Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Jun 07, 2023
BookMark
Report

पीरियड्स के दर्द से राहत पाने की 10 टिप्स

Profile Image
Dr Shalini M AGynaecologist • 9 Years Exp.MBBS, MS
Topic Image

पीरियड्स का समय अधिकतर महिलाओं के लिए दर्द भरा अनुभव होता है। इस दौरान गर्भाशय अपने उपर जमी परत को छोड़ता है। इसी दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों में होने वाले संकुचन की वजह से महिलाओं को अकसर पेट दर्द ,पीठ में अकड़न जांघों और कमर में खिंचाव और तेज़ दर्द होता है। किसी किसी को सिरदर्द और पैरों में सूजन जैसी कई अन्य दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। बहुत सी महिलाओँ का यह समय बिना पेनकिलर लिए पार ही नहीं हो पाता। अगर आप भी ऐसी ही परेशानियों से पीड़ित रहती हैं तो इनसे छुटकारा पाने के लिए आज़माएं नीचे दिए गए कुछ कारगर टिप्स—

1. हीटिंग पैड या गर्म पानी से करें सिंकाई

आपके पेट दर्द, कमर दर्द और पीठ दर्द की समस्या में सिंकाई से काफी राहत मिलेगी। दरअसल आपकी मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन सिंकाई के दौरान गर्माहट पाकर रिलैक्स हो जाती हैं और आपको दर्द से फौरन राहत महसूस होती है। सिंकाई के लिए आप घर में मौजूद हीटिंग पैड या फिर गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इतना ही नहीं आप चाहें तो गुनगुने पानी से स्नान करके भी इन तकलीफों में आराम पा सकती है। पीरियड्स के दौरान घर से बाहर या ऑफिस में हों तो हीटिंग पैच साथ में रखें जिसका इस्तेमाल आप कहीं भी कर सकती हैं।ये पैच काफी पतले होते हैं और इन्हें आसानी से पेट पर चिपकाया जा सकता है।  

2. पीरियड्स के लिए विशेष दर्द निवारक का ही प्रयोग करें

पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प कभी कभी तमाम कोशिशों के बाद भी कम नहीं होते। ऐसे में दर्द बर्दाश्त के बाहर हो तो दर्द निवारक लेना ही पड़ता है। पर मासिक धर्म में होने वाले दर्द के लिए कोई भी आम दर्द निवारक लेना ठीक नहीं। बाज़ार में कई ऐसे पेन किलर मौजूद हैं जो पीरियड्स के दर्द पर ही फोकस करके आपको राहत दिला देते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से ऐसे पेन किलर के बारे में जानकारी लें जो खासतौर से पीरियड्स के लिए ही बाज़ार में मौजूद हों। 

3. व्यायाम

अकसर पीरियड्स के दौरान हम दर्द की वजह सा सामान्य गतिविधियां रोक देते हैं। जैसे वॉक पर जाना, योग करना औऱ व्यायाम करना। छात्राएं कई बार स्कूल कॉलेज तक जा पाने में असमर्थ होती हैं। पर विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप मासिक धर्म के दौरान सक्रिय रहें तो दर्द से राहत मिलती है। जानकारों का दावा है कि पीरियड्स में हल्का फुल्का व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज़ होते हैं। ये आपकी दर्द महसूस करने की क्षमता को ब्लॉक कर देते हैं जिससे ये दर्द से राहत दिलाने में कारगर होते हैं। इसलिए अगर आप मासिक चक्र के दौरान पीड़ा में हैं तो भी सूक्ष्म योग, वॉक और थोड़ा व्यायाम करती रहें। साथ ही अपनी सामान्य दिनचर्या को भी बनाए रखें।

4. तनाव भी है पीरियड्स में दर्द के लिए जिम्मेदार

 कई बार आपने मन मस्तिष्क में बैठा तनाव भी आपके पीरियड्स के दर्द को बढ़ा देता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि तनाव कम से कम लें। खुद की काउंसलिंग करें, ज़रूरत हो तो दोस्तों या फिर किसी अनुभवी की मदद लें। तनाव दूर करने में योग भी सहायक होता है। इसलिए इसका सहारा भी लिया जा सकता है। साथ ही मेडिटेशन यानी ध्यान लगाना तनाव कम करने का रामबाण उपाय है। इसलिए कोशिश करें कि मन को शांत करने के लिए कुछ देर मेडिटेशन करें और गहरी गहरी सांसे लें । इससे आपको दर्द में राहत का अनुभव होगा।

