अकसर लोग सामने वाले की सुंदरता को उसकी त्वचा की सौम्यता से आंकते हैं। यही वजह है कि हम सभी अपनी त्वचा का खास क्याल रखते हैं। चाहे वह चेहरे की त्वचा हो या हाथ पैरों की , अच्छा दिखने की चाहत में हम त्वचा पर किसी तरह के दाग धब्बे नहीं देखना चाहते । पर कई बार त्वचा में कुछ ऐसे संक्रमण हो जाते हैं जो उसकी खूबसूरती को कम कर सकते हैं।ऐसी ही एक स्थिति है एक्ज़िमा।
एक्जिमा एक ऐसा संक्रमण है जो तब होता है जब जब त्वचा की सुरक्षात्मक बाधा कमजोर हो जाती है। इसके कारण त्वचा की नमी कम हो जाती है और बैक्टीरिया और वायरस के लिए अपना रास्ता बनाना आसान हो जाता है। इस वजह से आपकी त्वचा पर सूखे पैच हो सकते हैं। ये पैच लाल और खुजली वाले होते हैं। एक्ज़िमा में ये अकसर चेहरे, हाथों, पैरों, कोहनी के अंदर, और घुटनों के पीछे देखे जाते हैं। जानकार मानते हैं कि जिन लोगों में अति सक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली होती है उनमें एक्जिमा अधिकतर होता है।
इसी कारण से उनकी त्वचा में सूजन, जलन और खुजली हो जाती है। एक्जिमा के कारण त्वचा फटी हुई सी लगती है। ये परेशानी सर्दियों के मौसम में ज्यादा होती है। इसके लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ प्राकृतिक उपचार का सहारा ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि किन चीज़ों का उपयोग कर आप एक्ज़िमा को अलविदा कह सकते हैं।
एलोवेरा जेल त्वचा की कई बीमारियों के उपचार के लिए पुराने समय से ही उपयोग में लाया जाता रहा है। एलोवेरा जेल में एंटीबैक्टीरियल,एंटीफंगल, गुण होते हैं। साथ ही यह इम्यूनिटी बढ़ाने और घावों को भरने में मदद करता है। इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के कारण त्वचा के संक्रमण को रोका जा सकता है।एक्ज़िमा में इसके उपयोग से फटी और सूखी त्वचा को शांत कर सकते हैं और उपचार को बढ़ावा दे सकते हैं। इसे उपयोग में लाने के लिए सीधे एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र पर नियमित रूप से लगाएं।
सेब का सिरका या एप्पल साइडर विनेगर त्वचा के कई विकारों के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है। खासकर एक्ज़िमा में इसे काफी असरदार उपचार माना जाता है। सेब का सिरका त्वचा की अम्लता यानी एसिडिटी के स्तर को संतुलित करता है। सिरका खुद अम्लीय होता है और त्वचा भी स्वाभाविक रूप से अम्लीय होती है।
हालांकि एक्जिमा से पीड़ित लोगों की त्वचा सामान्य लोगों की तुलना में में कम अम्लीय हो सकती है, जो त्वचा की सुरक्षा को कमजोर कर सकती है। सेब के सिरके को डाइल्यूट कर के लगाय़ा जाए तो त्वचा की अम्लता के स्तर को संतुलित करने में मदद मिल सकती है।शोध बताते हैं कि सेब का सिरका एस्चेरिचिया कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरिया से लड़ सकता है।
ऐसे में इसके उपयोग से क्षतिग्रस्त त्वचा को संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है।इसे उपयोग में लाने के लिए 1 कप गर्म पानी में 1 बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।अब इसमें रुई को भिगो लें।इसे संक्रमित जगह पर लगाकर कपड़े से बांध लें।लगभग 3 घंटे के लिए लगा रहने दें।और भी साफ कर लें।आप इसे नहाने के पानी में मिलाकर भी इसका लाभ ले सकते हैं।
ब्लीचिंग पाउडर में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो एक्जिमा के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। जानकार मानते हैं कि हल्के से ब्लीच का इस्तेमाल कर स्नान करने से लाभ हो सकता है । ब्लीचिंग पाउडर त्वचा की सतह पर मौजूद बैक्टीरिया को मार सकता है। यह त्वचा की सतह पर प्राकृतिक माइक्रोबायोम को पुनर्स्थापित कर सकता है।
एक्जिमा में ब्लीच बाथ करने के लिए साधारण ब्लीच का उपयोग करें।इसके लिए प्रति गैलन पानी में 1 चम्मच ब्लीच मिलाएं।पानी में ब्लीच मिलाकर नहाएं और 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें।अब शरीर को गर्म पानी से अच्छी तरह धोकर सुखा लें और तुरंत मॉइस्चराइज़ करें।
एक्जिमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आपको सही सफाई करने वाले उत्पादों का उपयोग करना चाहिए । कोशिश करें कि एक सौम्य साबुन या बॉडी वॉश का उपयोग करें।इससे आपकी त्वचा के प्राकृतिक अवरोध के हटने और सूखापन होने की आशंका कम होती है। एक ऐसा साबुन चुनें जो केमिकल युक्त रंगों और परफ्यूम से मुक्त हो क्योंकि ये दोनों ही आपके शरीर में जलन पैदा कर सकते हैं।
ओटमील में त्वचा की परेशानियों को दूर करने के गुण होते हैं। इसे पीसकर उबालने पर इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों का लाभ लिया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा का रूखापन दूर होता है, स्केलिंग, खुरदुरेपन और खुजली से भी मुक्ति मिलती है।ओटमील त्वचा को अच्छा मॉस्चराइज़ेशन देती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए गर्म पानी में ओटमील मिलाकर भिगो लें। आप बाज़ार में उपलब्ध कोलाइडल ओट्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।इस पानी से नहाने से आपको एक्ज़िमा से राहत मिलेगी।
नारियल के तेल में फायदेमंद फैटी एसिड होते हैं जो त्वचा को नमी देते हैं।ये गुण शुष्क त्वचा और एक्जिमा वाले लोगों की मदद कर सकते हैं। इसके अलावा नारियल का तेल सूजन से लड़ने और त्वचा की बाधा के स्वास्थ्य में सुधार करके त्वचा की रक्षा कर सकता है।नियमित इस्तेमाल करने से एक्जिमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है। नहाने के बाद और दिन में कई बार नारियल तेल को सीधे त्वचा पर लगाएं। रात को सोने से पहले त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
एक्ज़िमा में खुजली होना स्वाभाविक है। पर आपको खुजली करने से बचना है। दरअसल पहले से संक्रमित त्वचा में खुजली करने से त्वचा और खराब हो सकती है और जलन भी बढ़ सकती है। इसके लिए आप प्रबावित त्वचा को मॉस्चराइज़ रखें जिससे वह सूखी ना रहे। रात को सोते समय सूती दस्ताने पहनें ताकि गलती से आप खुजली करते वक्त त्वचा को खरोंच न दें।
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