पेनिस के रोग - Penis Ke Rog!
पुरुषों के जननांग को अंग्रेजी में पेनिस कहते हैं. दरअसल ये हमारे शरीर में एक ग्रंथि है जो कि मूत्राशय की गर्दन को चारों तरफ से घेरे रहती है और इसके ठीक बीच से होकर मूत्र नली निकलती है. इस पूरे ग्रंथि को पुरुषों का पेनिस कह कर संबोधित किया किया जाता है. पुरुषों के पेनिस में कई तरह की समस्याएं और बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं. इसके कई कारण होते हैं हालांकि इससे संबंधित परेशानियां 50 साल की उम्र के बाद बहुत बढ़ जाते हैं. पुरुषों के पेनिस में होने वाले कुछ आम समस्याएं पुरुषस्थ ग्रंथि का बढ़ जाना, सूजन या इसमें कैंसर हो सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पुरुषों के पेनिस के रोग, कारण और उसके उपचार के बारे में जानें ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके.
पुरुषों के पेनिस में रोग का कारण-
पुरुषों की पेनिस में समस्याओं का प्रमुख कारण हर्मोन में पैदा होने वाला असंतुलन है. उम्र अधिक हो जाने के कारण भी कई बार पुरुषस्थ ग्रंथि में सूजन, जलन और जीवाणुओं का संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा विभिन्न कारणों की वजह से मूत्रमार्ग में पत्थरी का बनना, पेशाब का वापस लौट जाना, संभोग द्वारा प्राप्त संक्रमण, ग्रंथि का कैंसर, अनुवांशिक कारण और इसी तरह के कई अन्य कारण पेनिस में होने वाले रोगों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
कैसे हैं इसके लक्षण?
पुरुषों के पेनिस में होने वाली समस्याओं भैया रोगों के कई लक्षण भी नजर आने लगते हैं. लक्षणों के नजर आने पर हमें इसके उचित उपचार के बारे में सोचना चाहिए. यह लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं - अंडकोष का आकार बढ़ जाना, पेशाब का रंग लाल हो जाना, पेशाब का धीरे धीरे निकलना, कमर के निचले भाग में हल्का हल्का दर्द होना, जोर लगाने पर भी पेशाब कर ठीक से न निकलना, पेशाब का अपने आप निकल जाना, रात को बार बार पेशाब के लिए उठना और पेशाब का कुछ देर तक लिए रुक जाना फिर आने लगना आदि. इन कारणों के अतिरिक्त कुछ और कारण जैसे मूत्र नली में कंपकंपी, जलन, दर्द, बुखार आदि जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं. इस प्रकार के किसी भी कारण का पता चलने पर आपको तुरंत किसी चिकित्सक से उचित परामर्श लेना चाहिए ताकि समस्या से समय रहते निपटा जा सके.
क्या है इसका उपचार?
1. करें उचित सफाई: - जाहिर है कि यह साफ सफाई से जुड़ी समस्या है. इसलिए आपको अपने पेनिस की साफ़-सफाई पर उचित ध्यान देना चाहिए. कई बार आपकी पेनिस की चमड़ी के नीचे सफ़ेद मक्खन जैसा पदार्थ जिसे स्मेगमा कहते हैं, एकत्रित हो जाता है. स्मेगमा के कारण संक्रमण का खतरा रहता है. इससे बचने के लिए रोजाना नामक मिले पानी से अपने पेनिस को धोना चाहिए जिससे स्मेगमा दूर हो जाए और आपकी चमड़ी पर
जीवाणु और फंगस मर जाएं.
2. संवेदनशीलता का रखें ध्यान: - पेनिस की संवेदनशीलता को देखते हुए आपको उस स्थान पर तीव्र रसायन युक्त जेल, साबुन, लोशन, पाउडर आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही हमेशा नहाने के बार पेनिस को अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए.
3. समस्या आने पर लेते रहें उचित सलाह: - संभोग के बाद समस्याएं आने पर अपने पार्टनर का इलाज करवाएं. क्योंकि हो सकता है कि आपके पार्टनर के गुप्तांग में किसी प्रकार का फंगल इन्फेक्शन हो जिसके कारण आपको भी परेशानी हो रही हो.
4. जरूरी है चेकप: - रक्त चाप और शुगर का लेवल भी चेक करा लेना चाहिए. क्योंकि कई बार इसके कारण भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
5. डॉक्टर का सलाह है महत्वपूर्ण: - डॉक्टर इस केस में अकसर रोगी को पहले खुजली दूर करने वाली क्रीम, एंटीबायोटिक, या एंटी फंगल दवा लिखता है. कभी कभी डॉक्टर स्टेरॉयड युक्त क्रीम भी लगाने की सलाह भी देता है.
6. आप इस स्तिथि में सिरके और पानी का घोल या नमकीन पानी इस्तेमाल करके सामान्य सुजन और लाल दानों को कम कर सकते हैं. इसके अलावा जानकार लोग इस स्तिथि में अदरक, दही, नारियल का तेल और लहसुन ज्यादा खाने के सलाह देते हैं ताकि आपका रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत बने और आपके शरीर को इस रोग से लड़ने की शक्ति मिले. एलोवेरा के ताजे रस को पेनिस पर दिन में 2-3 बार लगाना भी इसका एक प्रचलित घरेलु ट्रीटमेंट माना जाता है. अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.