पेट फूलना - Pet Phulna!
पेट फूलने का सबसे स्वाभाविक कारण प्रथम दृष्टया गैस ही नजर आता है. इसलिए ज़्यादातर स्थितियों में पेट में गैस के कारण पेट फूल भी जाता है. आपको बता दें कि सामान्य परिस्थिति में करीब 1 लीटर गैस पेट में और लगभग आधा लीटर गैस आंत में मौजूद होता है. पेट में गैस कई कारणों से बन सकता है जिसके मुख्य कारणों में आंत में गैस बनना, जो आंत उपस्थित माइक्रोफ्लोरा सूक्ष्मजीवी बैक्टीरिया के कारण बनती है, के अलावा कब्ज़ पेप्टिक अल्सर, खराब आहार, अत्यधिक शराब पीना, धुम्रपान, अपच और प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम इत्यादि शामिल है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पेट फूलने के विभिन्न उपचारों पर एक नजर डालें.
1. पेट फूलने का इलाज है सौंफ का बीज-
सौंफ़ के बीज पाचन समस्याओं से छुटकारा दिलान एमें मदद कर सकता है. यह एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है. इसमें मूत्रवर्धक, दर्द से राहत देने और माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं. सौफ के बीज पाचन तंत्र में मसल्स क्रैंप और पेट की सूजन से राहत देते हैं. भोजन करने के बाद कुछ सौफ के बीज को चबाएं. इसके अलावा आप सौंफ के 1 चम्मच बीज को एक कप गर्म पानी में डाल कर पांच या दस मिनट के लिए उबलने को रख दें. इसके उबलने के बाद मिश्रण को छान लें. इसे पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पिएं.
2. अदरक-
अदरक एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग गैस और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है. 5-6 अदरक के टुकड़ों को काट लें. फिर उन्हें गर्म पानी में डाल दें. बर्तन को ढक दें और दस मिनट के लिए इसे उबलते रहने दें. उबलने के बाद उसमे शहद मिलाएं और पी जाएँ. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में तीन बार ज़रूर करें. इसके अलावा आप एक चम्मच पीसी अदरक को खाना खाने से पहले खाएं. आप अदरक की जड़ों को पीसकर अपने खाने में भी डाल सकते हैं.
3. कैमोमाइल चाय-
कैमोमाइल चाय को भी सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सूजनरोधी और एंटी-स्पास्मोडिक गुण मौजूद होते हैं जो पेट की सूजन और हार्टबर्न से राहत पहुंचाता हैं. इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक कप पानी उबाल लें. इसमें एक कैमोमाइल टी बैग को डाल दें. इसको अब किसी बर्तन से 10 से 15 मिनट ढँक कर छोड़ दें. इस चाय का इस्तेमाल पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर करना चाहिए.
4. लाभदयक है जीरा-
जीरे का इस्तेमाल पेट फूलने से राहत पाने के लिए एक घरेलू उपचार में उपयोग किया जाता है. जीरे में एंटी-स्पास्मोडिक एन्टिमाइक्रोबियल और कार्मिनेटिव गुण होते हैं. कार्वोल और कारवीन केमिकल जीरे के बीज में मौजूद होते हैं जो पाचन तंत्र की मसल्स टिश्यू को राहत देते हैं और पेट की सूजन के कारण बनने वाली गैस को भी निकालने में मदद करते हैं. यदि आप बार-बार सूजन से पीड़ित होते हैं, तो पूरे दिन में कई बार कुछ जीरे के बीज को चबाएं. अगर जीरे की बीज का स्वाद आपके लिए स्वादिष्ट नहीं है तो आप जीरे से बने बिस्कुट खा सकते हैं. इसके अलावा आप जीरे की बीज की चाय बनाकर भी पी सकते हैं.
5. करें मसाज-
कुछ पॉइंट्स पर मालिश करने से ब्लोटिंग यानी पेट के फूलेपन से छुटकारा मिल सकता है. इसके लिए आप अपनी चार अंगुलियों को नाभि के से ऊपर रखें. अब अपनी ऊपरी अंगुली के ऊपर जो पॉइंट है, उसे अपनी अंगुलियों से 2-3 मिनट के लिए घड़ी की दिशा में और फिर घड़ी की विपरीत दिशा में मालिश करें. यदि आपने सब कुछ सही ढंग से किया होगा तो आप अपने मुँह में एक खट्टा स्वाद महसूस करेंगे और आपके लार में भी वृद्धि होगी.
