Ovary Health: जानिए वो बातें जो आपकी ओवरी और आपके लिए जरुरी हैं!
सेहत की बात जब भी होती है तो हम दिल, दिमाग, लिवर, किडनी, रक्त, हार्मोंस के बारे में सोचते हैं। क्या आपने कभी अपने सबसे महत्वपूर्ण अंग के बारे में सोचा है। हम बात कर रहे हैं महिलाओं के लिए सबसे जरुरी अंग ओवरी की। बहुत कम महिलाएं ही अपनी ओवरी के बारे में, उसकी सेहत के बारे में, उससे जुड़े तथ्यों के बारे में परवाह करती हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि भारत में ओवरी और सेक्स एजुकेशन को लेकर एक पर्दादारी है। ये बात और है कि अब इसे टैबू नहीं माना जाता पर इस पर उस तरह से खुलकर चर्चा भी नहीं होती है। इस लेख में हम महिलाओं के सबसे महत्वपूर्ण अंग ओवरी और उससे जुड़ी कुछ जरुरी बातों पर विमर्श करने वाले हैं।
समय समय पर बदल सकता है ओवरी का आकार
युवा महिला में औसत ओवरी का आकार 3.5 सेमी x 2.5 सेमी x 1.5 सेमी होता है। कई बार यह भ्रांति होती है कि ओवरी का आकार पूरे जीवन भर एक ही होता है। यह सच नहीं है! वास्तविकता यह है कि मीनोपॉज के बाद, अंडों की घटती संख्या और हार्मोन के स्तर में कमी के कारण ओवरी सिकुड़ भी सकती है। ऐसे में पोस्टमेनोपॉज़ल ओवरी का औसत आकार 2 सेमी x 1.5 सेमी x 1 सेमी या उससे छोटा हो सकता है। इसके अलावा जब ओवरी अंडे रिलीज करती है तो इसका आकार 5 सेंटीमीटर तक बढ सकता है।
अंडाशय हार्मोन उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
यह तो हम सभी लोग जानते हैं कि हमारे स्वस्थ जीवन के लिए हार्मोस की, उनके संतुलन की बहुत अधिक आवश्यकता है। लेकिन बहुत से लोग ये नहीं जानते हैं कि ओवरी से भी हार्मोन रिलीज होते हैं। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन, दो सबसे जरूरी महिला सेक्स हार्मोन, अंडाशय में उत्पन्न होते हैं। महिला के शरीर में सेहत कैसी है इसके आधार पर ओवरी इन हार्मोनों के विभिन्न स्तरों पर रिलीज करती है। उदाहरण के लिए ओव्यूलेशन के बाद,प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ता है, जिससे एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की परत) मोटी होती है। यदि गर्भावस्था होती है, तो ओवरी अतिरिक्त अंडों को निकलने से रोकने के लिए अधिक एस्ट्रोजेन बनाते हैं, और गर्भाशय के संकुचन को रोकने के लिए अधिक प्रोजेस्टेरोन बनाते हैं जो नई गर्भावस्था को बाधित कर सकते हैं।
ओवरी को स्ट्रेस से पड़ता फर्क
तनाव आपके शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है। ओवरी भी इसका अपवाद नहीं है। उदाहरण के लिए जब कोई महिला बहुत अधिक तनाव में हो तो उसे पीरियड्स मिस हो सकते हैं। पीरियड्स मिस होने के बावजूद उसका प्रेगनेंसी टेस्ट निगेटिव आता है। यह स्थिति बहुत ज्यादा तनाव की वजह से हो सकती है। एक बार जब आपका तनाव का स्तर कम हो जाता है, तो पीरियड्स का चक्र जल्दी से सामान्य हो जाता है।
ओवेरियन सिस्ट आम हैं
कई महिलाएं ओवेरियन सिस्ट को पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस) की स्थिति से जोड़ती हैं, बिना यह महसूस किए कि ओवरी सिस्ट वास्तव में काफी आम हैं! वास्तव में, अधिकांश महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार ओवेरियन सिस्ट का सामना करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश सिस्ट गंभीर नहीं होते हैं और बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं। इन सिस्ट को फंक्शनल या सिंपल सिस्ट कहा जाता है। ये सिस्ट आपके अंडाशय में फॉलिकल्स से बनते हैं। ये जरुर है कि ये सिस्ट पीड़ादायक हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर गंभीर नहीं होते हैं।
मुँहासे का है ओवरी से संबंध
चूंकि हार्मोनल संतुलन में ओवरी की इतनी बड़ी भूमिका होती है ऐसे में ओवरी हार्मोनल रूप से संचालित शारीरिक समस्याओं के पीछे का कारण भी बन सकती है। जानकार मानते हैं कि पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम जैसी कुछ स्थितियों में, एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन का हार्मोन संतुलन वास्तव में और स्थाई तौर पर बदल जाता है। अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन लक्षण जैसे मुँहासे, आमतौर पर बालों का विकास (जैसे पुरुषो को होता है), और वजन में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।यदि ऐसी स्थिति हो डॉक्टर से मिलना चाहिए वो इस असंतुलन को ठीक करने की दवा लिख सकते है जो इसे नियंत्रण में लाने में मदद करेगा।
ओवरी को प्रेगनेंसी पिल्स क्यूं पसंद हैं?
जन्म नियंत्रण - विशेष रूप से गोली के एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन वर्जन शुरू होने के कुछ ही महीनों के भीतर ओवरी के कैंसर के आपके जोखिम को कम कर सकते हैं। जानकार बताते हैं कि बीआरसीए 1 या बीआरसीए 2 जीन म्यूटेशनन (जो आपको डिम्बग्रंथि के कैंसर के लिए उच्च जोखिम में डालते हैं) के वाहक हैं, जो इस तरह की प्रेगनेंसी पिल्स की वजह से महिलाओं में जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जन्म नियंत्रण की बेहद प्रभावी भूमिका निभाने वाली गोलियां ओवेरियन कैंसर के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकती हैं। हां ये बात ध्यान देने वाली है कि ओवरी की सेहत पर असर बर्थ कंट्रोल पिल्स समान्य पिल्स से पड़ता है, ना कि एमर्जेंसी पिल्स से। यानी फायदा बर्थ कंट्रोल पिल्स से होता ना है कि अबॉर्शन पिल्स से।