नाक से पानी बहना - Naak Se Paani Behna in Hindi
नाक से पानी बहना एक आम तौर पर बेहद प्रचलित लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है. ये बीमारी कई कारणों से आपको हो सकती जैसे जब साइनस या नाक के वायुमार्गों में बलगम की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है. दरअसल साइनस, चेहरे की हड्डियों के पीछे होती है और नाक के मार्गों से जुड़ी एक प्रकार की गुहा होती है. इस गुहा में ही बलगम इकट्ठा होता रहता है. शरीर में बलगम का उत्पादन बढ़ना जुकाम या फ्लू के वायरस या एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों का शरीर में हमला करने के कारण होता है. अगर अतिरिक्त बलगम गले के अंदर चली जाती है, तो इसके कारण गले में दर्द व जलन या खांसी हो सकती है. नाक से द्रव्य बहना एक समस्या का कारण हो सकता है, लेकिन यह स्वतः ही ठीक हो जाती है. नाक बहना, कुछ स्थिति में बॉडी की अंदरूनी परेशानीओं का एक संकेत भी हो सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम नाक से पानी बहने से उपत्पन्न विभिन्न परिस्थितियों के बारे में जानें.
नाक से पानी बहने के लक्षण - Naak Se Pani Aane Ke Lakshan
अगर नाक से पानी बहने के साथ-साथ आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखे तो आपको कान, नाक और गले के विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
- नाक से पानी बहने के अलावा बुखार, ठंड लगना, छाती में दर्द, साँस लेने में कठिनाई, दाने, सिर या गर्दन में गंभीर दर्द या असामान्य उनींदापन (उंघना).
- नाक रूकने के साथ आखों के नीचे या गालों पर सूजन या धुंधला दिखाई देना.
- गले में अधिक दर्द या गले के अंदर के हिस्से जैसे टॉन्सिल्स आदि में सफेद या पीले धब्बे दिखाई देना.
- नाक से निकलने वाले पदार्थ का बदबूदार होना, नाक की एक तरफ बहना और पीले व सफेद रंग के अलावा कोई और रंग होना.
- खांसी जो 7 से 10 दिन तक बनी रहे और जिससे पीला, हरा या धुंधला सफेद रंग का बलगम आना.
- उपरोक्त लक्षण 3 हफ्तों से ज्यादा समय से दिखाई देना.
नाक से पानी बहने के कारण - Naak Se Pani Behne Ke Karan
- जुकाम या फ्लू
जुकाम और फ्लू दोनों के लिए नाक बहना एक बहुत ही सामान्य लक्षण होता है. जब आप इन रोगों से ग्रसित होते हैं, तो आपकी बॉडी ज्यादा मात्रा में बलगम पैदा करने लगता है, इसलिए बैक्टीरिया को इसमें रोककर रखा जा सके. इस पैदा किए गए बलगम में से कुछ हिस्सा नाक के माध्यम से बाहर निकल जाता है. - एलर्जी
अगर आप ऐसी चीजों को छूते, खाते या सूंघते हैं, जिससे आपको एलर्जी होती है तो आपको नाक से पानी बहने की समस्या हो सकती हैं. एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों में पशुओं के बाल और घास आदि सबसे सामान्य पदार्थों में आते हैं. आपका बॉडी एलर्जी के पदार्थों के प्रति भी ऐसे ही रिएक्शन करता है जैसे कि वे हानिकारक बैक्टीरिया हैं और इस कारण से नाक से पानी बहने लगती है. - साइनसाइटिस
जब आपके साइनस में सूजन, जलन और दर्द पैदा हो जाता है, तो उसे साइनसाइटिस कहा जाता है. इससे नाक के एयर ट्रैक्ट संकुचित हो जाते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है और बलगम बनने लगता है. अगर आपको उपरोक्त समस्या है तो बलगम नाक के माध्यम से बाहर निकल सकता है. कुछ स्थिति में बलगम नाक की बजाए गले के माध्यम से जाने लगता है. साइनसाइटिस के कारण बनने वाला बलगम सामान्य तौर पर गाढ़ा होता है, जिसमें पीले व हरे रंग के स्पॉट भी दिखाई दे सकते हैं. - अन्य संभावित कारण:
- झिल्ली मुड़ना
- सिरदर्द
- नशे की लत
- तंबाकू और धूम्रपान
- सूखी हवा मौसम में अचानक परिवर्तन
- नाक के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्प्रे का अत्याधिक प्रयोग
- हार्मोनल परिवर्तन
