योनि का पीएच बैलेंस प्राकृतिक रूप से कैसे बनाए रखें
शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ हमारे लिए अपनी सेक्सुअल हेल्थ का भी ध्यान रखना ज़रूरी है। महिलाओं को अपनी योनि को साफ और स्वस्थ् रखने के लिए उसका पीएच बैलेंस सही स्तर पर बनाए रखना आवश्यक है। प्राकृतिक तौर पर योनि का आंतरिक वातावरण अम्लीय यानी एसिडिक होता है जिसका सामान्य पीएच स्तर 4.5 से कम होता है।
पीएच एक ऐसा पैमाना है जो किसी भी पदार्थ के एसिडिक या एल्कलाइन स्तर को नापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।यदि आप ऐसी उम्र में जब आपका शरीर प्रजनन कर सकता है तो आपकी योनि का पीएच 3.8 और 4.5 के बीच होना चाहिए। हालांकि मेनोपॉज़ के बाद योनि का पीएच 4.5 से थोड़ा अधिक होना सामान्य है।
योनि में मौजूद लैक्टोबैसिली ऐसे बैक्टीरिया हैं जो आपकी योनि में रहते हैं और लैक्टिक एसिड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड को स्रावित करके इसे एसिडिक बनाए रखते हैं। योनि का एसिडिक होना उसे हानिकारक बैक्टीरिया या फंगस से बचाता है। हालांकि, विभिन्न कारणों से योनि का प्राकृतिक पीएच संतुलन बदल सकता है । ऐसा होने पर आपकी योनि में संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है। योनि में प्राक़तिक रूप से सामान्य पीएच स्तर बनाए रखने के लिए आप कुछ उपाय भी कर सकती हैं।
प्रोबायोटिक का सेवन करें
प्रोबायोटिक्स ऐसे अनुकूल बैक्टीरिया होते हैं जो लैक्टोबैसिली के विकास को बढ़ावा देते हैं और आपके शरीर और योनि में पीएच संतुलन बनाए रखते हैं।सामान्य तौर पर कई खादय सामग्रियों में प्रोबायोटिक्स होते हैं जिनका सेवन आप कर सकती हैं। इनमें दही,केला,छाछ इत्यादि ऐसी चीज़ें हैं जिनमें भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक होते हैं। इसके अलावा बाज़ार में भी प्रोबायोटिक सप्लीमेंट मौजूद हैं जिन्हें लिया जा सकता है।
केवल हल्के और उपयुक्त अंतरंग उत्पादों का उपयोग करें
कई बार लोग योनि को साफ करने के लिए पानी और सिरका , बेकिंग सोडा, एंटीसेप्टिक्स या आयोडीन के मिश्रण का प्रयोग करते हैं।पर इसके योनि पीएच संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं । जानकारों का मानना है कि योनि के बाहरी क्षेत्र को धीरे से साफ करें और इसके लिए केवल गुनगुने पानी का उपयोग करें या ऐसे उत्पादों का उपयोग करें जो विशेष रूप से आपके योनि पीएच संतुलन को बरकरार रखने के लिए बने हैं।
सूती अंडरगार्मेंट्स ही पहनें
आपकी योनि को भी हवा के आवागमन की ज़रूरत होती है। ऐसा ना हो पाने के कारण योनि में नमी का स्तर बढ़ सकता है।ऐसे में खराब बैक्टीरिया और अन्य दिक्कतें बढ़ने की आशंका होती है।इसलिए हमेशा हल्के और आरामदायक सूती अंडरवियर पहनें । रात को अंडरगार्मेंट्स के बिना सोने की कोशिश करें ताकि आपकी योनि हवा मिल सके।इसके अलावा गीले और नमी वाले अंडरवियर को तुरंत बदलें जिससे आपकी योनि को नुक्सान से बचाया जा सके।
सेक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करें
सेक्स के दौरान आपकी योनि का अम्लीय वातावरण निष्क्रिय हो सकता है। यदि आप गर्भधारण करने की योजना नहीं बना रही हैं तो सेक्स के समय कंडोम का उपयोग करें ।
एंटीबायोटिक सोच समझकर इस्तेमाल करें
