माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज - Migrane Ka Ayurvedic Ilaaj!
एक होता है सर दर्द और दूसरा है माइग्रेन. सरदर्द तो फिर भी झेल लेते हैं लोग लेकिन माइग्रेन का शीघ्र इलाज बहुत जरुरी है. इसमें सिर में भयंकर दर्द होता है जिसका सहन करना बहुत मुश्किल है. ऊपर से सूरज की बढ़ती रौशनी के साथ दर्द भी बढ़ता जाता है. हलांकि माइग्रेन के उपचार के लिए बेहतर है कि आप डॉक्टर से सलाह लें लेकिन आप कुछ घरेलु उपचार करके इससे काफी हद तक राहत पा सकते हैं. निम्लिखित लेख के माध्यम से माइग्रेन के आयुर्वेदिक इलाज पर एक नजर डालते हैं.
1. पिपरमेंट का तेल
पिपरमेंट का तेल भी माइग्रेन में काफी राहत प्रदान करता है. माइग्रेन की परेशानी को कम करने के लिए इसके मरीजों को हफ्ते में लगभग तीन बार पिपरमेंट के तेल से सर में मालिश करवानी चाहिए. इससे सर में ठंडक तो होती ही है, तेज दर्द से भी राहत मिलती है. जिससे कि आपका तनाव कम हो जाता है.
2. अदरक भी लड़ता है माइग्रेन से
अपने बेहतरीन औषधीय गुणों से भरपूर अदरक आपके लिए माइग्रेन में भी राहत देता है. इसकी एक ख़ास बात ये भी है कि अदरक को आप खाने या चाय में भी स्वादानुसार डाल कर ले सकते हैं. इसके अलावा यदि आप ऐसे अदरक नहीं खा सकते हैं तो अब बाजार में अदरक के कैप्स्यूल भी मिलते हैं. इससे माइग्रेन के दौरान होने वाली मितली से आपको राहत मिलेगी.
3. मछली खाएं
माइग्रेन पीड़ितों को मछली भी भरपूर मात्रा में खानी चाहिए. क्योंकि मछली में ओमेगा 3 नाम का फैटी एसिड पाया जाता है जो कि शरीर के लिए कई मामलों में फायदेमंद होता है. आपको बता दें कि ओमेगा 3 फैटी एसिड माइग्रेन का दर्द पैदा करने वाली सनसनाहट को कम करता है.
4. पत्तेदार सब्जियां
माइग्रेन के घरेलु उपचार में पत्तेदार सब्जियां प्रमुख हैं. आप कहेंगे कि ऐसा क्या है पत्तेदार सब्जियों में तो आपको जानना चाहिए कि पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है. मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा में मौजूदगी माइग्रेन से राहत प्रदान करती है. इसके साथ ही यदि आप कुछ साबुत अनाज जैसे कि दलिया या फिर समुद्री जीव आदि भी ले सकते हैं.
5. नींद जरुरी है
माइग्रेन के उपचार में नींद की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के लिए पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है. ऐसे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि शोरगुल से मुक्त वातारण में 7-8 घंटे की नींद लें. ऐसा इसलिए ताकि आपको गहरी नींद आ सके. गहरी नींद में सोने से माइग्रेन पीड़ित व्यक्ति को राहत मिलती है.
6. कसरत भी जरुरी है
कसरत तो हमें कुछ नहीं भी होने पर करना ही चाहिए. माइग्रेन के घरेलु उपचार में व्यायाम की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसका कारण ये है कि कसरत या योग करने से तनाव काफी हद तक दूर होता है. जब तनाव दूर हो जाता है तो माइग्रेन से भी राहत मिलती है. इसलिए माइग्रेन पीड़ित व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करें.
7. जंक फूड को कहें ना
जंक फ़ूड कई रोगों का जड़ बनता जा रहा है. फास्ट फ़ूड या डिब्बा बंद भोजन का हाल भी कुछ ऐसा ही है. माइग्रेन के उपचार के लिए ये बेहद जरुरी है कि आप जंक फ़ूड और पनीर, चॉकलेट, केले आदि से भी दूर रहें. क्योंकि इसमें पाए जाने वाले तत्व माइग्रेन रोगियों की परेशानी बढ़ाते हैं. इसलिए जहां तक हो सके घर का खाना खाएं.
8. तेज रोशनी से दूर रहें
तेज रौशनी और माइग्रेन का छत्तीस का आंकड़ा है. इसलिए आपको तेज रौशनी से बचकर रहना चाहिए. आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जहां आपको सोना या बैठना हो वहां पर आस-पास रौशनी न आने पाए. यदि आप अँधेरे कमरे में सोएंगे तो और बेहतर है. जहाँ तक हो सके आपको सूरज की सीधी पड़ने वाली रौशनी से बचना चाहिए.
9. दूध भी है माइग्रेन का घरेलु उपचार
माइग्रेन के उपचार में दूध भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन इसमें ध्यान रखने वाली बात ये है कि जो दूध आप इस दौरान लेंगे वो वसा रहित हो. इस दौरान वसा रहित दूध या फिर इससे बनें उत्पादों का भी आप सेवन कर सकते हैं. दूध के उत्पादों में विटामिन बी (राइबोफ्लेविन) अधिक मात्रा में रहता है, जिससे शरीर की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है. सिर की कोशिकाओं को ऊर्जा नहीं मिलने पर ये कमजोर हो जाती.
10. चिंता न करें
माइग्रेन जिसमें आपके सर में असहनीय दर्द होता है, का मुख्य कारण चिंता करना, देर रात तक काम करना, मानसिक दुर्बलता, जुकाम, नजला, कब्ज, मलेरिया आदि हो सकता है. एक तथ्य ये भी है कि महिलाओं में माइग्रेन की समस्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पाई जाती है. कारण ये है कि उनमें हिस्टीरिया, अधिक शारीरिक या मानसिक कार्य करने के कारण, सदमा लगने, बेवजह परेशान पेरशान होने से ये समस्या उत्पन्न होती है.