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Last Updated: Jan 06, 2023
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ध्वनि प्रदूषण के कारण और उपाय - Noise Pollution in Hindi

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारणों में से एक है। यह जल, वायु और मृदा प्रदूषण (जमीन की उर्वरक क्षमता का कमजोर होना) से कम हानिकारक होता है। तेज ध्वनि के साथ उठने वाला शोर हमारे जीवन पर विपरीत असर डालता है। इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। इसके कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। ध्वनि प्रदूषण जंगली और मानव जीवन के साथ पेड़-पौधों को भी प्रभावित करता है।

हमारे कान एक निश्चित ध्वनि की तीव्रता को ही सुन सकते हैं। ऐसे में तेज ध्वनि कानों को नुकसान पहुंचा सकती है। नियमित रूप से तेज ध्वनि से सुनने से कान के पर्दे फट सकते हैं। इसके अलावा तेज ध्वनि हमारे स्थायी या अस्थायी रुप से बहरेपन का कारण बन सकती है। 

ध्वनि प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी

  • कमजोरी

  • अनिद्रा

  • तनाव

  • हाई ब्लड प्रेशर

  • एकाग्रता में कमी

  • बहरापन

  • बात करने में परेशानी

कितनी तीव्रता की ध्वनि हमारे काम सुन सकते हैं

60 डीबी आवाज को सामान्य आवाज माना जाता है। जबकि 80 डीबी या इससे अधिक क्षमता की आवाज हमारे लिए शारीरिक कष्ट का कारण बन सकती है। ध्वनि की इतनी तीव्रता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। 

ध्वनि प्रदूषण के स्त्रोत

  • मोटर वाहन

  • विमान

  • रेल यातायात

  • औद्योगिक और आवासीय इमारतों का निर्माण

  • कार्यालय के उपकरण

  • फैक्टरी और मशीनरी

  • बिजली उपकरण

  • ऑडियो मनोरंजन सिस्टम

ध्वनि प्रदुषण के कारण - Dhwani Pradushan Ke Karan

  1. उद्योग: लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्र ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हैं। कल-कारखानों में चलने वाली मशीनों से निकलने वाली गड़गड़ाहट की आवाज से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। ताप विद्युत केंद्र में लगे बॉयलर और टरबाइन भी ध्वनि प्रदूषण के बड़े उदाहरण हैं।
  2. परिवहन के साधन: परिवहन के सभी साधन कम या अधिक मात्रा में आवाज करते हैं। इनसे निकलने वाली आवाजों से ध्वनि प्रदूषण होता है। परिवहन के साधनों से ध्वनि प्रदूषण के साथ वायु प्रदूषण भी फैलता है।
  3. मनोरंजन के साधन: मनोरंजन के लिए उपयोगी उपकरण जैसे टी.वी., रेडियो, टेप रिकॉर्डर, म्यूजिक सिस्टम (डी.जे.) आदि ध्वनि प्रदूषण के कारण हैं। इनसे उत्पन्न होने वाली तीव्र ध्वनि शोर का कारण बनती है। इससे ध्वनि प्रदूषण फैलता है। शादी समारोह, धार्मिक आयोजन, मेला, पार्टी और अन्य प्रकार के फंक्शन में लाउड स्पीकर के उपयोग से ध्वनि प्रदूषण होता है। 
  4. निर्माण कार्य: कंस्ट्रक्शन साइट पर होने वाले शोर से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। भवनों, पुल, ब्रिज, सड़क, बांध, मकान, फैक्टरियों और कारखनों समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण के दौरान होने वाला शोर ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है। 
  5. आतिशबाजी: आतिशबाजी यानी पटाखे जलाना पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। यह ध्वनि प्रदूषण के लिए भी उतना ही जिम्मेदार है। शादी समारोह, खुशी या जश्न का माहौल, दीपावली और राजनीतिक कार्यक्रम ये ऐसे मौके हैं जब लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं। जिससे बड़ी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण फैलता है। 
  6. रेल: रेल आवागमन से भारी मात्रा में शोर होता है। रेल की पटरियों का शोर, ट्रेन के लोकोमोटिव इंजन और हार्न की तेज आवाज से लगभग 120 डीबी का शोर होता है। यह शोर ध्वनि प्रदूषण को बड़े स्तर पर बढ़ावा देता है। 
  7. सैन्य उपकरण: वायु सेना के एयर क्राफ्ट से बहुत तेज शोर निकलता है। ये विमान पर्यावरण में बहुत बड़े स्तर पर ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि करते हैं।
  8. अन्य कारण: ध्वनि प्रदूषण के अन्य कारणों में धरने प्रदर्शन, रैलियां, नारेबाजी, राजनीतिक और गैर-राजनीतिक रैलियों में उमड़ने वाली भीड़, कार्यक्रम में एकत्रित जनसमूहों का एक साथ वार्तालाप करना शामिल है। उपर्युक्त सभी कारणों से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। 

ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान

  • ध्वनि प्रदूषण लोगों के काम करने की क्षमता और गुणवत्ता को कम करता है।

  • ध्वनि प्रदूषण हमारी एकाग्र क्षमता को प्रभावित करता है।

  • ध्वनि प्रदूषण के कारण गर्भवती महिलाओं के व्यवहार में चिड़चिड़ापन आता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण कई बार गर्भपात की स्थिति बन जाती है। 

  • ध्वनि प्रदूषण हमारी मानसिक शांति को भंग करता है। 

  • यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या और और मानसिक तनाव के लिए जिम्मेदार होता है।

  • ध्वनि का स्तर 80 डीबी से 100 डीबी होने पर यह हमें बहरा बना सकता है।

  • तेज ध्वनि से पशुओं का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। इसके कारण वे अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं और हिंसक हो जाते हैं।

ध्वनि प्रदुषण से बचाव के उपाय - Dhwani Pradushan Se Bachne Ke Upay in Hindi

  • सरकार और आम लोगों के संयुक्त प्रयासों से ध्वनि व शोर की तीव्रता को कम कर ध्वनि प्रदूषण कम किया जा सकता है।

  • सड़क किनारे पौधारोपण कर पौधों की लंबी कतार खड़ी करके ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सकता है। हरे पौधे ध्वनि की तीव्रता को 10 से 15 डीबी तक कम कर सकते हैं। 

  • हॉर्न के अनुचित उपयोग को बंद कर ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है। 

  • प्रेशर हार्न पर रोक, इंजन व मशीनों की समय पर मरम्मत और एक बेहतर ट्रेफिक व्यवस्था के जरिए ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

  • निजी वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल ध्वनि प्रदूषण को कम कर सकता है। 

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