- इन्फ्लुएंजा या फ्लू
- नाक में कोई वस्तु अटकना या फंसना
- कुछ दवाएं
- नाक या साइनस के परत के ऊतकों में वृद्धि
- अस्थमा (दमा)
नाक से पानी बहने का इलाज - Naak Se Pani Aane Ka Ilaj
नाक से पानी बहने का उपचार उसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है. ज्यादातर स्थिति में इसका उपचार घर पर ही घरेलू उपायों की मदद से हो जाता है और कुछ मामलों में इसमें डॉक्टरों द्वारा उपचार और दवाओं की जरूरत पड़ सकती हैं. अगर नाक से पानी बहने की समस्या सामान्य सर्दी-जुकाम के कारण हुई है, तो इसका उपचार बहुत सीमित हो जाता है, क्योंकि यह कुछ दिनों में स्वतः ही ठीक हो जाता है. इसके लिए आपको अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीनें और प्रयाप्त आराम करने की जरूरत होती है. जुकाम और फ्लू वायरस के कारण फैलते हैं, तो इसलिए एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं करती, क्योंकि वे बैक्टीरिया से लड़ने के लिए होती हैं. अगर फ्लू काफी गंभीर हैं, तो डॉक्टर कुछ प्रकार की एंटीवायरल दवाएं लिख सकते हैं. एंटीवायरल दवाएं ठीक होने के समय को कम कर देती है, हालांकि ज्यादातर स्वस्थ लोगों को इन दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती. ये दवाएं ज्यादातर अधिक बीमार और उच्च जोखिम वाले लोगों को दी जाती है.
लक्षणात्मक उपचार
एलर्जी के कारण होने वाली छींक और नाक रुकने जैसी समस्याओं के लिए
एंटीकोलिनर्जिक नेजल एलर्जी स्प्रे बेहतर विकल्प हो सकते हैं. एंटिहिस्टामिन, मेडिसिन जैसे डाइनफिनहाइड्रामिन और क्लोरफिनिरामिन मेडिसिन भी छींक और नाक से पानी बहने जैसी समस्या के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. इन दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जैसे उनींदापन आदि.
डीकॉन्जेस्टेंट नेजल स्प्रे जैसे स्यूडोफेड्रिन, फिलनाइलेफ्रिन, ऑक्सिमेटाजॉलिन आदि ये मेडिसिन भी नाक और कान के जमाव में बहुत सुधार लाती हैं. इसके साइड इफेक्ट्स में हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट मूवमेंट का बढ़ना आदि शामिल होते हैं. डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का प्रयोग 3 दिनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए.
नोट: - बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें.
सेल्फ केयर - Naak Se Pani Ke Liye Gharelu Upchar
- बेड रेस्ट: – पूरी नींद लेने और शरीर को पूरा आराम देने से ठीक होने के समय में काफी महत्वपूर्ण कमी आती है.
- नमक के पानी से नाक धोना: - अपनी नाक के वायुमार्गों को नमक के पानी से धोने से नाक के अंदर के वायरस बाहर आ जाते हैं और नाकबंद भी ठीक हो जाती है. इस्तेमाल करने से पहले पानी को उबालना जरूरी होता है, उसके बाद उसको सामान्य टेम्परेचर में लाकर उससे नाक को धोया जा सकता है.
- स्टीम लेना: - स्टीम लेने से भी अवरोध नाक खुलने में मदद मिलती है, यह प्रक्रिया भरी हुई या बहती हुई नाक में काफी राहत प्रदान करती है. स्टीम की ज्यादा डोज़ लेने के लिए गर्म पानी को किसी बर्तन में डालें उसके बाद अपना मुंह उसके उपर करें और चारों तरफ से किसी तौलिए से कवर कर लें. आप बाथरूम में गर्म पानी का शॉवर ऑन करके सभी खिड़की दरवाजे बंद करके भी प्रयाप्त मात्रा में स्टीम ले सकते हैं.
- विटामिन C: - जुकाम और फ्लू को ठीक करने के लिए विटामिन C का भी काफी इस्तेमाल किया जाता है, इसके तहत संतरे और नींबू का सेवन करें.
- नीलगिरी का तेल: – किसी बड़े बर्तन में गर्म पानी डालें और उसमें नीलगिरी के तेल की कुछ ड्रॉप्स डालें. उसके बाद जैसा की ऊपर बताया गया है, इसे तौलिए से कवर करने की प्रक्रिया करें. नीलगिरी के तेल की सहायता से भी भरी हुई और नाक से पानी बहने के लक्षणों को ठीक करने में आराम मिलता है.