नॉर्मल डिलिवरी के लिए 15 टिप्स
किसी भी गर्भवती की डिलिवरी सामान्य होगी या सी सेक्शन इसके लिए बहुत से फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं। कई ऐसे काम हैं जो अगर किए जाएं तो सामान्य प्रसव हो सकता है। हालांकि ये सारे तरीके आपको 100 फीसदी आश्वस्त नहीं करते कि डिलिवरी नार्मल ही होगी।
आइए बात करते हैं ऐसे 15 टिप्स पर जिन्हें अपनाने के बाद नार्मल डिलवरी की संभावनी बढ़ सकती है।
1. ज्यादा से ज्यादा तनाव मुक्त रहें
नॉर्मल डिलीवरी चाहने वाली प्रेगनेंट महिलाओं को हर तरह के स्ट्रेस यानी तनाव से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए योग और मेडिटेशन सबसे अच्छे तरीके हैं। वैसे तनाव मुक्त रहने के लिए आप म्यूजिक यानी मनपसंद संगीत सुन सकती हैं। यदि किताबों में आपको रुचि है तो किताबें पढें या फिर कोई ऐसी गतिविधि जो आपके मन को सुकून देती हो और उसे एकाग्र करती हो।
2. अपनों का साथ
सभी गर्भवती महिलाओं को एक समस्या का सामना करना पड़ता ही है। वो है हार्मोनल अंसंतुलन जिसकी वजह से मूड स्विंग्स होते हैं। ऐसी स्थिति में अपनों का साथ, परिवार या फिर दोस्तों के साथ रहना गर्भवती महिला को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अपनों के साथ रहने पर स्ट्रेस कम होगा और नार्मल डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है।
3. जानकर बनें, नेगेटिव बातें न सोचें
गर्भधारण के समय महिलाओं को बहुत सी बातें सुनाई देती हैं। पहली बार गर्भवती महिलाओं के लिए जितनी मुंह उतनी बातें जैसी स्थिति होती है। ऐसे में प्रेगनेंट महिलाओ को डिलिवरी से जुड़ी सुनी-सुनाई बातों खासकर नेगेटिव बातों और किस्सों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए। किसी के अनुभव से अवधारणा नहीं बनानी चाहिए क्योंकि हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है। डिलिवरी और लेबर के बारे में सही जानकारी इक्ट्ठा करके ही फैसला करें।
4. सही डॉक्टर का चुनाव करें
कई बार ऐसा होता है कि कुछ डॉक्टर्स बहुत सी वजहों से सी-सेक्शन डिलिवरी कराने की सलाह देते हैं। ऐसे में प्रसूता के लिए सही डॉक्टर का चुनाव जरुरी है। नॉर्मल डिलिवरी की इच्छुक महिला के लिए ऐसी डॉक्टर जरुरी है जो सही जानकारी दे। महिला के शरीर के बारे में भी और महिला के भ्रूण के बारे में भी। किसी भी प्रसूत को अपनी डाक्टर से बात करनी चाहिए जिससे वो इस बात का पता लगा सके कि उस डाक्टर का नार्मल औ और सिजेरियन डिलिवरी कराने का अनुपात क्या है। ये सब पता करने के बाद ही डाक्टर को लेकर फैसला करना चाहिए।
5. वजन नियंत्रित रखें
गर्भावस्था में सामान्य तौर पर वजन बढ़ता ही है। लेकिन किसी भी प्रेगनेंट महिला का वजन बहुत ज्यादा बढ़ना उचित नही है। ज्यादा वजन होने से नॉर्मल प्रेगनेंसी होने की संभावना बहुत कम जाती है। मां का वजन बढ़ा हो तो वैसे भी प्रसव के समय दिक्कत आ सकती है। अगर प्रसूता को मोटापे की समस्या है तो बच्चे की डिलिवरी के समय बच्चे को बाहर आने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में सिर्फ वेट गेन से काम नहीं चलेगा आपको इस बात की सलाह किसी हेल्थ केयर विशेषज्ञ से लेनी होगी कि आपको कितना वेट गेन करना है।
6. एक्सर्साइज और मसाज
नार्मल डिलिवरी के लिए व्यायाम एक बहुत बड़ा फैक्सटर हो सकता है। नियमित व्यायाम और एक्टिव रहने से सामान्य प्रसव की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इसके लिए एक्सर्साइज और नियमित वॉक जरुरी है। हां ये भी उतना ही जरुरी है कि आप ये काम करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। प्रसव के सातवें महीने के बाद प्रसूता के निचले हिस्से की मालिश भी की जा सकती है। इससे डिलिवरी नार्मल होने के संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसके साथ ही डिलिवरी भी होने में आसानी होती है।
7. सारे पैरामीटर सही रखें
