हमारे शरीर का हर अंग प्राकृतिक रूप से बनाए गए नियमों के अनुसार काम करता है। और अगर उसके किसी अंग में कोई बदलाव आ जाए तो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आ जाती है। ठीक उसी प्रकार हमारे रक्त में भी अगर गाढ़ापन आ जाए या थक्का ना जमे या अधिक जमने लगे तो ये बहुत घातक हो सकता है।पर कुछ दवाओं या बीमारियों के कारण रक्त में ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं।ऐसे में आपके मस्तिष्क और हृदय जैसे आवश्यक अंगों की आपूर्ति करने वाली महत्वपूर्ण धमनियों में रक्त के थक्के जमा हो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है।
दूसरी ओर ऐसा रक्त जो पर्याप्त रूप से थक्का नहीं बनाता है, वह अत्यधिक रक्तस्राव और एनीमिया का कारण बन सकता है। आदर्श रूप से, आपका शरीर आपको संतुलन में रखने के लिए रक्त के थक्कों के निर्माण को नियंत्रित करता है। कुछ कारणों से रक्त के थक्के बनने लगते हैं जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, वास्कुलाइटिस यानी सूजन वाली रक्त वाहिकाएं,मधुमेह, दिल की धड़कन रुकना, अधिक वजन और मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम।
इसके अलावा धूम्रपान, गर्भावस्था लंबे समय तक असक्रिय रहना, गर्भनिरोधक गोलियों या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ,कैंसर, एचआईवी ,डीहाइड्रेशन, अंग प्रत्यारोपण इत्यादि।इस स्थितियों में चिकित्सक रक्त को पतला करने वाली दवा लेने की सलाह देते हैं। पर इन दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। हालांकि आप प्राकृतिक रूप से भी रक्त को पतला करने वाले पदार्थ लेकर अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
तो आइए आपको बताते हैं कि क्या हैं वो चीज़ें जो प्राकृतिक रूप से रक्त को पतला करती हैं -
लहसुन
लहसुन में एंटीप्लेटलेट गुण होते हैं, जो इसे प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में कार्य करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल रक्त में थक्का तब बनता है जब आपके रक्त में प्लेटलेट्स आपस में चिपक जाते हैं। लहसुन में मौजूद यौगिक आपके प्लेटलेट्स को आपस में चिपकने से रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद एजोन ब्लड थिनर के प्रभाव को तेज कर सकता है।
उच्च सैलिसिलेट वाले खाद्य पदार्थ
सैलिसिलेट ऐसा यौगिक जो पौधों में पाया जाता है। सैलिसिलेट विटामिन के की क्रिया को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो रक्त की क्लॉटिंग के लिए ज़िम्मेदार होता है। कई ब्लड थिनर्स में सैलिसिलेट का का उपयोग किया जाता है जैसे एस्पिरिन जो की एक दर्द निवारक है ।
कुछ खाद्य पदार्थों में सैलिसिलेट में उच्च मात्रा में होता है जैसे -
- ब्रोकोली, फूलगोभी, खीरा, मशरूम, मूली, पालक ,तोरई ,टमाटर
- सेब, अंगूर, संतरा और अंगूर के रस में
- सेब, एवोकैडो, जामुन, चेरी, अंगूर, आड़ू, और आलूबुखारा जैसे फलों में
- अजवायन ,लाल शिमला मिर्च, और गरम मसालों में
- काली, हरी और हर्बल चाय में
विटामिन डी
विटामिन डी एक जाना मान बल्ड थिनर है। इसमें रक्त को पतला करने की क्षमता होती है । कम विटामिन डी होने पर आपके पैरों की नस में रक्त का थक्का बन जाता है।इसे डीवीटी के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति खतरनाक हैं क्योंकि ये थक्के पैरों से बढ़कर फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं उन्हें क्षति पहुंचा सकते हैं। कुछ ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो प्राकृतिक रूप से विटामिन डी से भरपूर होके हैं जैसे-
- कॉड लिवर तेल
- सैल्मन
- स्वोर्डफ़िश
- टूना मछली
- भरपूर संतरे का रस
- डेयरी उत्पाद
- सार्डिन
- अंडे की जर्दी
- साबुत अनाज
आहार के अलावा आप विटामिन डी के सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं जो बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं। विटामिन डी सप्लिमेंट चुनते समय ध्यान दें कि उसमें प्रति सर्विंग कम से कम 600 आईयू विटामिन डी हो। या यदि आप 70 या अधिक उम्र के हैं तो 800 आईयू वाला सप्लिमेंट चुनें।
विटामिन ई
विटामिन ई में भी ब्लड थिनर के गुण होते हैं। इसका उपयोग करने से आप जानलेवा रक्त के थक्के बनने से सुरक्षित रह सकते हैं।हालांकि बहुत अधिक विटामिन ई लेने से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है, इसलिए विटामिन ई सप्लिमेंट्स पर अनुशंसित खुराक का पालन करना सुनिश्चित करें। आमतौर पर प्रति दिन 1,000 मिलीग्राम से ऊपर की खुराक नहीं लेनी चाहिए. पर इसे लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों की बात करें तो इनमें शामिल है-
- गेहूं के बीज का तेल
- सूरजमुखी, कुसुम और सोयाबीन का तेल
- सरसों के बीज
- बादाम
- मूंगफली, मूंगफली का मक्खन
- चुकंदर का साग, कोलार्ड साग, पालक
- कद्दू
- लाल शिमला मिर्च
- एस्परैगस
- आम
- एवोकाडो इत्यादि
विलो छाल
विलो छाल भी सैलिसिन मौजूद होता है जो रक्त को पतला करने वाले प्रभाव रखता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। विलो छाल का उपयोग आमतौर पर सिरदर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और गठिया जैसी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। बल्ड थिनर के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
हल्दी
अंटीसेप्टिक,एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर हल्दी में करक्यूमिन नाम का तत्व भी होता है जो एक प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में काम करता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो हृदय रोग और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पत्तेदार हरी सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन के से भरपूर होती हैं, जो रक्त के थक्के बनाने में मदद करती हैं।हालांकि यहां पर बात ब्लड थिनर की हो रही है तो आपको बता दें कि पालक, केल और कोलार्ड जैसे पत्तेदार साग नाइट्रेट से भरपूर होते हैं, जो आपके शरीर में पहुंचकर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाते हैं।
नाइट्रिक ऑक्साइड एक वैसोडिलेटर के रूप में कार्य करता है और बेहतर रक्त प्रवाह की अनुमति देने के लिए आपकी रक्त वाहिकाओं को पतला करता है। स्वस्थ रक्त प्रवाह अच्छे परिसंचरण को बढ़ावा दे सकता है, जिससे रक्त का थक्का बनने का खतरा कम हो सकता है।
यदि आप रक्त को पतला करने वाली दवाओं का सेवन करते हैं, तो आपको विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे पत्तेदार साग के सेवन को प्रतिदिन बनाए रखना चाहिए ।