पाचन तंत्र के रोग - Pachan Tantra Ke Rog!
पाचन तंत्र हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जो हमारे द्वारा ग्रहण किए गए सभी खाद्य पदार्थों को पचाने का काम करता है. पाचन संबंधी एक गंभीर रोग है. यह ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का एसिड वापस आपकी फ़ूड पाइप (एसोफेगस) में प्रवाहित हो जाता है. यह एसिड फ़ूड पाइप की लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है और पाचन तंत्र के रोग का कारण बन सकता है. विभिन्न लोगों को एसिड के उल्टा प्रवाह और सीने में जलन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जब ऐसे लक्षण सप्ताह में दो बार दिखाई दें या आपकी फ़ूड पाइप को नुकसान पहुंचे तो आपको पाचन तंत्र के रोग हो सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पाचन तंत्र के रोग पर एक नजर डालें ताकि इस विषय में जागरूकता फैल सके.
पाचन तंत्र के रोग के प्रकार-
पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार के बिमारियों के समूह को डाइजेस्टीव डिसऑर्डर या पाचन रोग कहा जाता है. लिवर, पेट, पित्ताशय, पैनक्रियाटिक, छोटी आंत और कोलन से जुड़ी समस्याओं को पाचन तंत्र के रोग के नाम से जाना जाता है. पाचन तंत्र के रोगों में कब्ज, पाइल्स, एनल फिशर, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, पेट में छाले, अल्सरेटिव कोलाइटिस, गर्ड या एसिड भाटा रोग, गाॅलस्टोन , सीलिएक रोग, क्रोन रोग आदि प्रमुख हैं.
पाचन तंत्र के रोग के लक्षण-
कुछ ऐसे लक्षण हैं जो पाचन तंत्र की बीमारी का संकेत देते हैं जैसे दस्त, कब्ज, पाचन प्रणाली से खून आना, रिगर्जिटेशन और निगलने में कठिनाई आदि. पाचन प्रणाली की बीमारी के सामान्य व गंभीर लक्षणों को समझना जरूरी होता है, ताकि आप डॉक्टर को इनके बारे में ठीक से बता सकें. पाचन रोग का परीक्षण गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (पेट संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर) द्वारा की जाती है. स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर खून टेस्ट, एक्स रे और एंडोस्कोपी जैसे टेस्ट करवाने का सुझाव भी दे सकते हैं. पाचन तंत्र की बीमारी के इलाज में कुछ प्रकार की दवाएं संयोजन करके दी जाती हैं और मरीज की जीवनशैली में कुछ प्रकार के बदलाव किए जाते हैं. पाचन तंत्र रोग से होने वाली कुछ समस्याएं अधिक परेशान करने वाली नहीं होती, लेकिन अन्य समस्याएं गंभीर हो सकती हैं और अगर इनको बिना उपचार किये छोड़ दिया जाए तो ये जीवन के लिए घातक हो सकती है. पाचन तंत्र रोग से पैदा होने वाले लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं क्योंकि वे पाचन तंत्र रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं.