5.  आयरन ,विटामिन और मिनरल्स युक्त भोजन करें

 अगर आप पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाना चाहती हैं तो संतुलित आहार लें। ऐसा करने से आपके शरीर को मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत मिलेगी। कोशिश करें कि आपके भोजन में विटामिन्स  और मिनरल्स भरपूर हों क्योंकि ये मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में सहायक होते हैं। विशेष रूप से विटामिन बी 1 और मौग्नीशियम पीरियड्स के दर्द को कम करने की खास क्षमता रखते हैं ।आयरन आपके शरीर में खून की मात्रा बढ़ाता है जिससे आपको क्रैम्प्स में काफी राहत मिल सकती है।

विटामिन बी1 और मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों की बात करें तो इनसे भरपूर चीजों में शामिल हैं:

  • साबुत अनाज
  • फलियां, जिनमें सेम, दाल और छोले शामिल हैं
  • पालक
  • फूलगोभी
  • गोभी
  • एवोकाडो
  • एस्परैगस
  • संतरे
  • चुकंदर
  •  गाजर

6- पानी भरपूर पिएं

पीरियड्स के दौरान ऐंठन और पैरों में होने वाली सूजन बहुत कष्टदायक होती है। इससे बचने के लिए पानी भरपूर मात्रा में पिएं। विशेषज्ञों के मुताबिक दिन भर में कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए। हो सके तो दिन भर में 2 से 3 गिलास गुनगुना पानी भी पीना चाहिए। इससे पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन कम होती है। पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह भी बढ़ता है जिससे दर्द में राहत मिल सकती है

7. हर्बल चाय का सेवन करें

सोडा वाले ठंडे पेय पदार्थ पीने के बजाय हर्बल चाय का सेवन करें।इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं जो गर्भाशय में मांसपेशियों की ऐंठन को कम कर सकते हैं। मासिक धर्म में ऐंठन से राहत पाने के लिए कैमोमाइल, सौंफ या अदरक की चाय पीना एक आसान, प्राकृतिक तरीका है। साथ ही इन हर्बल चाय के अन्य लाभ भी हो सकते हैं, जैसे तनाव से राहत और अनिद्रा में मदद करना।

8. सूजन कम करने वाली चीज़ों का सेवन करें

कुछ खाद्य पदार्थों में ऐंठन के लिए प्राकृतिक राहत प्रदान करने के गुण होते हैं और उनका स्वाद भी बहुत अच्छा होता है। इनके सेवन से शरीर का रक्त प्रवाह बढ़ता है और आपके गर्भाशय को आराम मिलता है। ऐसे खाद्य पदार्थों में जामुन, टमाटर, अनानास और मसाले जैसे हल्दी, अदरक या लहसुन शामिल हैं। साथ है पत्तेदार हरी सब्जियां, बादाम, अखरोट और वसायुक्त मछली, जैसे सैल्मन, भी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

9. ज्यादा वसा औऱ चीनी वाला खाना खाने से परहेज़ करें

पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण हम अकसर ज्यादा तला भुना,चिकनाई औप चीनी वाला खाना खाने लगते हैं।ऐसे भोजन शरीर में सूजन का कारण बन सकता है, जिससे मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन बढ़ जाती है। शुगर क्रेविंग से लड़ने के लिए एक केला या कोई अन्य फल का सेवन करें या अगर आप कुछ और नमकीन खाने का मन हो तो अनसाल्टेड नट्स लें। कॉफी की आदत है तो कोशिश करें कि डिकैफ़िनेटेड कॉफ़ी पिएं क्योंकि कैफीन आपकी रक्त वाहिकाओं को पतला कर देता है। यह आपके गर्भाशय का संकुचित बढ़ा  सकता है, जिससे ऐंठन अधिक दर्दनाक हो सकती है। यदि आपको  कॉफी पीनी ही है पीरियड्स के दौरान डिकैफ़िनेटेड कॉफी लें। प्रोटीन से भरपूर स्नैक खाकर भी आप कॉफी की तलब से बच सकते हैं।

10. वैकल्पिक चिकित्सा भी है कारगर रास्ता

 पीरियड्स के दर्द में कई बार लोग ज्यादा पेन किलर लेने से परहेज़ करते हैं। पेन किलर के साइड इफेक्ट्स के डर से उन्हें पार्कृतिक उपाय करना ही बेहतर लगता है। ऐसे लोगों के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति बेहतर विकल्प हो सकता है।अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जिन्हें अंग्रेज़ी दवाओं से परहेज़ है तो औप एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर जैसी रेमेडी का सहारा ले सकते हैं। एक्यूपंक्चर एक ऐसा अभ्यास है जो त्वचा में सुई लगाकर शरीर को उत्तेजित करता है। एक्यूप्रेशर शरीर के कुछ बिंदुओं पर दबाव डालकर बिना सुइयों के शरीर को उत्तेजित करता है। इस अभ्यास से आपको आराम मिल सकता है। इस इलाज से मांसपेशियों का तनाव दूर किया जा सकता है औऱ पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को सुधारने में मदद मिलती है।