नवरात्रि को बनाइए खास इन 9 हेल्दी डायट करने के तरीकों से
नवरात्र के शुरु होते ही माहौल में त्योहारों की खुशबू घुलने लगी है। हर तरफ उत्साह औऱ जोश का वातावरण छा गया है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए नवरात्र में मंदिरों में खास इंतेज़ाम किए गए हैं और इनमें भारी भीड़ जुट रही है। नवरात्र में मां को खुश करने के लिए ,अपना समर्पण दर्शाने के लिए कई लोग उपवास करते हैं।
कुछ लोगो दो या तीन के ही उपवास करते हैं पर कई लोग नियम के साथ पूरे नौ दिन उपवास का पालन करते हैं। नवरात्रि के दौरान उपवास को न केवल शुभ माना जाता है बल्कि ये आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का भी एक शानदार तरीका है क्योंकि इस दौरान हानिकारक विषाक्त पदार्थ आपके शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
नवरात्र में खान पान में बदलाव के कारण आपको कमजोरी महसूस हो सकती है।या फिर ज्यादा तला भुना खाने औऱ हर समय खाते रहने के कारण वज़न बढ़ने औऱ एसिडिटी जैसी समस्या भी हो सकती है। हालांकि अगर आप समझदारी से काम लें औऱ कुछ टिप्स पर अमल करें तो ये उपवास आपके शरीर के लिए बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।
नवरात्रि उपवास के लिए टिप्स
यदि आप त्योहारों के मौसम का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो उपवास के दौरान शरीर में स्वस्थ ऊर्जा का स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए यदि आप नवरात्रि के दौरान उपवास कर रहे हैं तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों को याद रखने की आवश्यकता है।
1. उपवास की अवधि
नौ दिनों के लिए उपवास करने वाले लोग हर रोज़ 14 से 16 घंटे तक पूर्ण उपवास यानी बिना भोजन की स्थिति बनाए रखें और शेष घंटों में भोजन करें। यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक लोकप्रिय तरीका है जिसमें 16/8 का फार्मूला अपनाया जाता है। यानी इसमें प्रतिदिन 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे की खाने की अवधि तय की जाती है।इस दौरान आप 2 बार , 3 बार या इससे अधिक बार भोजन कर सकते हैं। आप शुरुआत के 6 दिनों में 14 घंटे का उपवास और अगले 3 दिनों के लिए 16 घंटे के उपवास का पालन भी कर सकते हैं। इससे आपको व्रत में बढ़ने वाले वज़न की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
2. खाने की अवधि
16 घंटे बिना कुछ खाए रहना औऱ 8 घंटों के दैरान ही भोजन करना एक सरल, सुरक्षित और कारगर तरीका है। एक बार जब आप अपनी खाने की अवधि में प्रवेश करते हैं, तो दो बार भोजन के बीच करीब ढाई घंटे से अधिक का अंतर न रखें फिर चाहे आपके भोजन की मात्रा कम रही हो या फिर अधिक ।
3. स्वस्थ भोजन लें
व्रत के दौरान जब आप 14 या 16 घंटे की अवधि के बाद सबसे पहले भोजन करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप एक अच्छा भोजन खाएं। यानी एक स्वस्थ आहार का चुनाव करें। उदाहरण के लिए आप साबूदाने की खिचड़ी या आलू और कुट्टू के आटे से बना पराठा खा सकते हैं। साथ में एक गिलास दूध या छाछ ले सकते हैं। आप ऐसे फल भी खा सकते हैं जो आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करें । आपकी कोशिश होनी चाहिए कि इस भोजन में चीनी का उपयोग न करें।ज्यादा तेल और घी से बनाया गया भोजन खाने से बचें।इससे आपके पेट में भारीपन बना रहेगा और शरीर में सुस्ती बढ़ेगी।
4. हाइड्रेटेड रहना है जरूरी
अकसर हम उपवास के दौरान खाने के साथ शरीर में पानी की मात्रा भी कम कर देते हैं।पर उपवास के दौरान खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यह भूख के एहसास को काफी हद तक कम कर सकता है। इतना ही नहीं, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी थकान और यहां तक कि उपवास के कारण होने वाली बेहोशी भी दूर हो जाती है। इसलिए व्रत में भी सांमान्य दिनों की तरह कम से कम चार लीटर पानी पिएं। कोशिश करें कि पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें और थोड़ी थोड़ी देर में पानी का घूंट लेते रहें। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी रहने से आपको स्फूर्ति औऱ ऊर्जा का एहसास होगा।
