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Last Updated: Aug 10, 2020
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नाभि के रोग के लक्षण - Nabhi Ke Rog Ke Lakshan in Hindi

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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नाभि का खिसकना जिसे आम लोगों की भाषा में धरण गिरना या फिर गोला खिसकना भी कहते हैं. इसके कारण आप पेट दर्द से परेशान हो सकते है. यह दर्द ऐसा होता है, जो प्रभावित व्यक्ति को दर्द के कारण का पता भी नहीं लगता है. यह दर्द पेट दर्द की दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं होता है. यह केवल पेट दर्द ही नहीं दस्त का भी कारण हो सकता हैं. जबकि यह समस्या किसी के साथ भी हो सकती हैं, लेकिन आमतौर पर देखा गया है की नाभि खिसकने की समस्या महिलाओं में ज्यादा सामान्य है.

हर दूसरी महिला में यह समस्या को देखा गया है. हालाँकि, इस समस्या का कारण क्या है, किन परिस्थितियों में उत्पन्न होती है जैसे सवालों का जवाब योग प्रणाली में शामिल है. योग में नाड़ियों की संख्या बहत्तर हजार से ज्यादा बताई गई है और इसका मूल स्त्रोत नाभिस्थान है. इसलिए किसी भी नाड़ी के अस्वस्थ होने से इसका कुछ प्रतिशत असर नाभिस्थान पर जरूर होता है. आइए इस लेख के माध्यम से नाभि के रोग के लक्षणों को जानें.

आधुनिक जीवन-शैली एक वजह

आधुनिक लाइफस्टाइल के कारण लोग अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज कर रहे हैं और धीरे-धीरे शरीर को अस्वस्थ बना रहे हैं. ज्यादातर लोग रोजाना की भागदौड़ में लिप्त होने के कारण समय पर आहार नहीं लेते, कभी वर्कआउट नहीं करते है और यहां तक कि पूरी नींद भी नहीं लेते हैं. इस तरह के लाइफस्टाइल के कारण धीरे-धीरे शारीरिक नाड़ियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं, जिसका सीधा असर नाभिस्थान पर होता है. इससे नाभिस्थान बहुत कमज़ोर हो जाता है और उनकी नाभि बहुत जल्दी अव्यवस्थित हो जाती है. लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसे कारण हैं जहां ना चाहते हुए भी हम नाभि खिसकने का शिकार हो जाते हैं. जैसे कि खेलते-कूदते समय भी नाभि खिसक जाती है. असावधानी से दाएं-बाएं झुकने, दोनों हाथों से या एक हाथ से अचानक भारी बोझ उठाने, तेजी से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, सड़क पर चलते हुए गड्ढे में अचानक पैर चले जाने या अन्य कारणों से किसी एक पैर पर भार पड़ने या झटका लगने से नाभि इधर-उधर हो जाती है.

इसकी पहचान - Nabhi Khisakne Ki Pehchan in Hindi

लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि कैसे पहचानें कि नाभि ही अपने स्थान से खिसक गई है. क्योंकि पेट दर्द होना आम बात है, कुछ गलत आहार लेने से या फिर अन्य समस्याओं से भी पेट दर्द हो सकता है. इसके अलावा दस्त लगना भी कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है. किंतु ये कैसे पहचाना जाए कि किसी व्यक्ति विशेष की परेशानी का कारण नाभि खिसकना ही है.

