माइग्रेन से बचने की 13 कारगर उपाय
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द या माइग्रेन बहुत सामान्य बीमारी के तौर पर उभर रही है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्य है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। वैसे तो माइग्रेन का की बहुत सटीक इलाज या दवा नहीं है लेकिन बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिससे माइग्रेन से पीड़ित लोगों को राहत मिल सकती है। आइए हम ऐसे तरीकों के बारे में बात करते हैं जो माइग्रेन से राहत दिलाते हैं।
1- एक्यूप्रेशर
एक्यूप्रेशर की प्रक्रिया मे शरीर के खास अंगों पर दबाव डाला जाता है जिससे ये बिंदु उत्तेजित होते हैं और इससे दर्द से राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर घर पर भी किया जा सकता है पर जब तक आपको ठीक से पता ना हो पेशेवर की ही मदद लें। माइग्रेन में एक्यूप्रेशर प्रभावी होता है। शरीर में LI-4 बिंदु होता है, जो बाएं अंगूठे के आधार और तर्जनी के बीच की जगह में होता है। 5 मिनट के लिए विपरीत हाथ का उपयोग करके एलआई -4 बिंदु पर तेज, पर दर्दनाक नहीं, गोलाकार दबाव डालने से सिरदर्द दर्द से राहत मिल सकती है।
2- एक्यूपंचर
यह चिकित्सा पद्धति है एक्यूप्रेशर के समान है। इस प्रक्रिया में एक चिकित्सक लक्षित प्रभावों के लिए शरीर के विशिष्ट क्षेत्रों में सुइयों का इस्तेमाल करता है। इसके लिए जानकार पेशेवर की जरुरत होती है। एक शोध के मुताबिक माइग्रेन से परेशान लोगों के लिए एक्यूपंक्चर एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकल्प है।
3- खान पान पर ध्यान दें
कुछ लोगों के केस में कुछ खास खाने माइग्रेन ट्रिगर कर सकते हैं। अगर सबसे आम होते हैं। माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कुछ सामान्य खाद्य पदार्थों हैं:
- प्रोसेस्ड मीट
- शराब
- चॉकलेट
- कैफीन
ऐसे में माइग्रेन से पीड़ित लोगों को इन चीजों से बचना चाहिए
4- विशेष प्रकार के तेल
लैवेंडर तेल तनाव, चिंता और सिरदर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। एक स्टडी में ये सामने आया है कि 10 प्रकार के विशेष तेलों में ऐसे तत्व होते हैं जो माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन तेलों में लैवेंडर, पेपरमिंट, कैमोमाइल और तुलसी का तेल शामिल हैं।
यह भी गौरतलब है कि कुछ तेल बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा है, या जो गर्भवती हैं या नर्सिंग कर रहे हैं। कृपया इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
5- अदरक
कई अध्ययनों में अदरक पाउडर माइग्रेन से पीड़ित लोगों के इलाज में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है । ऐसा पाया गया कि अदरक पाउडर लेने के 2 घंटे के बाद माइग्रेन का दर्द काफी कम हो गया। इसके अलावा अदरक मतली और उल्टी को दूर करने में भी मदद करता है। अदरक लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुरी है क्योंकि अदरक के फायदों के साथ ही कुछ लोगों को इसके साइड इफेक्ट और इंटरैक्शन का खतरा होता है। खास तौर पर वार्फरिन लेने वाले लोगों में रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।
6- तनाव प्रबंधन
विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव माइग्रेन से पीड़ित 10 में से 7 लोगों में लक्षणों को ट्रिगर करता है। दरअसल तनाव और माइग्रेन एक तरह का चक्र है, जिसमें माइग्रेन का दर्द तनाव को बढ़ा देता है, जो फिर एक और माइग्रेन को ट्रिगर करता है। ऐसे में जब भी संभव हो, उन स्थितियों से बचना चाहिए जो तनाव का कारण बन सकती हैं। जर्नलिंग,व्यायाम और ध्यान से मदद मिल सकती है। अन्य तरीकों में गुनगुने पानी से नहाना, संगीत सुनना या ब्रीदिंग टेक्नीक का अभ्यास करना शामिल हो सकता है। तनाव प्रबंधन कक्षाएं भी मददगार साबित हो सकती हैं।