5. एसिडिटी के लिए ठंडा दूध पिएं
नौ दिनों का उपवास निश्चित रूप से आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करेगा लेकिन उपवास के दौरान आहार में बदलाव से कुछ लोगों में एसिडिटी या कब्ज हो सकता है।कई बार उपवास क दौरान लोग अधिकतर ड्रीप फ्राइड भोजन का सेवन अधिक करने लगते हैं।इसके कारण भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इससे निपटने के लिए ठंडे दूध का सेवन करें।इससे आपको एसिडिटी को दूर रखने में मदद मिलेगी। कोशिश करें कि एक ग्लास ठंडा दूध शाम 4 बजे के आसपास पियें।या फिर रात इसे रात में भी लिया जा सकता है। एसिडिटी और पेट की अन्य गड़बड़ियों से निपटने के लिए आप अपने आहार में नींबू पानी या दही भी शामिल कर सकते हैं।दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपके पाचन के दुरुस्त रखेंगे। वहीं नींबू पानी भी हाज़मे का ध्यान रखने में महारत रखता है।कब्ज़ सके बचने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन करें।
6. फाइबर के लिए फलों का सेवन करें
अधिकतर घरों में उपवास के दौरान तले हुए स्नैक्स का सेवन ज्यादा किया जाता है। पर ये आदत आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। कोशिश करें कि हेल्दी स्नैक्स ही लें ,उदाहरण के लिए फलों का सेवन अधिक करें। दिन भर में फलों की दो या तीन सर्विंग न केवल आपको हाइड्रेटेड रखेगी बल्कि इससे आपको भरपूर फाइबर भी मिलेंगे जो मल त्याग में मदद करते हैं। केला, पपीता, सेब, नाशपाती ,अमरूद जैसे फलों के साथ संतरे जैसे खट्टे फलों को भी आहार में शामिल करें। पूरे दिन नींबू पानी का सेवन करना भी एक अच्छा विचार हो सकता है । यह आपके द्वारा लिए गए खाद्य पदार्थों से आयरन के अवशोषण के लिए बहुत आवश्यक है।शरीर में आयरन की कमी से आपको थकान और कमज़ोरी महसूस हो सकती है।
7. चीनी का प्रयोग सीमित करें
व्रत के दौरान बहुत अधिक मीठा खाने की आदत से भी आपको बचने की आवश्कता है। दिनभर के आहार में मीठे की मात्रा को कम रखें। आप दो या तीन दिनों में एक बार थोड़ी सी खीर या किसी मिठाई का सेवन कर सकते हैं। इससे आपके शरीर में चीनी के स्तर में गिरावट नहीं आएगी। साथ ही काम के लायक ऊर्जा बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। आप इस भ्रम में रहते हैं कि आप उपवास कर रहे हैं तो मीठा खाने का बावजूद शरीर में कैलोरी का संतुलन बना रहेगा। पर ऐसा नहीं है। आप ज़रूरत के हिसाब से एक कटोरी मखाने की खीर या साबूदाने की खीर का विकल्प चुन सकते हैं। पर इसमें भी चीनी का उपयोग कम करें औऱ इसका सेवन भी एक सीमा के अंदर ही करें।
8. वसा के लिए नट्स खाएं
उपवास के दौरान शरीर में अच्छी वसा का स्तर बनाए रखना सुनिश्चित करें। ये आपके शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में मदद करेगा। व्रत के दौरान दिन भर में कई बार बादाम, अखरोट, पिस्ता सहित मुट्ठी भर अनसाल्टेड नट्स खाएं । सुबह नाश्ते से पहले अपना उपवास खोलने के लिए एक या दो चम्मच देशी घी या फिर कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल में ड्राई फ्रूट्स तलकर खाना अच्छा विचार है । आप दिन में कुछई बार कम मीठे सूखे मेवे जैसे खजूर ,अंजीर,किशमिश भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा रात भर भीगे हुए सूखे मेवे भी आपका पेट भरा हुआ महसूस करा सकते हैं।
9. नारियल पानी का सेवन करें
व्रत में शरीर में चुस्ती बनाए रखने के लिए मिनरल्स औऱ पोषक तत्वों से बरपूर नारियल पानी पीना आपके लिए कारगर हो सकता है। ये ना सिर्फ आपको हाइड्रेटेड रखेगै बल्कि आपको कमज़ोरी का एहसास भी नहीं होने देगा। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपको ताज़गी का एहसास कराते रहेंगे। चूंकि व्रत के दौरान सामान्य नमक खाना वर्जित होता है तो लोग अकसर सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा दिन में कभी-कभी नारियल पानी/केला का सेवन करना एक अच्छा विचार है।