पाचन शक्ति को बढ़ाने के उपाय - Pachan Shakti Ko Badhane Ke Upay!
हमारे शरीर में कई समस्याएं पाचन शक्ति के उचित काम न कर पाने से भी उत्पन्न हो जाती हैं. आयुर्वेद के अनुसार भोजन को पचाने के लिए हमारे शरीर में पाचन अग्नि होती है जिसको पाचन ऊर्जा भी कहते हैं. अक्सर हमलोग बिना किसी परेशानी के पाचन आदि पर ध्यान नहीं देते जिसके कारण हमारी पाचन शक्ति कमजोर पद जाती है. कमजोर पाचन अग्नि खाने के बाद थकान की समस्या पैदा करती है. हमें हमें अपनी पाचन ऊर्जा को नियमित करने के लिए भोजन करने से पहले ताजे अदरक और थोड़े नींबू के रस में एक चुटकी नमक मिलाकर लेना चाहिए. इससे लार ग्रंथियाँ सक्रिय होती हैं और हमारे भोजन से पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है. जिससे कि आवश्यक एंजाइम आसानी से बन जाते हैं. आयुर्वेद में इस बात का उल्लेख है कि पाचन अग्नि को संतुलित करते रहना बेहद जरूरी है यदि हमारी पाचन ऊर्जा कम होती जाएगी तो खाने को पचाना मुश्किल हो सकता है. लेकिन यदि पाचन अग्नि प्रचुर मात्रा में होती है तो यह भोजन जला देती है. आइए पाचन शक्ति को बढ़ाने के उपायों को जानें.
1. आयुर्वेदिक दवा त्रिफला-
कोलन को विषमुक्त करने में त्रिफला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. दरअसल त्रिफला एक ऐसा शक्तिशाली फार्मूला है जो तीन जड़ी बूटियों आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी के मिश्रण से बना हुआ है. इसका उपयोग हमलोग पोषक तत्वों के अवशोषण में भी वृद्धि करने के लिए करते हैं. ये हमारे पेट से तमाम विषाक्त पदार्थों को साफ करने में बहुत उपयोगी है. यह हमारे शरीर से धीरे-धीरे शरीर विषाक्तता को दूर करके पाचन को तीव्र करती है. इसके लिए त्रिफला की तीन गोलियाँ या एक चम्मच पाउडर सोने से पहले पानी के साथ सेवन करनी चाहिए.
2. खाने का मज़ा लें-
जब भी खाना खाएं बहूत उत्साह से और खाने पर ध्यान केन्द्रित करके खाएं. क्योंकि खाना हमें जीवन देता है. आयुर्वेद के अनुसार खाना हमारी चेतना के विकास के साथ ही हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरुरी है. यदि आप नीचे बैठकर खाएंगे तो ये उचित होता है. जब हम नीचे बैठ कर खाना खाते हैं तो हमारा पेट सुकून की मुद्रा में रहता है और हमारा सारा ध्यान खाने के स्वाद, खाना कैसा बना हुआ है और भोजन की सुगंध पर रहता है जो हमारे पाचन में काफी सुधार करता है. इसे आजमा कर देखना बेहद आसान भी है.
3. खाने के बाद लें दही या लस्सी-
खाने को ठीक से हजम करने के लिए खाना खाने के बाद दही या लस्सी का सेवन एक प्रभावी तरिका है. इससे खाना तो बेहतर तरीके से पच ही जाता है हमें कई अन्य पोषक तत्व भी मिल जाते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं. इसके अलावा पाचन स्वास्थ्य को सुधारने में दही को सबसे अच्छा उपचार माना जाता है. लस्सी में हलके और आवश्यक बैक्टीरिया होते हैं जो खाने को सुचारू रूप से पचाने में मददगार होते हैं.
4. खाना सुकून से खाएं-
हम में से कई व्यक्ति दोपहर का भोजन मल्टीटास्किंग करते हुए मतलब यातायात में ड्राइविंग हुए, काम करते हुए मेज पर या फिर खड़े-खड़े ही खाने लगते हैं क्योंकि हमारे पास समय का अभाव होता है. आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर को भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में उचित वातावरण की जरूरत होती है. इसलिए खड़े-खड़े, ड्राइविंग करते हुए, रस्ते पर चलते-चलते भोजन नहीं करना चाहिए. अगर आप के पास समय का अभाव है, फिर भी आप को बैठ कर ही भोजन करना चाहिए.
5. सही समय पर खाएं सही चीज-
आजकल हमलोग अक्सर अनुचित तरीके से भोजन करने के दुष्प्रभाव देखते हैं. यदि आप इसके दुष्प्रभावों से बचना चाहते हैं तो आपको उपयुक्त समय और प्रकृति के लय का पालन करते हुए भोजन करना चाहिए. दोपहर का भोजन हमें 12 से 2 बजे तक कर लेना चाहिए. इस समय हमारी पाचन ऊर्जा मजबूत होती है. दोपहर के भोजन का सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि उस समय हमारी पाचन ऊर्जा अधिक शक्ति से काम करती है. रात का खाना दोपहर के भोजन की तुलना में हल्का होना चाहिए और हमें रात 8:00 बजे तक भोजन का सेवन कर लेना चाहिए. रात 10:00 बजे के बाद हमारा शरीर विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने का काम करता है. इसलिए रात 10:00 बजे के बाद भोजन करने से विषाक्त पदार्थ भोजन प्रणाली में जमा हो जाते हैं जिसकी वजह से अगले दिन हम थकान महसूस करते हैं.