पेट मे गाँठ के लक्षण और प्रकार - Pet Mein Ganth Ke Lakshan Aur Prakar
पेट में विकसित होने वाली गाँठ एक ऐसी समस्या है जो कई बार परेशानी का कारण बन जाती है. पेट में बनने वाली गाँठ को कुछ लोग रसौली भी कहते हैं. दरअसल इस बीमारी में पेट के अंदर किसी अंग में गाँठ बन सकती है. आपको बता दें कि पेट में बनने वाली गाँठ की समस्याएं ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है. दरअसल महिलाओं की शारीरिक बनावट ऐसी है कि उनके पेट में बच्चेदानी स्थित होती है. यही पेट में गाँठ की वजह भी बन सकती है. आपको बता दें कि रसौली दरअसल पेट के अंग विशेष का नाम है जिसके आधार पर पेट की गाँठ को नाम दिया जाता है. जैसे यदि बच्चेदानी में गाँठ बनी तो उसे बच्चेदानी की रसौली, यदि गुर्दे में वही तो गुर्दे की रसौली इत्यादि की तरह नामकरण में उसकी सहायता ली जाती है
पेट के गाँठ का पता लगाने का तरीका - Pet Ke Ganth Pata Lagane Ka Tarika
चिकित्सक पेट में होने वाली रसौली का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट व जांच करते हैं. इन्हीं जाँच और टेस्ट के आधार पर इस बात का पता लगाया जाता है कि पेट की गाँठ किस अंग विशेष में हुई है. इसके लिए चिकित्सक मरीज का HB, ESR, TLC/DLC, यूरिन टेस्ट, पेट का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, IVP (गुर्दे के रंगीन एक्सरे) सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन इत्यादि करके इसका पता लगाते हैं. इसके अलावा पेट के किसी अन्य हिस्से या अंग में यदि पेट की गाँठ उत्पन्न हुई है तो उसको जानने के लिए चिकित्सक द्वारा पेट को कई भागों में बांट कर उसका पता लगाया जाता है. पेट की रसौली से ग्रसित व्यक्ति जो चिकित्सक के पास अपनी परेशानी लेकर जाता है तो डॉक्टर का प्रयास यही होता है कि वह इस बात का पता लगाएं कि रसौली पेट के किस हिस्से में हुई होगी और इसके लिए जांच करनी पड़ती है
पेट की गाँठ के लक्षण - Pet Ke Ganth Ke Lakshan
जैसा की हमने आपको बताया कि पेट की गाँठ को पेट के अंग विशेष में उत्पन्न होने के आधार पर ही विभाजित करते हैं अर्थात पेट के जिस हिस्से में गाँठ उत्पन्न होता है उसका लक्षणों को भी उसी के के आधार पर बताया जा सकता है
- आइए निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर इसे ठीक से समझें -
खाने की थैली में यानी आंतों में उत्पन्न पेट की गाँठ के लक्षण: - इसमें रोगी को खाना निगलने में परेशानी का अनुभव होता है. कब्ज से पीड़ित होने की संभावना इस बीमारी का एक लक्षण है. इस दौरान मरीज के पेट में दर्द का अनुभव भी हो सकता है. इस दौरान मरीज के पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है - गुर्दे से संबंधित पेट की गाँठ के लक्षण: - इस दौरान मरीज को पेशाब करते समय जलन का अनुभव होता है. मरीज के पेशाब में खून आने की भी संभावना बनती है. इस दौरान पेट में दर्द भी हो सकता है
- लीवर एवं पेट की गाँठ के लक्षण: - इस दौरान रोगी की पाचन क्षमता प्रभावित हो सकती है. ये भी हो सकता है कि मरीज को पीलिया की बीमारी पकड़ ले. यही नहीं इस दौरान पेट में दर्द भी हो सकता है
- बच्चेदानी में उत्पन्न होने वाले गाँठ के लक्षण: - किसी महिला के बच्चेदानी में गाँठ होती है तो उसकी अधिक मासिक आने की संभावना बनती है और इस दौरान पेट में दर्द भी आम बात है
पेट की गाँठ के प्रकार - Pet Ki Ganth Ke Prakar
पेट की गाँठ की बीमारी को हम आमतौर पर दो हिस्सों में बांट सकते हैं. ये दोनों ही वर्गिकरण इसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है.
आइए जानें कि ये दो प्रकार कौन से हो सकते हैं.
- कैंसर: - यदि पेट की गाँठ बहुत आकार में बहुत बड़ी है और स्वभावतः बहुत स्वभाव में सख्त हो और इसके साथ ये पेट से चिपका हुआ महसूस होता हो तो ऐसे गाँठ के कैंसर होने की ज्यादातर संभावना बनती है.
- साधारण: - इस प्रकार की पेट की गाँठ अर्थात रसौली सामान्य होती है. इनसे कैंसर होने की संभावना तो नहीं होती लेकिन फिर भी इसका इलाज किया जाना आवश्यक है. इसका इलाज दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन करके आसानी से किया जा सकता है.