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Last Updated: Apr 01, 2019
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पेट की बीमारी के घरेलू उपाय - Pet Ki Bimari Ke Gharelu Upay!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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पेट का रोग आज एक आम बिमारी है. पेट की बिमारी पेट से संबंधित लोगों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. जाहिर है इसका सबसे बड़ा कारण आज हमारे खान–पान में आया बदलाव है. आजकल एसिडिटी, जी मचलना, अल्सर आदि कई पेटों की बीमारियों ने बहुत से लोगों को अपना शिकार बना रखा है. यदि हम चाहें तो पेट की समस्याओं पर निजात पा सकते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम पेट की बीमारियों और उनसे बचने की उपायों को विस्तार से समझें ताकि इससे होने वाली परेशानियों को कम किया जा सके.

  • गैस बनना

कहते हैं न कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है. हम बात कर रहे हैं पेट में भोजन को पचाने वाले अम्ल की. हम जो भी खाते हैं उसे ये अम्ल ही पचाता है. लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं जिससे कि इसका दुष्प्रभाव नजर आने लगता है. दरअसल ऐसा तब होता है जब पचाने के लिए निकलने वाला अम्ल जरूरत से ज्यादा निकल जाता है या जब हमारे पेट में पर्याप्त भोजन नहीं होता हैओर अम्ल की मात्रा ज्यादा हो जाती है. सीने में होने वाली समस्या भी ऐसे ही दुष्प्रभाव का नतीजा है. पेट में गैस बनने का कारण तैलीय और मसालेदार भोजन है. इस तरह के भोजन को पचाने के लिए ज्यादा एसिड चाहिए होता है. इस आवश्यकता से अधिक एसिड को बनाने के लिए एसिड का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को उत्तेजित करना पड़ता है.

क्या है पेट के गैस से निपटने का उपचार-
1. दूध-

दूध एक सम्पूर्ण पौष्टिक आहार होने के साथ-साथ भोजन के अम्लीय प्रभाव को नष्ट करने वाला भी है. हलांकि इसका प्रयोग डॉक्टर के सलाह से ही करना चाहिए क्योंकि कुछ लोगों में दूध एसिडिटी को बढ़ाने वाला भी होता है.

2. हरी सब्जियां, फल और लौंग-
हरी सब्जियां और फल हमारे पेट हो साफ़ करने में मदद करती हैं. इससे एसिडिटी भी रूकती है. इसके अलावा लौंग खाने से भी एसिडिटी कम होती है. जब लौंग का रस मुंह के लार के साथ मिलकर पेट में पहुंचता है तो हम राहत महसूस करते हैं.

3. पानी-
सुबह उठने के साथ ही पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है. इससे होने वाले कई फायदों में एक ये भी है कि इससे गैस की समस्या भी ख़त्म होती है. होता ये है कि पानी पेट में आवश्यकता से अधिक बने एसिड और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है.

4. समय से भोजन-
अनियमित खान-पान से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. पेट में बनने वाला गैस भी इसका एक परिणाम हो सकता है. यदि आप इससे बचाना चाहते हैं तो रात का भोजन सोने से दो से तीन घंटे पहले कर लिया करें.

5. नारियल पानी-
नारियल का पानी पीने से भी एसिडिटी में आराम मिलता है. इसके अलावा आप खाने में अदरक का इस्तेमाल करके भी पाचन क्रिया को दुरुस्त कर सकते हैं. इससे पेट में होने वाला जलन भी रुकता है.

6. व्यायाम-
यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करें तो कई अवांछित बीमारियाँ तो ऐसे ही आपसे दूर रहेंगी. क्योंकि नियमित व्यायाम और योग करने से पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र का संतुलन बना रहता है.

7. कार्बोहाइड्रेट-
कार्बोहाइड्रेट पेट के गैस को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कार्बोहाइड्रेट का सबसे प्रमुख स्त्रोत है चावल. कार्बोहाइड्रेट की वजह से पेट में एसिड की कम मात्रा बनती है.

  • पेट का अल्सर-

पेट में होने वाली परेशानियों में एक है पेप्टिक अल्सर. छोटी आंत की परत में होने वाले घाव को पेप्टिक अल्सर कहते हैं. पेट में संक्रमण हेलिकोबेक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया की वजह से होता है. इसके होने के कुछ प्रमुख कारण है डिस्प्रिन, ऐस्प्रिन, ब्रूफेन जैसी दर्दनाशक आदि का सेवन. इसके अलावा ये धुम्रपान आदि से भी हो सकता है. आपको अल्सर है और आप तनाव में रहते हैं या मसालेदार खाना खाते हैं तो मामला ज्यादा बिगड़ सकता है.

पेप्टिक अल्सर के लक्षण-
1. थकान होना
2. सीने में दर्द
3. मल देर से होना या मल के साथ खून आना
4. वजन में कमी
5. उल्टी होना

क्या है पेप्टिक अल्सर के लक्षण?
1. जी मचलने जैसा महसूस होना
2. हमेशा ऐसा लगना जैसे कि पेट भरा हुआ है
3. खाने के एक से तीन घंटे के बाद ही भूख लगने जैसा या खाली पेट जैसा महसूस होना
4. पेट में दर्द होना. कभी-कभी ये दर्द बहुत तेज हो सकता है.
5. अपच होना या खाने के बाद पेट में दर्द होना.

क्या है इसका उपचार-
चूँकि ये बिमारी पेट में बनने वाले एसिड की वजह से होती है इसलिए इसमें एसिड को दबाने वाली दवाओं के साथ कुछ एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. इन सबके अलावा कुछ और उपचार हैं जिन्हें अपनाने से राहत मिलती है.
1. नशा, जैसे कि स्मोकिंग और ड्रिंकिंग बंद कर दें
2. कॉफ़ी (कैफीन रहित भी) पिने से बचें.
3. पेट में एसिड की मात्रा बढ़ाने वाली चीजें जैसे कि सोडा आदि पीने से बचें.
4. सेब, अजवायन, करौंदा और उसका रस, प्याज, लहसुन और चाय एच पायलोरी आदि का भरपूर सेवन करें. क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में फ्लेवॉनॉइड पाया जाता है.
5. फल और सब्जियां खूब खाएं. क्योंकि इसमें रेशा होता है और ये रेशा अल्सर के खतरे को कम करता है.
उल्टी होना या जी मचलना

यदि देखा जाए तो उल्टी होना या जी मचलना कोई एक बिमारी न होकर के कई बीमारियों का संकेत है. जब भी आपको जी मचलने जैसा महसूस होता है तब आप ऐसा महसूस करते हैं कि जैसे कि पेट अपने आपको एकदम खाली कर देना चाहता हो. लेकिन ये परेशानी पेट से सम्बंधित है तो हमें ये जरुर पता करना चाहिए कि इसकी असली वजह क्या है.

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