी ही होती है. इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय से रक्त योनि के द्वारा बाहर आता है. पीरियड्स के करीब पहुँच चुकी किशोरियों में हार्मोनल परिवर्तन अनियमित चक्रों के साथ लंबी माहवारी का कारण हो सकते हैं. मासिक धर्म रुकने के विभिन्न कारण हो सकते हैं. कई परिस्थिति में महिलाओं की डेली रूटीन माहवारी न आने का कारण होती है. जबकि कुछ मामलों में किसी बीमारी के लिए ली जाने वाली दवाओं के प्रभाव या फिर कोई मेडिकल कंडीशन भी मासिक धर्म रुकने का कारण होती हैं. इसके अन्य कारणों को नीचे विस्तारपूर्वक से बताया गया है. आइए इस लेख के माध्यम से हम मासिक धर्म के बंद होने के कारणों और उसके उपचार पर एक नजर डालें.
1. आपकी बदली हुई जीवनशैली
* वजन कम होना- यदि आपका वजन कम हो रहा है तो इससे आपको मासिक धर्म न आने या देरी की समस्या हो सकती है. आपकी लंबाई के अनुसार निश्चित वजन से 10 प्रतिशत वजन कम होना भी आपके बॉडी की हार्मोनल प्रक्रिया को असंतुलित कर देता है. इससे ओवुलेशन प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है.
* अधिक एक्सरसाइज करना – कई महिलाएं अपने वजन को कम करने के बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करती हैं. यदि जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर रही है तो यह भी महिलाओं के मासिक धर्म को रोकता है.
* तनाव – तनाव के कारण मासिक धर्म चक्र को नियमित करने वाले दिमागी हिस्से पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इससे ओवुलेशन और महावारी रुक हो जाती है.
2. हार्मोनल अंसुतलन के कारण भी मासिक धर्म रुक सकती है. इसके कारण निम्न प्रकार के हैं:
* पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम- यह स्थिति महिला के सामान्य हार्मोन लेवल में वृद्धि कर देती है, जिसका सीधा असर मासिक धर्म चक्र पर पड़ता है.
* थायराइड – थायराइड ग्लैंड से स्त्रावित होने वाले थायराइड का कम या ज्यादा होने से महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित हो जाता है या मासिक धर्म आना रुक जाता है.
* पिट्यूटरी ट्यूमर – यह पिट्यूटरी ग्रंथि में होने वाला कैंसर फ्री ट्यूमर है. इससे महिलाओं का हार्मोनल लेवल अनियंत्रित होता है.
* समय से पहले मेनोपॉज – आमतौर पर मेनोपॉज की स्थिति महिलाओं में 50 वर्ष के बाद होती है. लेकिन कुछ महिलाओं में 40 के बाद ही ओवुलेशन होना बंद हो जाता है, जिसके कारण उनको मासिक धर्म नहीं होता है.
3. गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन-
कांट्रासेप्टिव पिल्स के निरंतर इस्तेमाल या एक साल से ज्यादा तक ये पिल्स लेने से दो तीन महीने तक मासिक धर्म बंद हो सकते हैं. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे सामान्य हो जाती है. प्री-मेच्योर मैनोपोज महिलाओं में कभी-कभी 40 साल की उम्र में भी आ जाता है. ऐसी स्थिति में अंडाकोश में अंडा बनना बंद हो जाता है. तब इसको प्री-मेच्योर ओवेरियन फेलियोर कहते हैं. इसमें मासिक धर्म बंद होने के साथ-साथ मैनोपोज के लक्षण भी दिखाई देंगे. जैसे कि बहुत तेज गर्मी लगना. पसीने अआना, वरजाइना में सूखापन लगना. यह संकेत बहुत कॉमन नहीं हैं. सही स्थिति की जानकारी डॉक्टर ही बता सकता है. इसके लिए हारमोन टेस्ट भी कराया जा सकता है. किसी अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही वास्तविक समस्या समझी जा सकती है. महिलाएं सही कारण जानें बगैर स्ट्रेस न लें.
