Mulberry Fruit Benefits and Side Effects in Hindi - शहतूत के फायदे और नुकसान
वैज्ञानिक नाम मोरस अल्बा वाले शहतूत को सबसे पहले चीन में उगाया गया था. लेकिन अब स्वाद में मीठा लगाने वाले इस फल को दुनिया भर के विभिन्न समशीतोष्ण क्षेत्रों में उगाया जाता है. अपने देश में यह पंजाब, कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तरी पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में उगाया जाता है. ये अलग-अलग क्षेत्रों में लाल, काले और नीले रंगों में पाया जाता है. इन सबमें अमेरिकी शहतूत और काले शहतूत का स्वाद बेहतरीन होता है. शहतूत के पेड़ की पत्तियां रेशम के कीड़े के लिए एकमात्र खाद्य स्रोत है. ये तमाम पोषक तत्वों जैसे लोहा, राइबोफ्लैविविन, विटामिन सी, विटामिन K, पोटेशियम, फास्फोरस और कैल्शियम आदि से भरपूर होता है. इसके साथ ही साथ इसमें आहार फाइबर और कार्बनिक यौगिक जैसे रिवेस्ट्रैटोल, एंथोकायनिन, ल्यूटिन और कई अन्य पॉलीफेनॉयलिक यौगिकों की भी मौजूदगी होती है. शहतूत के अन्य फायदे और नुकसान भी हैं.
1. रक्तचाप को नियंत्रित करने में
शहतूत में मौजूद रेस्वेराट्रोल एक बहुत ही जरुरी फ्लैवोनॉइड एंटीऑक्सीडेंट है. ये सीधे रक्त वाहिकाओं में कुछ तंत्र के कार्यों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है जिससे कि रक्त वाहिका में संकुचन पैदा हो सकती है. दरअसल रिवेराट्रोल नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन में वृद्धि करके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाता है. इस प्रकार ये रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है.
2. हड्डियों के लिए
इसमें पाया जाने वाला विटामिन K, कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस और मैग्नीशियम हड्डियों के ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए बेहद फायदेमंद साबित होते हैं. ये हड्डियों में मजबूती बनाए रखते हुए, उपचार की प्रक्रिया में तेजी या हड्डियों के क्षति को ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के साथ ही अन्य आयु से संबंधित हड्डियों की विकार को रोकने के लिए जरुरी होता है.
3. पाचन में
शहतूत में आहार फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो कि पाचन में सुधार करके भोजन की गति बढ़ाकर कब्ज, ब्लोटिंग और ऐंठन की समस्या को कम करता है. इसके अतरिक्त फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करने में भी मददगार होता है. नियमित रूप से इसका सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.
4. रक्त संचार के लिए
इसमें लोहा की प्रचुरता होती है. ये शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को काफी बढ़ाने में सहायक होता है. इससे शरीर महत्वपूर्ण ऊतकों और अंग प्रणालियों के लिए ऑक्सीजन के वितरण में वृद्धि होता है और चयापचय एवं ऑप्टिमाइज़ कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में भी मदद मिलती है.
5. कैंसर के उपचार में
कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से मुकाबला करने के लिए इसमें एंथोकायनिन, विटामिन सी, विटामिन ए और अन्य पॉलीफेनोलिक और फ़यटोनुट्रिएंट्स यौगिकों की भरपूर मात्रा पाई जाती है. एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों के खिलाफ हमारी रक्षा करते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा होता है.
6. आँखों के लिए उपयोगी
शहतूत में पाए जाने वाले कई तत्वों में कैरोटीनॉइड भी है जो कि ज़ियेजैंथिन रेटिना मैक्यूला ल्यूटिया सहित कुछ ऑकुलर कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी लाती है. इसके अतिरिक्त ज़ियेजैंथिन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए रेटिना को होने वाले नुकसानों को को भी कुछ हद तक रोकता है.
7. प्रतिरक्षा तंत्र के लिए
इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है. इसके अलावा इस फल में मौजूद खनिजों और विटामिनों के साथ मिलकर यह बीमारी के खिलाफ हमारी रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
8. त्वचा के लिए
शहतूत में विटामिन ए और विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें लोटिन, बीटा कैरोटीन, ज़ा-एक्सथिन और अल्फा कैरोटीन जैसे कैरोटेनोइड घटक भी उपलब्ध होते हैं. ये सभी तत्व एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हुए त्वचा, ऊतक, बाल और शरीर के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं. शहतूत त्वचा को मुलायम रखने में भी मदद करते हैं.
9. बालों को स्वस्थ बनाने में
बालों की विभिन्न समस्याओं के लिए भी शहतूत के गुण उपयोगी साबित होते हैं. ये बालों के विकास को बढ़ावा देने के साथ ही बालों के झड़ने को भी रोकने का काम करते हैं. शहतूत मुक्त कणों के ऑक्सीडेटिव कार्यों को रोककर बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाता है.
10. मधुमेह में
शहतूत में मौजूद ग्लूकोज इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है जिससे कि टाइप 2 डायबिटीज रुक सकता है. इसका रस प्लाज्मा ग्लूकोज में वृद्धि या भोजन के बाद रक्त शर्करा को रोकता है. इससे मधुमेह की प्रगति कम होने की संभावना बनती है.
11. वजन कम करने में
वजन घटाने का ये सबसे मजेदार तरीका हो सकता है. क्योंकि सफेद शहतूत की मिठास आपको स्वाद के साथ वजन घटाने में मदद कर सकते हैं. एक शोध के अनुसार इसमें भूख को दबाने की भी शक्ति पाई जाती है.
12. मस्तिष्क को दुरुस्त करने में
शहतूत का अर्क ग्लाइफोसेट से मस्तिष्क की सुरक्षा करता है. यह यौगिक ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकता है. ये पार्किंसंस रोग से भी जुड़ा हुआ है. काले शहतूत में सीखने की कमी में सुधार और मेमोरी रिटेंशन जैसे अनुकूल प्रभाव भी पाए जाते हैं.
शहतूत के नुकसान
- यह त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है.
- शहतूत अत्यधिक पोटेशियम से भरपूर होते हैं जो गुर्दे की बीमारियों और पित्ताशय के दर्द से पीड़ित रोगियों में जटिलता पैदा कर सकते हैं.
- शहतूत के अधिक सेवन से बचना चाहिए.
- शहतूत से सिरदर्द, भूख, धुंधला दृष्टि, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना, भ्रम, झटके आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
- शहतूत कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को बाधित करके ट्राइसीलेग्लिसराल और कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को रोक सकते हैं.
- किमोथेरेपी के तहत आने वाले रोगियों को शहतूत अर्क से बचना चाहिए, जब तक कि डॉक्टर इसे विशेष रूप से अनुमति न दें.
- शहतूत लेने के बाद कुछ लोगों को एलर्जी प्रतिक्रियाओं का अनुभव हो सकता है.
- लिवर की समस्याओं वाले रोगियों में, अधिक शहतूत के सेवन से लिवर पर भार हो सकता है और आगे चलकर अंगों को नुकसान पहुंच सकता है.
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को शहतूत से बचना चाहिए. क्योंकि इससे उन पर हानिकारक साइड इफेक्ट हो सकते हैं.