मासिक धर्म में देरी के कारण - Masik Dharm Mein Deri Ke Karan!
महिलाओं मासिक धर्म संबंधी अनियमितता एक सामान्य समस्या है. कई बार पीरियड नहीं आने या बंद होने के कुछ और भी कारण होते हैं, लेकिन महिलाओं को इस बात का डर बैठ जाता है कि कहीं फिर से प्रेग्नेंसी तो नहीं आ गयी. यह डर महिलाओं में तनाव को बढ़ाता है. माहावारी के दौरान महिलाओं में डिप्रेशन, पेट दर्द होना सामान्य है. इस प्रक्रिया में अच्छा व बुरा संकेत होना भी प्राकृतिक प्रक्रिया है. माहवारी अचानक बंद होने पर महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है. यह कई अन्य कारणों से भी हो सकता है. शरीर में किसी भी प्रक्रिया का आनियामित रूप से चलना या उसका ठीक से काम नहीं करने के कई कारण हो सकते हैं. मासिक धर्म तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसका शरीर पर कई तरह का असर देखने को मिलता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम मासिक धर्म के रुकने को विस्तारपूर्वक समझें.
मासिक धर्म रुकने के विषय में क्या कहते हैं जानकार?
जानकारों का कहना है कि कारण जाने बगैर महिलाओं को तनाव नहीं लेना चाहिए. मासिक धर्म या मासिक धर्म महिलाओं में सामान्य प्रक्रिया है, इसके बंद होने के अन्य कारणों के बारे में सामान्यत: महिलाओं को जानकारी नहीं होती है. कम समय में वजन बढ़ा या घटा हो. शरीर में मलेरिया, टाइफाईड या जोन्डेस हुआ हों, तब मासिक धर्म बंद हो सकते हैं अथवा देरी से हो सकते हैं. इसके अलावा कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ हो तो मासिक धर्म बंद हो सकते हैं. पिछले दो महीने में अगर वजन कम हो गया हो या 5-6 किलो बढ़ गया हो. कम समय में वजन में ज्यादा उतार-चढ़ाव से भी मासिक धर्म बंद हो सकते हैं. मानसिक तनाव या किसी की मृत्यु हो गयी या तलाक या किसी से बिछड़ने का तनाव भी इस समस्या को पैदा करता है. शादी के बाद ससुराल की चिंता या एन्जाइटी होने पर भी मासिक धर्म बंद हो सकते हैं.
थायराइड भी है एक कारण-
थाइराइड की समस्या बढ़ जाये या ओबेसिटी जैसी समस्या होने पर भी महिलाओं में पीरियड् बंद हो सकता है. इसके अलावा पोलिस्सिटिक ओवेरियन सिंड्रोम के कारण भी मासिक धर्म देरी से आते हैं. यह समस्या महिलाओं में ज्यादा दिखाई देती है. यह समस्या होने पर चेहरे व छाती पर बाल उगने लगते हैं. इसमें वजन बढ़ता जाता है. अगर महिला शादीशुदा है और बच्चा चाहती है तो उसे प्रेग्नेंसी में समस्या हो सकती है. कोई भी क्रोनिक समस्या हो जैसे लंबे समय तक लीवर या किडनी की समस्या हो. अपच या लूजमोशन की समस्या हो, तब भी मासिक धर्म देरी से आ सकते हैं.
गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन-
गर्भ निरोधक गोलियों के लगातार सेवन से या एक साल से ज्यादा तक ये गोलियां लेने से दो तीन महीने तक मासिक धर्म बंद या एकदम हल्के हो सकते हैं. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे सामान्य हो जायेगी. गर्भधारण करने में भी कोई समस्या नहीं आयेगी. प्री-मेच्योर मैनोपोज महिलाओं में कभी-कभी 40 साल की उम्र में भी आ जाता है. ऐसी स्थिति में अंडाकोश में अंडा बनना बंद हो जाता है. तब इसको प्री-मेच्योर ओवेरियन फेलियोर कहते हैं. इसमें मासिक धर्म बंद होने के साथ-साथ मैनोपोज के लक्षण भी दिखाई देंगे, जैसे बहुत तेज गर्मी लगना. पसीने अआना, वैजाइना में सूखापन लगना. यह संकेत बहुत कॉमन नहीं हैं. सही स्थिति की जानकारी डॉक्टर ही बता सकता है. इसके लिए हारमोन टेस्ट भी कराया जा सकता है. किसी अनुभवी/ स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही वास्तविक समस्या समझी जा सकती है. महिलाएं सही कारण जानें बगैर स्ट्रेस न लें.