प्राकृतिक रूप से बीटा-ब्लॉकर्स को कैसे प्राप्त करें
बीटा ब्लॉकर्स ऐसी दवाएं हैं जो रक्तचाप को कम करती हैं। इन्हें बीटा-एड्रेरेनर्जिक अवरोधक एजेंट भी कहा जाता है। बीटा ब्लॉकर्स हार्मोन एपिनेफ्रीन के प्रभाव को अवरुद्ध करके काम करते हैं। एपिनेफ्रीन को सामान्य बोलचाल की भाषा में एड्रेनालिन भी कहते हैं।
बीटा-ब्लॉकर्स तंत्रिका तंत्र में हार्मोन को अवरुद्ध करके काम करते हैं जो शरीर की तनाव प्रतिक्रियाओं का प्रबंधन करते हैं। इससे व्यक्ति की हृदय गति धीमी हो सकती है, हृदय पर तनाव कम हो सकता है और रक्तचाप कम हो सकता है।
डॉक्टर आमतौर पर एनजाइना और उ्च्च रक्तचाप जैसी हृदय संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए बीटा-ब्लॉकर्स लिखते हैं।हालांकि, वे माइग्रेन और स्ट्रेस जैसी अन्य स्थितियों को रोकने या प्रबंधित करने में भी मदद कर सकते हैं।
बीटा ब्लॉकर्स का उपयोग उन लोगों में लक्षणों को रोकने, उनका इलाज करने या उनमें सुधार करने के लिए किया जाता है:
- अनियमित हृदय ताल ( एर्रेदीमिया)
- दिल की धड़कन रुकना
- सीने में दर्द (एनजाइना)
- हार्ट अटैक
- माइग्रेन
- कुछ खास प्रकार के झटके या दौरे आदि
बीटा ब्लॉकर्स के दुष्प्रभाव
बीटा ब्लॉकर्स के आम दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- ठंडे हाथ या पैर
- थकान
- मोटापा या वजन बढ़ना
- इसके अलावा निम्न दुष्प्रभावों भी हो सकते हैं पर ये आमतौर पर कम ही देखे जाते हैं:
- डिप्रेशन
- सांस लेने में कठिनाई
- नींद न आना
बीटा ब्लॉकर्स का इस्तेमाल आमतौर पर अस्थमा से पीड़ित लोगों के इलाज में नहीं किया जाता है। क्योंकि यह दवा अस्थमा के गंभीर हमलों को ट्रिगर कर सकती है। इसी तरह मधुमेह से पीड़ित लोगों में, बीटा ब्लॉकर्स लो ब्लड शुगर के संकेतों जैसे कि तेज़ दिल की धड़कन को रोक सकते हैं। ऐसे में मुधमेह पीड़ितो को अगर बीटा ब्लॉकर दिए जा रहे हैं तो नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करना जरुरी होता है।
बीटा ब्लॉकर्स कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी प्रभावित कर सकते हैं। वे ट्राइग्लिसराइड्स में मामूली वृद्धि, रक्त में एक प्रकार की वसा, और अच्छे कोलेस्ट्रॉल, या उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल में मामूली कमी का कारण बन सकते हैं। ये परिवर्तन अक्सर अस्थायी होते हैं।
बीटा ब्लॉकर्स के इन साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए इन दिनों लोग ऐसी चीजों पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहें जिनमें प्राकृतिकि रुप से बीटा ब्लॉकर्स पाए जाते हों।
फल, सब्जियां, मसाले, जड़ी-बूटियां बीटा-ब्लॉकर्स के प्राकृतिक स्रोतों के तौर पर जाने जाते हैं। इसके अलावा बीटा ब्लॉकर्स पूरक के तौर पर भी लिए जा सकते हैं।
फल
नागफनी जामुन जिसे अंग्रेजी में हॉथार्न बेरीज़ कहा जाता है एक बीटा ब्लॉकर्स एक के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा ये मूत्रवर्धक,कैल्शियम-चैनल अवरोधक,एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम अवरोधक के तौर पर भी काम करते हैं।
सब्ज़ियाँ
अजवाइन एड्रेनालिन लाईन और नॉरएड्रेनालिन के स्तर को कम करके बीटा-ब्लॉकर की तरह ही रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। यह रक्त पंप के जरिए शरीर में खून पंप करने के लिए आवश्यक बल को भी कम कर सकता है, जिससे हृदय पर तनाव कम होता है। एक अध्ययन के अनुसार, अजवाइन में यौगिक, जैसे कि एपिजेनिन और एन-ब्यूटाइलफ्थेलाइड, इसके उच्च रक्तचाप विरोधी गुणों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