पाचन तंत्र के रोग से होने वाले कुछ आम लक्षण:
1. पेट फूला हुआ लगना या पेट में गैस बनना
2. उल्टी और मतली
3. सीने में जलन
4. भोजन वापिस बाहर निकल आना
5. दस्त, कब्ज या मल त्याग करने के समय में कुछ बदलाव होना
6. खाना खाने से पहले और बाद में पेट में दर्द महसूस होना
7. जीवन के शुरुआती उम्र में, बीच के उम्र में या वृद्ध होने पर अपच होना
8. निरंतर वजन घटना
9. मल में ब्लड का आना या बलगम और ब्लड दोनों आना
10. मल त्याग करने के दौरान दर्द होना
11. पेट संबंधी किसी भी प्रकार के लक्षण के साथ थकावट, सुस्ती या अस्वस्थ महसूस होना
12. निगलने में कठिनाई व दर्द होना
13. भूख का कम लगना
14. काले रंग का मल आना
पाचन तंत्र के रोग का कारण
भोजन संबंधी आदतें जो कब्ज का कारण बन सकती हैं: -
1. बहुत ज्यादा मीठा और फैटी फूड खाना
2. निम्न मात्रा में फाइबर वाले आहार का सेवन करना
3. भोजन में पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ का मौजूद न होना
4. स्मोकिंग, शराब, चाय, कॉफी आदि का सेवन करना
गाॅलस्टोन: -
गाॅलब्लैडर एक तरल पदार्थ का निर्माण करता है जिसे गाॅलजूस कहते हैं, गाॅलजूस बॉडी में कोलेस्ट्रॉल को पचाने का काम करता है. गाॅलब्लैडर में पथरी पैदा करने वाले कारण का अभी स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है. यदि गाॅलब्लैडर से गाॅलजूस के फ्लो में किसी प्रकार की बाधा हो रही है या फिर गाॅलजूस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ गई है तो गाॅलब्लैडर में स्टोन बनने लग सकती है. पित्ताशय में पथरी निम्लिखित कारणों से भी हो सकती है-
1. परिवार में पहले किसी को गाॅलब्लैडर में पथरी होना
2. शरीर का तेजी से वजन कम होना
3. लिवर से संबंधित किसी प्रकार का बीमारी होना
4. अधिक फैटी फूड खाना
5. अधिक कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन खाना
6. नियमित रूप से ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना जिनमें फाइबर कम हो
पेट में अल्सर: - पेट में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होना या फिर बार-बार एस्पिरिन, ईबूप्रोफेन व अन्य सूजन व जलन की रोकथाम करने वाली दवाएं के सेवन से भी पेट में अल्सर हो सकता है जो पाचन रोग का कारण बनता है.
कब्ज: - यह आमतौर पर अनुचित डाइट और सुस्त लाइफस्टाइल के कारण होती है.
एसिड भाटा रोग (GERD): - जब आप कुछ निगलते हैं तो स्फिंक्टर कमजोर पड़ जाते हैं या अनुचित तरीके से काम करने लग जाते हैं तो कई बार बिना किसी वजह से खुल जाते हैं जिससे पेट के अंदर के अम्लीय पदार्थ वापस भोजन नली में आ जाते हैं. ये अम्लीय पदार्थ भोजन नली की परत में जलन पैदा कर देते हैं इस स्थिति को एसिड भाटा रोग कहा जाता है. कई बार इस स्थिति में भोजन नली में में सूजन व लालिमा भी हो जाती है. कुछ स्थितियां मोटापा, गर्भाव,स्था सिगरेट पीना, शराब, अधिक मात्रा में चाय और कॉफी आदि हैं जो एसिड भाटा रोग के विकसित होने की आशंका को बढ़ा देती हैं.
पाइल्स: - नसों में सूजन आने से गुदा के आस-पास के क्षेत्र में दबाव बढ़ जाता है, जिसे बवासीर कहा जाता है. बवासीर होने के कारण हैं – मोटापा, गर्भावस्था, टॉयलेट में लंबे समय बैठा रहना, लंबे समय से दस्त या कब्ज होना, मल त्याग करने के दौरान अधिक जोर लगाना, कम फाइबर वाले आहार खाना.
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD): - इस रोग में आपके पाचन तंत्र में सूजन, लालिमा और जलन पैदा हो जाती है. अल्सरेटिव कोलाइटिस क्रोन रोग
इम्यून सिस्टम से जुड़े विकार: - जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के अंदर संक्रमण फैला रहे वायरस और बैक्टीरिया से लड़ती है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली में कोई विकार होने पर वह पाचन तंत्र की स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट करने लग जाती है.
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम: - जब मल त्याग करने के लिए मांसपेशियां पूरी तरह से संकुचित ना हो पाएं तो इस स्थिति को इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम कहा जाता है.