एंटीबायोटिक्स का प्रयोग बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते हैं ।इसलिए बहुत आवश्यक ना हो तो इनका बार-बार उपयोग करने से बचें, या फिर एंटीबायोटिक्स लेते समय साथ में प्रोबायोटिक्स भी लें।
मासिक धर्म के दौरान पैड और टैम्पोन समय से बदलें
मासिक धर्म के दौरान आपकी योनि का पीएच स्तर बदल सकता है।दरअसल रक्त का पीएच थोड़ा क्षारीय होता है। इसलिए अपने टैम्पोन या सैनिटरी पैड को ज्यादा देर तक प्रयोग करने से बचें क्योंकि इससे आपकी योनि का पीएच बढ़ सकता है।
शौच के बाद सही तरीके से पोंछें
शौचालय का उपयोग करने के बाद हमेशा अपने आप को ठीक तरीके से पोंछें। इसके लिए आप टॉयलेट पेपर से अपनी योनि को आगे से पीछे की ओर पोंछें। ऐसा करने से गुदा के आसपास मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया योनि के संपर्क में आने से रुकेंगे और योनि में जलन पैदा करने से बचाव होगा है।
सेक्स के बाद पेशाब करना है आवश्यक
सेक्स के बाद अवांछित बैक्टीरिया आपकी योनि के आसपास और अंदर पहुंच सकते हैं। ऐसे में सेक्सुअली ट्रांसमिटे डिज़ीज़ होने का भी खतरा होता है। इसलिए सेक्स के बाद पेशाब करना आपको उन संक्रमणों से सुरक्षित रखता है जो सामान्य योनि पीएच को बाधित कर सकते हैं।
अपनी गायनॉकोलोजिस्ट से नियमित चेकअप कराएं
रेगुलर चेकअप के लिए अपनी चिकित्सक से नियमित अपाइंटमेंट लें। ऐसा करने से आप किसी तरह के अनचाहे संक्रमण से बचाव कर सकती हैं।
पोषक आहार लें
अपनी योनि को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषक आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण है।खाने में हरी सब्ज़िया ,दालें और सलाद का सेवन करें।
विज्ञापनों को देखकर सुगंधित उत्पाद ना खरीदें
बाज़ार में बहुत से सुगंधित उत्पाद मौजूद हैं जो योनि की स्वच्छता के दावे करते हैं। इनमें सुगंधित स्प्रे, बबल बाथ और सुगंधित पैड या टैम्पोन तक शामिल हैं पर चिकित्सक इनके सख्त खिलाफ हैं ।डॉक्टर मानते हैं कि इनसे योनि में खमीर संक्रमण बढ़ सकता है जो योनि के पीएच को प्रभावित कर सकता है।
तनाव से बचें
तनाव कोर्टिसोल को बढ़ाता है, जो योनि में पीएच स्तर को बाधित करता है।तनाव से बचाव के लिए नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें ,ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें या किसी स्पोर्ट्स में दिलचस्पी है तो उसें खेलें।
नशे से बचें
योनि में पी एच के स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए धूम्रपान से बचें। इसके अलावा नशीली दवाओं से परहेज़ करें औऱ शराब से भी दूरी बनाकर रखें।
चीनी कम खाएं
शरीर में अधिक चीनी की मात्रा से पीएच का स्तर बढ़ सकता है।इसलिए चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें जैसे कोल्ड ड्रिंक,सोडा, रिफाइंड ब्रेड या पास्ता, आइसक्रीम इत्यादि। मीठा खाने की इच्छा हो तो फलों का सेवन करना लाभदायक है।
भरपूर पानी पिएं
दिन भर में करीब चार लीटर पानी पिएं। इससे आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ ही योनि की सेहत भी ठीक रहेगी। खूब पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और योनि की सेहत नियंत्रण में रहती है।कम पानी पीने से योनि के आसपास खुजली हो सकती है या खमीर संक्रमण हो सकता है।कम पानी पीने से आपको यूटीआई होने का खतरा भी बना रहता है।