नस पर नस चढ़ना के लक्षण और कारण - Nas Par Nas Chadna Ke Lakshan aur Reason in Hindi
नस पर नस का चढ़ने को एक संयोग से उत्पन्न बीमारी कहा जा सकता है. दरअसल हमारे शरीर के संरचना और उसमें फैले नसों के जाल से कई बार अजीब परिणाम आने लगते हैं. हालांकि इसका मुख्य कारण शारीरिक कमजोरी को माना जाता है. लेकिन फिर भी इसके कई अन्य संभावित कारणों से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जब नस पर नस चढ़ जाता है तो उस समय काफी पीड़ा होती है. कई लोग इस तरह की परेशानियों के लिए अपने खान पान पर ध्यान न देने को जिम्मेदार मानते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही बीमारी के बारे में बताने जा रहे है जो बीमारी है नस पर नस चढ़ना. आपको बता दें की ये बीमारी किसी को भी हो सकती है. इस बीमारी से बेचने के लिए हमें हमारे रहने का तरीका सही रखना होगा.
आइए इस लेख के माध्यम से हम नस पर नस चढ़ जाने के कारणों को विस्तारपूर्वक जानें ताकि इस समस्या को ठीक समझकर इसका निदान किया जा सके.
नस पर नस चढ़ना बीमारी होने के लक्षण - Nas Pe Nas Chadna Ke Lakshan in Hindi
सोते समय यदि हाथ अथवा पैर सोने लगे या सोते हुए हाथ थोड़ा दबते ही सुन्न होने लगते हैं या कई बार एक हाथ सुन्न होता है, दूसरे हाथ से उसको उठाकर करवट बदलनी पड़ती है. हाथों की पकड़ ढीली होना, अथवा पैरों से सीढ़ी चढ़ते हुए घुटने से नीचे के हिस्सों में खिचांव आना. गर्दन के आस-पास के हिस्सों में ताकत की कमी महसूस देना आदि से नस पर नस चढ़ जाती है. इस दौरान कई बार कुछ समय के लिए भयंकर दर्द होने लगता है. लेकिन थोड़ी ही देर बाद सबकुछ सामान्य हो जाता है.
नस पर नस चढ़ना बीमारी होने के कारण - Nas Pe Nas Chadna Ke Karan in Hindi
शरीर में जल, रक्तमें सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की कमी से मैग्नीशियम स्तर कम होने, पेशाब ज्यादा होने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स सेवन करने के कारण शरीर में जल, खनिज लवण की मात्रा कम होने , मधुमेह, अधिक शराब पीने से, किसी बिमारी के कारण कमजोरी, कम भोजन या पौष्टिक भोजन ना लेने से या नसों की कमजोरी आदि से नस पर नस चढ़ जाती है.
नस पर नस चढ़ने की बीमारी से कैसे बचें? - Nas Pe Nas Chadna Se Kaise Bache
सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं तथा पैरों को ऊंचाई पर रखें. प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे. सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे. अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की करें तो इस समस्या और दर्द दोनों से राहत मिलेगी.आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें आदि उपाय से न पर नस नहीं चढ़ती है.
नस पर नस चढ़ने पर कैसा हो आपका भोजन? - Nas Pe Nas Chadne Pr Kya Khaye
भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों, विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें. सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें. 2-3 अखरोट की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश का रोज़ रोज़ सेवन करें, तथा इसके अलावा हमें देशी खाने का उपयोग करना चाहिए. भोजन का सही से व्यवस्थित होना आपको कई अनावश्यक परेशानियों से बचाने का काम करता हैं. इसलिए आपको अपने भोजन को सही ढंग से लेना चाहिए.