4. हार्मोनल परिवर्तन - यदि हार्मोनल परिवर्तन के कारण माहावारी में देरी हो रही हो तो भी चिकित्सक के पास जाना ही बेहतर विकल्प है. क्योंकि जांच के बाद ही सही निष्कर्ष निकल सकता है. मासिक धर्म में देरी की एक वजह तनाव, अधिक व्यायाम, वजन घटाने या आहार भी हो सकता है.
5. वजन या मोटापा का बढ़ना - वजन में अत्यधिक वृद्धि या मोटापा भी माहवारी में अनियमितता का एक प्रमुख कारण हो सकता है. इसके अलावा कई बार तो यह समस्या थायरॉइड के कारण भी उत्पन्न होती है. इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है.
6. दिनचर्या और खानपान में बदलाव - हमारी दिनचर्या और खानपान में बदलाव के कारण भी कई बार माहवारी देरी से आने की समस्या होती है. ऐसे में अपनी जीवनशैली और डाइट को व्यवस्थित कर आप इसे नियमित कर सकते हैं. जीवनशैली को व्यवस्थित करने से माहावारी की अनियमितता तो ख़त्म होगी ही इसके और भी कई फायदे हैं जिससे कि आप जीवन में ज्यादा खुशहाली ला सकेंगे.
7. कम उम्र भी हो सकता है जिम्मेदार - कम या अधिक उम्र में माहवारी की शरुआत होना कई बार माहवारी में अनियमिता पैदा करता है, जो कि सामान्य बात है. समय के साथ इसका नियमन होता, अत: चिंता की बात नहीं है.
कुछ अन्य समस्याएं - इसके साथ ही इसका कारण कुछ अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गर्भाशय फाइब्रॉएड, पॉलीप्स या कैंसर भी हो सकते हैं. पीरियड्स है तो महिलाओं को प्रकृति का विशेष उपहार लेकिन जब यह अनियमित हो जाए तो यह एक समस्या बन जाती है. कई बार तो माहावारी में होने वाली देरी के कारणों का पता भी नहीं लगाया जा सकता है. इसके उचित कारणों का पता लगाने के लिए आपको चिकित्सकीय जांच का सहारा लेना पड़ेगा.
मासिक धर्म के बंद हो जाने पर उपचार-
मासिक धर्म न होने के कारणों का सही पता आपके टेस्ट के नतीजों से लगता है. इसके बाद ही आपका इलाज शुरू किया जाता है. उदाहरण के तौर पर यदि आपको माहवारी न आने का कारण पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम है तो डॉक्टर आपको प्रोजेस्टेरोन से युक्त दवाओं को खाने की सलाह देगें. इसके अलावा यदि समय से पहल मेनोपॉज होना आपके गर्भाशय की सामान्य क्रिया में होने वाली समस्या की ओर इशारा करता है. ऐसे में डॉक्टर आपको गर्भनिरोधक दवाओं व हार्मोन प्रत्यारोपण की थेरेपी करवाने की सलाह देते हैं. यदि पीरियड्स न आने के लिए थायराइड का असामान्य स्तर सामने आता है तो डॉक्टर थायराइड का इलाज करेंगे. इस तरह से मासिक धर्म रुकने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है.
पीरियड्स न होने की समस्या से कैसे बचाव करें-
मासिक धर्म का बंद होना कोई रोग नहीं होता है. यह केवल कसी स्वास्थ्य समस्या का लक्षण होता है. इसका मतलब ये है कि इससे बचने का उपाय है कि जिन कारणों से पीरियड्स आने बंद होते हैं, उन कारणों से बचा जाए. उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी जीवनशैली स्वास्थ्य रखेंगी तो जीवनशैली से सम्बंधित कारकों की वजह से आपके मासिक धर्म चक्र में कोई परिवर्तन नहीं आएगा. लेकिन अगर ये समस्या कुछ दवाइयों की वजह से हुई है, तो इन्हे अपने डॉक्टर से पूछे बिना लेना न रोकें.