Olive Oil Massage - जैतून का तेल की मालिश
जैतून के तेल की काफी लोकप्रियता है, जाहिर है इसके लिए जैतून के तेल के विभिन्न गुण ही जिम्मेदार हैं। ये हमारी कई परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। बाजार से ऑलिव ऑयल लेते हैं समय तेल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि बाजार में कम गुणवत्ता वाले जैतून के तेल भी खूब बिकते हैं। सबसे अच्छा ऑलिव ऑयल उसे माना जाता है जो कोल्ड प्रेस्ड होता है। इसमें सबसे अच्छा स्वाद और गंध मौजूद होती है। जैतून के तेल की खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल आंतरिक और बाह्य दोनों तरीके से किया जा सकता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के साथ-साथ सुंदरता के लिए भी किया जाता है।
जैतून के तेल के प्रकार
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एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
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वर्जिन ऑलिव ऑयल
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प्योर ऑलिव ऑयल
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पोमेस ग्रेड ऑलिव ऑयल
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लैम्पेंट ऑयल
जैतून के तेल का उपयोग
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जैतून के तेल को खाना बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
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त्वचा, बाल या शरीर पर जैतून तेल से मालिश कर सकते हैं।
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जैतून तेल को सलाद के ऊपर टॉपिंग की तरह छिड़कर उसका सेवन कर सकते हैं।
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ब्रेड पर भी जैतून तेल लगाकर सेवन कर सकते हैं।
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जैतून के तेल को हेयर पैक और फेस पैक के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
जैतून के तेल के नुकसान
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अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो जैतून तेल के उपयोग से कील-मुहांसों की समस्या हो सकती है।
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अत्यधिक ड्राई स्किन वालों जैतून तेल नुकसानदायक हो सकता है।
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जैतून के तेल के अधिक इस्तेमाल से ब्लड शुगर लेवल पर प्रभाव पड़ सकता है।
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इससे एलर्जी की समस्या हो सकती है।
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अधिक उपयोग से ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है।
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गर्भवती महिला या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जैतून के तेल के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए।
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इसके ज्यादा सेवन से पेट संबंधी परेशानी हो सकती है।
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ऑलिव ऑयल कैलोरी से भरपूर होता है। इसके अत्यधिक सेवन से ह्रदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
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छोटे बच्चों पर जैतून तेल के उपयोग से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।
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इस तेल को घाव पर न लगाएं।
जैतून के तेल के फायदे
वजन घटाने में: ऑलिव ऑयल में मौजूद स्वस्थ मोनो सैचुरेटेड फैट, पेट की चर्बी और वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि सही मात्रा में इसका उपयोग किया जाए तो वजन आसानी से कम कर सकते हैं। मोटापे से बचने के लिए आपको रोजाना एक से दो चम्मच ऑलिव ऑयल का हर सुबह सेवन करना चाहिए।
सूजन के लिए: ऑलिव ऑयल में सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। विशेष रुप से लंबे समय से चले आ रहे सूजन को कम करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा यह तेल कैंसर, अल्जाइमर, ह्रदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी बीमारीयों को भी दूर कर सकता है।
बालों के लिए: जैतून के तेल में फैटी एसिड और कई सारे एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में होता है। इसमें मौजूद ये सभी तत्व, बालों के इलाज में काफी उपयोगी साबित होते हैं। इससे दो मुंह वाले बालों की समस्याओं का भी उचित समाधान होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में: ऑलिव ऑयल का उपयोग करने से आपके शरीर में कम घनत्व वाले लियोप्रोटीन या यूं कहें कि खराब कोलेस्ट्रॉल में काफी कमी आती है। इससे धमनियों में संकुचन पैदा हो सकता है। इसके उलट जैतून का तेल हमारे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी बढ़ाता है जो कि सुरक्षा भूमिका निभाता है। जैतून के तेल की सहायता से दिल मजबूत होता है और दौरा पड़ने की संभावना में कमी आती है।
कैंसर के उपचार में: जैतून के तेल में मौजूद पॉलीफाइनल एंटीऑक्सीडेंट्स सूजन कम करने के साथ कैंसर के जोखिम को भी कम करते हैं। इसके लिए आपको शुद्ध जैतून के तेल का एक से दो चम्मच रोजाना इस्तेमाल करना चाहिए।
चेहरे के लिए: ऑलिव ऑयल को त्वचा की नमी के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजर माना जाता है। इसमें विटामिन ए और ई के साथ ही फैटी एसिड भी पाया जाता है। इससे झुर्रियों का बनना रुकता है और चेहरे पर पड़ने वाली लाइंस भी नहीं बनती है।
उच्च रक्तचाप में: ऑलिव ऑयल की सहायता से आप बाई बीपी से राहत पा सकते हैं। इसके अलावा खाने में जैतून का तेल इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार आता है। इससे रक्तचाप की समस्या भी दूर होती है।
हड्डियों की मजबूती के लिए: जैतून के तेल की मालिश करने से आपके शरीर की हड्डियों मैं मजबूत होती हैं। ऑलिव ऑयल के इस्तेमाल से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है। इसलिए हड्डियों के स्वस्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसका इस्तेमाल करें।
दिमाग के लिए: जैतून के तेल के नियमित इस्तेमाल से संज्ञानात्मक जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही दिमाग में होने वाली परेशानियों जैसे अल्जाइमर डिमेंशिया को दूर करने में भी इसकी भूमिका होती है। इसके अलावा ये डिप्रेशन के खतरे को कम कर सकता है।
डायबिटीज के उपचार में: शुद्ध जैतून के तेल का इस्तेमाल हम डायबिटीज में भी कर सकते हैं। यह शुगर को नियंत्रित करके इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही जैतून का तेल ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी बनाए रखने में मददगार है।