दाल
बीन्स, दाल और छोले में फाइबर, पोटेशियम और प्लांट प्रोटीन रक्तचाप को कम कर सकते हैं।
दाल खाने से उच्च रक्तचाप वाले और बिना उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप कम होना भी पाया गया है।
लहसुन
लहसुन में सेलेनियम, मैंगनीज, विटामिन बी 6 और विटामिन सी जैसे हृदय-स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लहसुन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है क्योंकि इसमें एलिसिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है। लहसुन की खुराक ने रक्तचाप को काफी कम करने की शक्ति होती है जिससे हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को लगभग 16-40% तक कम किया जा जा सकता है।
हायबिस्कस
उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए लोग आमतौर पर हायबिस्कस का उपयोग काफी आम देखा गया है। उच्च-रक्तचापरोधी जड़ी-बूटियों को लेकर हुए अध्ययन में यह स्थापित हुआ है कि हायबिस्कस में मौजूद यौगिक नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाकर, पोटेशियम चैनल को खोलकर, कैल्शियम चैनलों को अवरुद्ध करके और मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हैं। इससे रक्तचाप को कम किया जा सकता है।
केसर
केसर रक्तचाप को कम करने के लिए रक्त वाहिकाओं को शिथिल और पतला कर सकता है।
शोध में यह भी पाया गया कि इस मसाले में ऐसे यौगिक होते हैं जो गिनी पिग के दिल की हृदय गति को कम करते हैं।
विटामिन
मछली, मुर्गी पालन, स्टार्च वाली सब्जियां और अधिकांश प्रकार के फलों में विटामिन बी6 भी पाया जाता है। बिटामिन बी 6 उच्च रक्तचाप की दवाओं की तरह ही मूत्रवर्धक, कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स और सेंट्रल अल्फा एगोनिस्ट प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। विटामिन बी6 एंजियोटेंसिन रिसेप्टर्स को भी ब्लॉक कर सकता है और रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर सकता है।
मिनरल्स
बीटा-ब्लॉकर्स का एक अन्य प्राकृतिक स्रोत पोटेशियम है। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, आलू, नारियल पानी और केला सभी पोटेशियम के स्रोत हैं। पोटैशियम रक्तचाप बढ़ाने वाले हार्मोन को अवरुद्ध करके और रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके रक्तचाप को कम कर सकता है।
मेवे
कई प्रकार के मेवे, बीज, मांस, चिकन और पत्तेदार हरी सब्जियों में एल-आर्जिनिन की उच्च मात्रा होती है।एल-आर्जिनिन एक सेमी एसेंशियल अमीनो एसिड है जो नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करने में मदद करता है। यह मांसपेशियों की कोशिकाओं को आराम देने और रक्तचाप को कम करने में एक महत्वपूर्ण रसायन है।
एल-आर्जिनिन की खुराक ने उच्च रक्तचाप वाले वयस्कों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को काफी कम कर दिया। हालाँकि, इस पर अभी विस्तृत अध्ययन जारी है।
मछली
सैल्मन, हिलसा,ट्राउट में ओमेगा -3 की उच्च खुराक मिलती है। ओमेगा -3 फैटी एसिड व्यक्ति के हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। सप्ताह में कम से कम दो बार ओमेगा -3 से भरपूर मछली खाने या रोजाना 1 ग्राम ओमेगा -3 पूरक लेने से हृदय रोग के पीडित लोगों को राहत मिलती है।