7- योग
थोड़े-थोड़े समय में किए जाने वाले योग से माइग्रेन के लक्षणों को कम किया। इसके अलावा योग से चिंता,अवसाद और तनाव को भी कम किया, जिससे माइग्रेन की समस्या हो सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक ये पाया गया है कि योग में भाग लेने वाले एक समूह को उन लोगों की तुलना में माइग्रेन से ज्यादा राहत मिली है जो सिर्फ माइग्रेन का परंपरागत इलाज कर रहे हैं। हर हफ्ते 5 दिन भी योग किया जाय तो भी माइग्रेन में राहत मिल सकती है।
8- बायोफीडबैक थेरेपी
बायोफीडबैक एक ऐसी चिकित्सा है जिसमें हम ऐसे शारीरिक कार्यों को नियंत्रण में करना सीखते हैं जो समान्य तौर पर हमारे नियंत्रण में नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, इस थेरेपी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ये सीख सकता है कि उसे अपनी मांसपेशियों को कैसे आराम देना है। जिन मांसपेशियों को हमें आराम देना है उन पर हम सेंसर लगाते हैं और एक छोटी मशीन हमें ये बता देती है कि मांसपेशियों में कितना तनाव है या कौन सी मांसपेशियां को आराम दिलाने की जरुरत है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के जॉलाइन या कंधों में ट्रेपेज़ियस मांसपेशियों के साथ सेंसर का उपयोग करने से उन्हें राहत दिलाई जा सकती है।
9- मालिश
गर्दन और कंधों में मांसपेशियों की मालिश करने से तनाव दूर करने और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। मालिश तनाव को भी कम कर सकती है। पेशेवर द्वारा की जाने वाली मालिश से व्यक्ति को लाभ हो सकता है। माइग्रेन कोई भी व्यक्ति एक साफ टेनिस बॉल के साथ खुद की भी मालिश कर सकता है। इसके लिए वो दीवार के सहारे खड़ा होकर टेनिस बॉल से अपने कंधों और पीठ पर कुछ दबाव के साथ रोल करे तो माइग्रेन में आराम मिल सकता है।
10- मैग्नीशियम
शरीर के लिए जरुरी मैग्नीशियम की कमी से माइग्रेन या मेन्सूरल (मासिक धर्म) माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है। मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से कुछ लोगों को माइग्रेन में राहत मिल सकती है। लेकिन इस सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से बात करनी बहुत जरुरी है।
11- विटामिन
विटामिन बी माइग्रेन की गंभीरता और उनके आने की फ्रीक्वेंसी को कम कर सकते हैं। विटामिन बी मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को रेग्यूलेट करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। एक शोध के मुताबिक रोजाना 400 मिलीग्राम विटामिन बी2 लेने से माइग्रेन होने के दिनों, उसकी अवधि, गंभीरता, उसकी फ्रीक्वेंसी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बी विटामिन पानी में घुलनशील होते हैं ऐसे में इसके शरीर में ज्यादा होने या उसके दुष्प्रभाव के कोई संभावना ना के बराबर है। अतिरिक्त विटामिन बी पेशाब के साथ शरीर से निकल जाता है। फिर भी, खुराक लेने से पहले डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है।
12- हर्बल सप्लीमेंट्स
बटरबर और फीवरफ्यू दो हर्बल सप्लीमेंट हैं जो माइग्रेन के दर्द और एपिसोड की आवृत्ति को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
13- जल
डीहाइड्रेशन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। दिन भर में पर्याप्त पानी पीने से माइग्रेन रोकने में मदद मिल सकती है। पानी के छोटे घूंट लेने से भी व्यक्ति को माइग्रेन और उससे होने वाली मिचली के कुछ लक्षणों से निपटने में मदद मिलती है।
डॉक्टर की मदद कब लेनी है
यदि किसी व्यक्ति को हर महीने कई बार माइग्रेन के लक्षणों का अनुभव करना पड़ रहा हो। अगर माइग्रेन आपकी सामान्य गतिविधियोंको बाधित कर रहा है,तो डॉक्टर की सलाह जरुरी है।