6. कद्दू है फायदेमंद-
कद्दू को पेट फूलने के साथ साथ सूजन से राहत पाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. कद्दू में विटामिन ए, पोटेशियम और फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो पाचन तंत्र के लिए बहुत सहायक होते है. आप रोजाना एक कप कद्दू को खाने में ज़रूर मिलाएं जिससे पेट की सूजन और गैस से मदद मिलेगी. आप इसे स्टीम या फ्राई कर या अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं.
7. नींबू पानी-
नींबू पानी के फायदे से तो आप सभी परिचित होंगे. यह सामान्य स्थिति में भी पी सकते है. आप एक ग्लास गर्म पानी में नींबू मिलाकर भोजन से 15-30 मिनट पहले पिएं. यह गैस्ट्रिक एसिड के स्राव को सामान्य बनाने में मदद करता है और हार्टबर्न के लक्षणों से राहत दिलाता है और साथ ही आंत में डकार और गैस बनने से भी रोकता है.
8. अदरक चाय-
अदरक एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो गैस के निर्माण और आंत्र सम्बंधित गतिविधि को कम करता है. यह ब्लड को पतला करता है और इसके परिसंचरण में सुधार करता है. इसके लिए आप अदरक की चाय का सेवन करें.
9. चक्र फूल का करें उपयोग-
चक्र फूल को पाचन तंत्र में आराम पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं. इसमें एंटी-स्पासमोडिक गुण के अलावा कार्मिनेटिव प्रभाव पेट की गैस को बनने से रोकता है और पेट की सूजन को दूर करता है. इसका अधिकतम फायदे पाने के लिए चक्र फूल को पानी में मिश्रित कर के पीना चाहिए. हालाँकि, एक शोध से पता है की यह छोटे बच्चों द्वारा सेवन करने पर उल्टी, बेचैनी और तेजी से आँखों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए छोटे बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, गर्भवती महिलायें चक्र फूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
10. पुदीने का करें इस्तेमाल-
पुदीने में मेंथोल ऑयल होता है जिसमे एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं जो मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं. यह जठरांत्र, पित्त नली और पित्ताशय की थैली में ऐंठन को दूर करता है. इसके लिए आप कुछ पुदीने की पत्तियों को चबा सकते हैं. इसके अलावा पुदीने के चाय के बैग को गर्म पानी में दस मिनट के लिए रख दें और फिर इसे पी जाएँ. इस चाय का इस्तेमाल पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर करें.
11. चारकोल की गोलियां है उपयोगी-
चारकोल में छिद्रयुक्त होता है, जो पेट में हवा और पानी को निकलने में मदद करता है. पेट में संक्रमण की वजह से आंतों में पनपने वाली गैस को चारकोल दूर करता है. चारकोल की दवाइयां आपको टेबलेट, कैप्सूल और पाउडर के रूप में दुकानों पर मिल जाएंगी. लेकिन इन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें.
12. नींबू पानी का करें प्रयोग-
गर्म पानी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है और साथ ही शरीर को हाइड्रेटेड रखता है. नींबू में विटामिन बी, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के गुण होते हैं जो पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा, नींबू में मौजूद अम्लीय गुण हाइड्रोक्लोरिक एसिड के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जिससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है. जब आप पानी और नींबू को एक साथ मिलाएंगे तो यह आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं. गर्म नींबू पानी पीने से आपको सूजन, गैस और कब्ज से राहत मिलती है.
13. खाएं केला-
केला फाइबर का एक अच्छा स्त्रोत है जो कब्ज़ से जुडी पेट की सूजन और गैस को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा केले में पोटेशियम मौजूद होता है. यह खनिज शरीर में मौजूद फ्लूड को नियंत्रित रखता है और पेट की सूजन की समस्या में आराम पहुंचाता है. अगर आप केला रोज़ाना खाते हैं तो आप पेट की सूजन को कम कर पाएंगे. आप इसे स्नैक, फल के सलाद या डेजर्ट की तरह खा सकते हैं.