कुछ खास तरीके

इसकी पहचान एक लिए कुछ खास तरीके बताए गए हैं. सबसे आसान तरीका है लेटकर नाभि को दबाकर जांच करना. रोगी को शवासन यानि कि बिलकुल सपाट लिटाकर, उसकी नाभि को हाथ की चारों अंगुलियों से दबाएं. यदि नाभि के ठीक बिलकुल नीचे कोई धड़कन महसूस हो तो इसका मतलब है कि नाभि अपने स्थान पर ही है. लेकिन यही धड़कन यदि नाभि के नीच ना होकर कहीं आसपास महसूस हो रही हो, तो समझ जाएं कि नाभि अपनी जगह पर नहीं है. धरण गिरी है या नहीं इसे पहचानने का एक और तरीका है जो काफी प्रचलित भी है. इसके लिए रोगी के दोनों हाथों की रेखाएं मिला कर छोटी अंगुली की लम्बाई चेक करें, दोनों अंगुलियों की रेखाएं बिलकुल बराबर रखें. यदि मिलाने पर अंत में दोनों अंगुलियों की लंबाई में थोड़ा सा भी अंतर दिखे, तो इसका मतलब है कि धरण गिरी हुई है.

नाभि खिसकने की पुष्टि - Nabhi Khisakne Ka Ilaj in Hindi

इन दो तरीकों से आसानी से नाभि खिसकने की पुष्टि की जा सकती है. अब यदि रोगी की परेशानी का कारण जान लेने के बाद, उसका निवारण भी जानना आवश्यक है. इसके लिए हम यहां कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से बिना किसी दवा के नाभि अपने स्थान पर वापस आ जाएगी.

  1. पहला उपाय
    10 ग्राम सौंफ और 50 ग्राम गुड़ को पीसकर मिला लें और सुबह खाली पेट अच्छी तरह चबा-चबाकर खा लें. यदि एक बार खाने पर नाभि ठीक न हो तो दूसरे दिन या तीसरे दिन भी खा लें. इस उपाय से नाभि यकीनन जगह पर आ जाएगी.
  2. दूसरा उपाय
    नाभि खिसक गई है या नहीं, यह हमारे पांव की मदद से भी जाना जा सकता है. इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं, दोनों पैरों को 10 डिग्री एंगल पर जोड़ें. ऐसा करने पर यदि आपको दोनों पैर की लंबाई में अंतर दिखे, यानि कि एक पांव दूसरे से बड़ा है तो यकीनन नाभि टली हुई हैं.

निर्देश जानें

अब पुष्टि होने पर इसे ठीक करने के लिए छोटे पैर की टांग को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं. इसे कुछ-कुछ इंच तक धीरे से ही ऊपर की ओर उठाएं, तकरीबन 9 इंच की ऊंचाई पर आने के बाद फिर धीरे-धीरे नीचे रखकर लंबी सांस लें. यही क्रिया दो बार और करें. इस क्रिया को सुबह शाम ख़ाली पेट करना है, इससे नाभि अपने स्थान पर आ जाती है.

पुराने नुस्खे

वैसे बड़े-बुजुर्गों के पास नाभि को अपने स्थान पर लाने के और भी कई तरीके होते हैं, वे स्वयं अपने हाथों के या किसी यंत्र का आपके पेट पर सीधा प्रयोग करने से ही नाभि को अपनी लगह पर ले आते हैं. लेकिन इन घरेलू नुस्खों को किसी विशेषज्ञ से ही करवाएं, क्योंकि स्वयं करने से बड़ी मुसीबत आ सकती है.

ऐसी गलती ना करें

यह नाभि यदि अपनी सही जगह पर आने की बजाय कहीं और खिसक गई तो बड़ा रोग हो सकता है. ऊपर की ओर खिसकने से सांस की दिक्कत हो जाती है, लीवर की ओर चले जाने से वह खराब हो जाता है. यदि नाभि पेट के बिलकुल मध्य में आ जाए तो मोटापा हो जाता है. इसलिए इससे अनजाने में छेड़खानी करने की कभी ना सोचें.

इन बातों का परहेज करें

एक और आखिरी बात, जिसका खास ख्याल रखने की जरूरत है. जब पता चल जाए कि नाभि खिसकने जैसी दिक्कत हो गई है, तो कुछ बातों का परहेज करना चाहिए. जैसे कि गलती से भी भारी वजन ना उठाएं. यदि मजबूरी में उठाना भी पड़े तो उसे झटके से ना उठाएं.

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