अगर गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हीमॉग्लोबिन ये सारी चीजें कंट्रोल में हों तो प्रेगनेंसी नार्मल होने के संभावना बहुत अधिक जाती है। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हीमॉग्लोबिन के कंट्रोल में ना होने से प्रेगनेंसी में कई तरह की दिक्कत हो सकती है। ज्यादा संभावना है कि इन समस्याओं को वजह से सी-सेक्शन डिलिवरी के लिए डाक्टर आपको सलाह दें।
8. स्वस्थ खाएं
नार्मल प्रेगनेंसी के लिए जरूरी है कि आप गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन करें। फल, सब्जियां, अनाज, लीन मीट, और डेयरी का स्वस्थ आहार जरुरी है। खाद्य पदार्थ में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन भरपूर मात्रा में होने चाहिए। इंद्रधनुष के रंगों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, खासकर गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां, केल, पालक और ब्रोकली। इसके साथ ही ब्लूबेरी, पपीता और साइट्रस आपकी प्लेट के इंद्रधनुष को पूरा करेंगे।
9. शुगर इंटेक कम करें
सामान्य प्रसव के लिए जरुरी है कि आप अपने कुल चीनी का सेवन कम करें। गर्भावस्था के दौरान ऑर्गन मीट और स्ट्रीट फूड से बचने की सलाह दी जाती है। इससे चीनी की मात्रा अधिक नहीं जाएगी। अच्छी तरह से खाने के अलावा, यह सुनिश्चित करें कि भ्रूण में विकसित हो रहे बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं। इनमें प्रीनैटल विटामिन भी शामिल हैं।
10. खुद को शिक्षित करें
सामान्य प्रसव के लिए प्रसूता का जानकार होना बहुत जरुरी है। इसके लिए आप किताबें पढ़ें जो प्रसव और प्रसव के दौरान क्या सावधानियां बरतनी हैं। अगर आप अपने डॉक्टर से अपनी चिंताओं के बारे में बात नहीं करेंगी तो समस्या और बढ़ सकती हैं। आप अपने डाक्टर से बात करें और उनसे इच्छा जताएं कि आप सामान्य प्रेगनेंसी की इच्छुक हैं।
11. पर्याप्त नींद लें
गर्भवती होने पर आपके शरीर को थकान महसूस होती है। इसे कम होने के लिए पर्याप्त नींद लेना और भी मुश्किल हो सकता है। स्लीप फाउंडेशन के अनुसार जिन महिलाओं को नींद संबंधी विकार होते हैं वो उनकी गर्भावस्था से बदतर हो जाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके शरीर को पर्याप्त आराम मिले। सामान्य , नींद की समस्याओं से निपटने के तरीके खोजें। सामान्य प्रसव के लिए ये जरूरी है।
12. भरपूर पानी पिएं
पानी आपके बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए गर्भावस्था और प्रसव के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है। ज़ोरदार व्यायाम और ज़्यादा गरम करने से बचने की कोशिश करें, क्योंकि उन चीज़ों के कारण आपको पसीने के ज़रिए ज़्यादा पानी की कमी हो सकती है। अगर आपको ज्यादा पसीना आ रहा है तो ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। सामान्य प्रसव के लिए यह महत्वपूर्ण कारक है।
13. कैफीन से बचें
सामान्य प्रसव के लिए आपको कैफीन का सेवन भी सीमित करना होगा। कैफीन का भ्रूण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे सामान्य प्रसव होने की संभावना घट जाती है।
14. श्वास तकनीक का अभ्यास
प्रसव की प्रक्रिया के दौरान, प्रसूता को समय-समय पर अपनी सांस रोककर रखने की आवश्यकता होती है। इसलिए, जितनी जल्दी हो सके सांस लेने के व्यायाम शुरू करना बेहतर होता है। बच्चे के विकास को बढ़ाने के लिए उचित और पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से ध्यान और गहरी साँस लेने के व्यायाम का अभ्यास करने से आप सही साँस लेने की तकनीक सीख सकते हैं जो सामान्य प्रसव की संभावना को बढ़ाता है।
15. प्रसवपूर्व कक्षाएं
प्रसवपूर्व कक्षाएं गर्भवती या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं और उनसे निपटने के तरीके के बारे में जागरूक करने में मदद करती हैं। इनके साथ ही आसान, कम कष्टदायक और शीघ्र प्रसव कराने के लिए कुछ व्यायाम सिखाए जाते हैं। इसलिए स्पष्ट मानसिकता के साथ प्रसव का सामना करने के लिए प्रसव और श्रम की प्रक्रिया के बारे में खुद को अच्छी तरह से शिक्षित करें। इससे सामान्य प्रसव में आसानी होगी