Peach (Aadu) Benefits and Side Effects in Hindi - आड़ू के फायदे और नुकसान
आड़ू एक व्यापक रूप से लोकप्रिय स्वादिष्ट और रसदार फल है. आड़ू की खेती सबसे पहले चीन में की गई थी लेकिन आड़ू अब पूरी दुनिया में उगाया जाता है. स्वादिष्ट होने के अलावा यह फल विटामिन्स, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और विभिन्न अन्य रासायनिक सामग्री का एक समृद्ध स्रोत भी है. भारत में आडू की खेती हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और उत्तराखण्ड में की जाती है. आड़ू लाल या पीले रंग के होते हैं और इनका गूदा सफेद या हल्का पीला होता है.
1. वजन कम करने में
आड़ू वसा रहित होने के कारण वजन कम करने में काफी सहायक होता है. इसमें औसतन 68 कैलोरी और चीनी की प्राकृतिक उच्च मात्रा होती है. इसलिए इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है. यदि आप वजन घटाने के लिए तत्पर हैं, तो डेली फास्ट फ़ूड की बजाए आड़ू का सेवन शुरू कर दीजीए.
2. पाचन के लिए बेहतर
बेहतर पाचन के लिए आड़ू अपनी उच्च फाइबर और पोटेशियम सामग्री के कारण बृहदान्त्र, गुर्दे, पेट और लिवर से जहरीले पदार्थों को दूर करने में सहायक है. आड़ू पाचन में भी बेहद आसान होते हैं इसलिए इसके सेवन से पेट कब्ज आदि समस्याओं से भी बचा जा सकता है.
3. एनीमिया के उपचार में
हमारे खून में लोहे की कमी से भी एनीमिया जैसी बीमारी उत्पन्न हो सकती है. आडू में लोहे की भरपूर मात्रा पाई जाती है. दरअसल लोहा हिमोग्लोबिन के उत्पादन में मदद करता है इसलिए इसका सेवन एनीमिया में सहायक है.
4. गर्भावस्था के दौरान
गर्व्हावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस दौरान आँतों से अपशिष्ट पदार्थों के बाहर न निकलने से भी परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं. आड़ू फाइबर की भरपूर मात्रा इस परेशानी को दूर करने में सहायक है.
5. आंखों के लिए
आँखें हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग हैं. आडू में पाया जाने वाला बीटा-कैरोटीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट आंखों के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है. यही नहीं आडू में विटामिन ए और सी भी पाया जाता है. जिससे कि दृष्टि में सुधार होता है.
6. त्वचा के लिए
इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए और सी भी त्वचा के लिए काफी लाभदायक हैं. जहाँ विटामिन ए त्वचा के नमी और बनावट में सुधार करता है वहीँ दुसरी ओर विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करके फ्री रेडिकल्स को ख़त्म करता है. जिससे कि त्वचा में चमक आती है.
7. कैंसर के उपचार में
आड़ू में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, कैंसर सेल की वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं. इनकी भूमिका फेफड़े, कोलन और मौखिक कैंसर के खिलाफ शरीर की रक्षा करने में भी देखी जाती है. इसके अलावा आड़ू में फीनॉलिक एसिड भी पाया जाता है जो कि सामान्य कोशिकाओं को हानि पहुचाएँ बिना ब्रेस्ट कैंसर सेल लाइन्स को बढ़ने से रोकते हैं.
8. कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रित में
आड़ू का नियमित सेवन इसे कोलेस्ट्राल के नियंत्रण में भी सहायक बनाती है. जाहिर है कोलेस्ट्राल के नियंत्रण से शुगर की सम्भावना में भी कमी आती है. इसमें फीनोलिक यौगिक भी होते हैं जो कि कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या एलडीएल, कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को बाधित करते हैं. इसके अतिरिक्त इसमें बीटा-कैरोटीन भी होता है जो रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल स्तर को घटाता है.
9. हृदय के लिए
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आड़ू हमारे हृदय से मुक्त कणों को नष्ट करता है. इसमें जैव-सक्रिय यौगिक भी होते हैं जो कि मेटाबोलिक सिंड्रोम से लड़ने में मदद करते हैं. इससे सूजन, मोटापा और हृदय की समस्याओं की संभावना कम होती है. इसमें पाए जाने वाले खनिज पदार्थ रक्तचाप को भी नियमित करने में सहायक हैं. जिससे कि दिल के दौरे के खतरे में भी कमी आती है.
10. गठिया के उपचार में
इसमें सूजन को कम करने वाले रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. आड़ू में मौजूद उच्च विटामिन ए भी गठिया के इलाज में मददगार है. गठिया के मरीज इसका सेवन करके अपनी परेशानी कम कर सकते हैं.
आड़ू के नुकसान
- कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है. आड़ू एलर्जी के लक्षण लोगों के बीच अलग-अलग होते हैं, लेकिन इनमें मुंह, जीभ या होंठों में लाली या सूजन शामिल हो सकते हैं.
- आड़ू के अधिक सेवन से पेट में दर्द, साँस लेने में समस्या, दस्त, चक्कर आना, मतली आदि हो सकती है.